कम्यूनिज़्म और परिवारवाद का संगम- विजयन का दामाद मोहम्मद रियाज अब बनेगा केरला का मंत्री

भाई- भतीजावाद का Game खेल रही है केरल सरकार

मोहम्मद रियाज

अमर उजाला

आज यानी 20 मई को केरल में नई सरकार के लिए शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है। जिसमें मुख्यमंत्री समेत 20 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण किया है। बता दें कि इस बार केरल के मंत्री मंडल में मुख्यमंत्री छोड़ बाकी सभी नए चेहरों को मौका दिया गया है। उनमें से एक मुख्‍यमंत्री पी विजयन का दामाद मोहम्मद रियाज भी शामिल है।

विजयन के दामाद मोहम्मद रियाज, जो CPI-M की युवा शाखा, DYFI के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। रियाज को लोक निर्माण विभाग मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रियाज ने  साल 2020 में ही विजयन की बेटी वीना विजयन से शादी की थी।

आपको बता दें कि पिनराई विजयन ने अपने मंत्रिमंडल से सभी पुराने मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है। जिसमें केरल सरकार की पूर्व बहुचर्चित स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा भी शामिल है। केके शैलजा को केरल सरकार ने देश की सबसे अच्छी मंत्री का दावा करके  PR भी चलाया था, परंतु वह भी नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाई। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि, केके शैलजा अपने विधानसभा क्षेत्र से 60,000 वोटों से चुनाव जीती है जबकि पी विजयन का दामाद रियाज महज 29,000 वोटों से चुनाव जीता है।

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मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के दामाद मोहम्मद रियाज को पहली दफा मंत्री पद दिया है। हैरानी की बात यह है कि रियाज के अंदर अनुभव न होने के कारण भी दो महत्वपूर्ण मंत्रालय दिये गये है -लोक निर्माण विभाग मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय। यह कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देना है तो और क्या है!

हालांकि, यह पहली बार नहीं हुआ है जब केरल सरकार ने भाई- भतीजावाद के लिए रास्ता खोला है। इससे पहले भी सरकारी पदों के भर्तियों में इस प्रकार के मामले सामने आते रहे हैं। उदाहरण के लिए बता दूं कि केरल के सत्तारूढ़ गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी ने राज्य सरकार द्वारा संचालित कंपनियों में नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद के लिए राज्य के पूर्व मंत्री जयाराजन पर आरोप लगाया था।

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गौरतलब है कि देश की समाजवादी पार्टियां जैसे कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और तृणमूल कांग्रेस दशकों से परिवारवाद और भाई – भतीजावाद को बम्पर बढ़ावा देते हुए आ रही है। ऐसी राजनीतिक पार्टियां जानहित कम और परिवार हित के ज्यादा काम करती है।

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