अखिलेश और बजाज जैसे लोगों ने वैक्सीन के खिलाफ दुष्प्रचार किया, कोरोना त्रासदी के लिए ये भी जिम्मेदार हैं

सिर्फ कोरोना नहीं, वायरस से ज़्यादा खतरनाक सोच रखने वाले लोग भी दोषी हैं

वैक्सीन

Tirangaa.Org

कोरोना का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ रहा है। अचानक हो रहे कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 1 मई से 18 से 45 वर्ष के लोगों को भी वैक्सीन लगवाने का कार्यक्रम शुरू कर दिया है, परन्तु शुरुआत में जिस तरह से भारतीय वैक्सीन के खिलाफ प्रोपोगेन्डा फैलाया गया और लोगों के अन्दर वैक्सीन को लेकर डर फैलाने की कोशिश की गयी थी उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं है कि दूसरे चरण में हुई अधिकतर मौतों के जिम्मेदार वो लोग है जिन्होंने वैक्सीन के खिलाफ दुष्प्रचार किया। चाहे वे राजनीतिक नेता हो या लेफ्ट ब्रिगेड की हस्ती ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। ऐसे लोगों ने वैक्सीन के खिलाफ प्रोपोगेन्डा फैला कर लोगों के मन में भय पैदा किया और स्वयं वैक्सीन लगवाने पहुँच गये।

ट्विटर पर @moronhumor नामक ट्विटर हैंडल ने वैक्सीन के खिलाफ ऐसे प्रचार करने वालों की एक लिस्ट बनायी है। आईये देखते हैं।

https://twitter.com/moronhumor/status/1388166049724616707?s=20

विपक्ष की लगभग सभी पार्टियां, चाहे वो कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी या कम्युनिस्ट पार्टी सभी ने वैक्सीन के आने से पहले ही उसके खिलाफ प्रचार करना और लोगों को डराने का काम शुरू कर दिया था।

कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की है, जो पहले तो वैक्सिनेशन प्रोग्राम में उम्र घटाने की बात कर रहे थे, लेकिन जब वो हो गया है, तो उनका कहना था कि गरीबों को वैक्सीन कैसे मिलेगी, जो मिलेगी उसकी कीमत क्या होगी, बिचौलियों के जरिए वैक्सीन की कीमत बेहद महंगी हो जाएगी। इतना ही नहीं कांग्रेस के एक और नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि कीमत न तय होने से मुनाफाखोरी बढ़ेगी और राज्य सरकारों को vaccine लेने में सबसे ज्यादा दिक्कतें होंगी।

https://twitter.com/RahulGandhi/status/1384390172637335561?s=20

शशि थरूर ने तो प्रोपेगंडा के लिए भारत में बन रही vaccine पर ही सवाल उठा दिया था। 3 जनवरी 2021 की अपने ट्वीट में शशि थरूर ने कहा था कि “Covaxin को अप्रूवल देना खतरनाक हो सकता है।” यही नहीं उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से इस विषय पर स्पष्टीकरण माँगा था।

https://twitter.com/NarenMenon1/status/1387265567166447618?s=20

कांग्रेस के ही मनीष तिवारी ने 5 जनवरी 2021 को सवाल उठाते हुए कहा था कि सरकार कुछ राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते 130 करोड़ भारतीयों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती। vaccine के खिलाफ लोगों में डर फ़ैलाने के लिए उन्होंने कहा था कि जिस पर लगातार प्रश्न उठ रहे हैं उस वैक्सीन को स्वेच्छा से कौन लगवाएगा।

https://twitter.com/moronhumor/status/1388201169164636162?s=20

वहीं समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने वैक्सीन को बीजेपी का वैक्सीन घोषित कर दिया था और कहा था कि यह बीजेपी की वैक्सीन है इसे कौन लगवाएगा?

https://twitter.com/moronhumor/status/1388166049724616707?s=20

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने 10 जनवरी 2021 को कहा था कि छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन के लिए Covaxin के उपयोग को वह समर्थन नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि “vaccine की दक्षता और सुरक्षा साबित होने तक वैक्सीन का उपयोग असुरक्षित है।”

https://twitter.com/TS_SinghDeo/status/1348211349046784000?s=20

एनसीपी नेता नवाब मालिक ने कहा था कि, “फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो गया है लेकिन लोगों के मन में अभी भी शंका है। इसलिए प्रधानमंत्री को आगे आकार पहले वैक्सीन लेनी चाहिए।“

वहीं जब मौका मिला तो AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी कहाँ पीछे रहने वाले थे। उन्होंने वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड पर प्रश्न उठाए और प्रधानमंत्री से यह प्रश्न किया कि उन्होंने कोवैक्सीन की खुराक क्यों ली?

https://twitter.com/moronhumor/status/1388348604876828672?s=20

कोरोनो वायरस के कारण लगाये गए लॉकडाउन की आलोचना करने वाले राजीव बजाज ने एनडीटीवी के पत्रकार श्रीनिवास जैन के साथ साक्षात्कार में तो यह तक कह दिया था कि भारतीय टीके सुरक्षित नहीं है।

https://twitter.com/ndtv/status/1357628838344200194?s=20

वहीं कांग्रेस के सबसे बड़े चाटुकारों में से एक और भारत में Coup की झूठी रिपोर्ट लिखने वाले शेखर गुप्ता की The Print से लेकर fake न्यूज़ के लिए मशहूर The Wire और सभी वामपंथी पोर्टल वैक्सीन के खिलाफ प्रचार में जी जान से जुटे थे। शेखर गुप्ता की The Print तो न जाने कई लेख वैक्सीन के खिलाफ लिखे और आखिरी समय तक युवाओं को डराने की कोशिश करते रहे।

पत्रकार संदीप चौधरी ने 6 जनवरी 2021 को कहा कि जब तक तीसरे चरण का ट्रायल पूरा नहीं होता और वैक्सीन की दक्षता साबित नहीं होती तब तक वह वैक्सीन की खुराक नहीं लेंगे। लेकिन उन्हीं संदीप चौधरी ने 28 अप्रैल 2021 को कहा कि वैक्सीन उनका अधिकार है और उन्हें यह मुफ्त में मिलना चाहिए।

https://twitter.com/moronhumor/status/1388166935838433280?s=20

कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य ने कार्टून के जरीए वैक्सीन के खिलाफ कुछ प्रोपोगेन्डा फैलाया और लोगों के मन में वैक्सीन के लिए भय पैदा की, परन्तु जब स्वयं की बारी आई तो उन्होंने 18 अप्रैल 2021 को वैक्सीन की पहली डोज ली।

https://twitter.com/moronhumor/status/1388168245673349124?s=20

पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी, रोहिणी सिंह, सागरिका घोष, प्रशांत भूषण उन लोगों में थीं जिन्होंने भारत बायोटेक की Covaxin पर सीधे-सीधे प्रश्न उठाते हुए कहा था कि उन्हें भारत बायोटेक पर कोई भरोसा नहीं है और वह Covaxin नहीं लेंगी।

https://twitter.com/moronhumor/status/1388477000705355782?s=20

https://twitter.com/moronhumor/status/1388473451296526336?s=20

कोरोना से कई ऐसे लोगों की मौत हुई जिनकी जान वैक्सीन लेने से बच सकती थी। ऐसे लोगों की मौत के जिम्मेदार सतीश आचार्य जैसे लोग नहीं हैं तो कौन है? केंद्र को ऐसे लोगों को चिन्हित कर एक्शन लेना चाहिए।

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