“ट्रम्प की सारी मेहनत बर्बाद”, भारत-विरोधी रुख अपनाने पर US मीडिया ने लिया बाइडन को आड़े हाथ

अमेरिकी मीडिया ने भारत-विरोधी बाइडन पर लगाया चीन की सहायता करने का आरोप

बाइडन

(PC: NBC News)

“ट्रम्प के समय भारत और अमेरिका के रिश्ते कितने अच्छे थे, दोनों देश एक दूसरे के सच्चे साथी की तरह बर्ताव कर रहे थे। हालांकि, बाइडन ने अब ट्रम्प की सालों की मेहनत पर पानी फेर दिया है”- यह हमारा नहीं, बल्कि खुद अमेरिकी मीडिया का मानना है। कोरोना महामारी के दौरान जिस प्रकार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत को लेकर निराशाजनक रुख दिखाया है, उसके बाद वे अब अपने ही देश की मीडिया के निशाने पर आ गए हैं।

अमेरिकी न्यूज़ पोर्टल The National Pulse ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में बाइडन पर हमला बोलते हुए लिखा “कोरोना के दौरान कुछ दिन पहले तक बाइडन ने भारत के लिए ज़रूरी मेडिकल सप्लाई पर रोक लगाए रखी, जिसने चीन को बैठे-बिठाये अमेरिका को कोसने का और भारत को अपने पाले में करने का एक अच्छा मौका दे दिया।” रिपोर्ट में इशारों ही इशारों में ये भी कहा गया है कि भारत के खिलाफ काम कर बाइडन ने जाने-अनजाने में चीन को अमेरिका-भारत के रिश्तों में फूट डालने का अवसर दे दिया।

National Pulse से पहले अमेरिकी न्यूज़ पोर्टल Politico भी भारत की सहायता ना करने के लिए बाइडन प्रशासन को आड़े हाथों ले चुका है। Politico ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा था “भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन Exporter है। अगर भारत में समस्या बढ़ी और भारत दुनिया को वैक्सीन प्रदान ना कर पाया तो इसका चीन को बड़ा फायदा होगा और वह क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने में सफल हो जाएगा।”

अमेरिकी मीडिया ना सिर्फ बाइडन को लताड़ लगा रही है बल्कि उसे भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने के लिए सुझाव भी दे रही है। National Pulse ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका अपने हिस्से की Astra Zeneca वैक्सीन भारत को सौंप सकता है क्योंकि अमेरिका में उनकी कोई ज़रूरत नहीं है। रिपोर्ट में लिखा गया है “मार्च में अमेरिका ने Astra Zeneca की करीब 40 लाख डोज़ कनाडा और Mexico को कर्ज़ पर दी थी। बाकी वैक्सीन अब भी अमेरिका के पास ही हैं।”

यह बात सच है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए। पाकिस्तान पर कार्रवाई करने से लेकर चीन के खिलाफ Quad समूह बनाने तक और भारत के साथ बड़े-बड़े सुरक्षा समझौते करने से लेकर चीन की अक्ल ठिकाने लगाने तक, ट्रम्प ने भारत-अमेरिका के सम्बन्धों को मजबूत करने के लिए बहुत कुछ किया। हालांकि, बाइडन अब सब खराब करने पर उतारू हैं। पिछले महीने अमेरिका ने भारत के Exclusive Economic Zone में घुसपैठ कर भारत को आँख दिखाने का काम किया था। बाइडन बाद में भारी दबाव के बीच भारत की सहायता करने हेतु राजी तो हो गए लेकिन अपनी हरकतों से बाइडन ने भारत को लेकर अपनी सोच को एक्सपोज तो कर ही दिया था।

बाइडन को तो शायद भारत की अहमियत का अंदाज़ा नहीं है, लेकिन अमेरिकी मीडिया को यह अच्छे से ज्ञात है। Indo-Pacific की सबसे बड़ी शक्ति और दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश को नाराज़ करना अमेरिका के लिए अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के समान है।

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