हिन्दू-विरोधी Question हटाने पर Unacademy हुआ मजबूर, लेकिन उसकी मानसिकता एक्सपोज हो गयी

Unacademy की हुई आलोचना, मांगनी पड़ी माफी

Unacademy question controversy

आजकल तो हिंदुओं को गालियां देना जैसे फैशन बन चुका है। कांग्रेस टूलकिट का घृणास्पद कॉन्टेन्ट उजागर हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता था कि एक एजुकेशनल ऐप की हिंदुओं के प्रति घृणा सबके सामने उजागर हुई है। Unacademy ने लीगल परीक्षाओं के लिए दिए गए नोट्स में कुछ हिन्दू विरोधी question पूछे गए थे, जिसमें जानबूझकर हिंदुओं पर झूठे इल्जाम लगाए गए, जिसके पीछे न केवल बहुत बवाल हुआ, बल्कि वह सवाल डिलीट कर Unacademy को क्षमा भी माँगनी पड़ी।

हाल ही में Unacademy ने लीगल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी हेतु कुछ question अपलोड किए। इनमें से एक question बहुत वायरल हुआ, क्योंकि उसमें स्पष्ट तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाने का प्रयास किया गया था। इस प्रश्न में पूछा गया था कि यदि मुसलमानों का एक जत्था एक हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र से गुजरे और हिन्दू पत्थरबाजी करे, तो आपको क्या करना चाहिए? –

ये question न केवल भड़काऊ था, बल्कि स्पष्ट तौर पर हिंदुओं को अपमानित करने के उद्देश्य से पोस्ट किया गया था। हालांकि, ये Unacademy के लिए कोई नई बात नहीं है, क्योंकि ये संगठन इससे पहले भी शिक्षा के नाम पर हिंदुओं को अपमानित करने और युवाओं को हिंदुओं के विरुद्ध भड़काने के लिए कुख्यात रहा है।

पिछले वर्ष इसी विषय पर TFI पोस्ट ने एक लेख भी प्रकाशित किया था, जिसमें रेखांकित किया गया था कि कैसे Unacademy शिक्षा के नाम पर युवाओं में वैमनस्य घोल रहा है। इसमें कहीं कोई ‘ब्राह्मणवाद’ को नष्ट करने का आह्वान दे रहा है, तो कहीं कोई युवाओं को एके 47 उठाने के लिए भड़का रहा है।

लेकिन इस बार Unacademy की दाल नहीं गली। लोगों ने उसके भड़काऊ questions के लिए न केवल उसे आड़े हाथों लिया, बल्कि उसे उन questions को हटाकर क्षमा मांगने पर मजबूर किया। हालांकि Unacademy ने इसका ठीकरा थर्ड पार्टी संगठन पर फोड़ने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी उसके बहकावे में नहीं आया –

सच तो ये है कि अब भारत में हिन्दू पहले की भांति सुप्त नहीं है कि उनपर कोई भी कभी भी कीचड़ उछालके चल देता था, और वे चुपचाप उस अपमान को सह लेते थे। आज हिंदुओं के दबाव में बड़े से बड़े संगठन तक को अपने कदमों पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है, और इस भांति Unacademy को भी अपने भड़काऊ प्रश्नों को हटाने के लिए विवश किया गया।

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