अमेरिका की 19 कर्मचारियों वाली कंपनी ने भारत को दिया 30 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव, भारतीय मीडिया ने इसे पूरे पेज का विज्ञापन बना दिया

निवेश के नाम पर भारत को चूना लगाना चाहती है ये US-based कंपनी

Landomus Realty Ventures 500 billion dollar investment

Business Today

आज जब भारत कोरोना के दूसरे लहर से जूझ रहा है तब ऐसे समय में एक ऐसी कंपनी सामने आई है जो देश में 500 बिलियन डॉलर यानी 36 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने का प्रचार कर रही है। अपने आप को अमेरिका स्थित फर्म बताने वाली Landomus Realty Ventures नामक इस कंपनी ने अख़बार के फ्रंट पेज पर advertisement देकर यह ऐलान किया। हालाँकि, जब जाँच की गयी तो इस कंपनी की न तो वेबसाइट अपडेटेड है और न ही कंपनी का रेवेन्यु इस स्थिति में है कि वह इतने बड़े पैमाने पर निवेश कर सके।

Landomus Realty Ventures ने अपने advertisement में कहा है कि वह भारत की नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) में इक्विटी के रूप में 500 बिलियन डॉलर का निवेश करना चाहती है। इस घोषणा के साथ कंपनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेश की अनुमति के लिए अपील की है।

अर्थात 1 लाख रुपये की paid-up capital के साथ 5 वर्षीय स्टार्ट-अप कंपनी ने भारत में 500 अरब डॉलर का निवेश करने की मांग की है, जो कि 3,64,45,50,00,000 रुपये यानी 36 लाख करोड़ है।

Advertisement में आगे लिखा है, ” Landomus Realty Ventures इंक, यूएसए, भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) और गैर-एनआईपी परियोजनाओं में बिल्ड इंडिया के तहत 2 ट्रिलियन डॉलर निवेश के पहले चरण के रूप में इक्विटी में 500 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश करना चाहता है। Landomus ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप कुमार सत्यप्रकाश ने विज्ञापन में ‘इन्वेस्ट इंडिया’ पहल करते हुए इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड के तहत यह अपील की।

कंपनी ने यह भी दावा किया गया है कि “भारत को महामारी मुक्त बनाने के लिए इस कंपनी के पास एक ठोस योजना है। साथ ही प्रधानमंत्री से अपॉइंटमेंट का अनुरोध किया गया है कि उन्हें योजना पेश करने का अवसर प्रदान किया जाये।

सत्यप्रकाश ने कहा Landomus Realty Ventures का लक्ष्य निवेशकों और डेवलपर्स के साथ एनआईपी और गैर-एनआईपी परियोजनाओं को पूरा करने में सहायता करना है।

इस विज्ञापन से ही ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दाल में अवश्य ही कुछ काला है। जब जांच की गयी तो यह बात सामने आई कि Landomus Realty Ventures कंपनी अमेरिका स्थित नहीं बल्कि इसे बेंगलुरु में पंजीकृत किया गया है। साथ ही इसकी वेबसाइट भी बेंगलुरु में रजिस्टर की गई थी वह भी 2015 में यूनाइटेड लैंड बैंक द्वारा पंजीकृत की गई थी, जिसका मुख्यालय भारत के कर्नाटक में सिवन चेट्टी गार्डन में है।

कंपनी की वेबसाइट एक ही वेबपेज की है जो कि इस कंपनी के बारे में कुछ खास जानकारी भी नहीं देती है और न ही कंपनी के निवेश प्रोजेक्ट की जानकारी देती है। जूमइन्फो के अनुसार, कंपनी में मात्र 19 कर्मचारी हैं और 5 मिलियन डॉलर का राजस्व है।

अब तक का स्पष्ट सवाल यह है कि कंपनी भारत में निवेश करने के लिए 500 बिलियन डॉलर कैसे जुटाएगी? RoC रिकॉर्ड के अनुसार, फर्म अपनी या leased property के साथ real estate गतिविधियों में शामिल है।

इस निवेश की विशालता को सरलता से समझने के लिए, यहाँ ध्यान देना आवश्यक है कि भारतीय रिजर्व बैंक का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 577 बिलियन डॉलर है। अगर इसे वैश्विक संदर्भ समझा जाये तो CNBC 18 के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति, जो बाइडन ने मार्च में 1.9 ट्रिलियन डॉलर के COVID-19 राहत पैकेज पर हस्ताक्षर किया था, जिसका अर्थ है कि Landomus Realty Ventures भारत में अमेरिकी COVID राहत पैकेज का एक तिहाई निवेश करना चाहती है। वहीं बिल गेट्स की कुल संपत्ति 125 बिलियन डॉलर है।

CNBC 18 के अनुसार लैंडोमस रियल्टी, बैंगलोर के लिए व्यापार संचालन का एक बड़ा पोर्टफोलियो दिखाने वाले रिकॉर्ड के बावजूद, CREDAI का कहना है कि उन्होंने फर्म के बारे में कभी नहीं सुना है और यह CREDAI का हिस्सा नहीं है।

Zauba Corp के अनुसार, Landomus Realty Ventures ने पिछले तीन वर्षों में कोई वार्षिक आम बैठक (एजीएम) नहीं की है। साथ ही, कंपनी ने 31 मार्च, 2018 को अपनी नवीनतम बैलेंस शीट दाखिल की। लैंडोमस रियल्टी के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में प्रदीप कुमार सत्यप्रकाश को सूचीबद्ध किया गया है। ममता एचएन, यश प्रदीप कुमार, रक्षित गंगाधर और गुणश्री प्रदीप कुमार को कंपनी के निदेशक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

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बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिसंबर 2019 में एनआईपी की घोषणा की। एनआईपी के तहत, सरकार ने वित्त वर्ष 2020-25 के दौरान 111 लाख करोड़ रुपये के कुल बुनियादी ढांचा निवेश का अनुमान लगाया है। केंद्रीय बजट 2021 के दौरान, एनआईपी के तहत परियोजनाओं की संख्या 6,835 परियोजनाओं से बढ़ाकर 7,400 परियोजनाओं तक कर दी गई थी। अब ऐसा लगता है Landomus Realty Ventures इसी NIP का फायदा उठा कर देश को चुना लगाना चाहती है।

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