कैंसर की जांच के नए अविष्कार के साथ ही भारत फार्मास्युटिकल क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर बन सकता है

यह अविष्कार विश्व में लाखों लोगों की जान बचा सकता है

कैंसर

पिछले कुछ वर्षों में भारत फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में महाशक्ति बन कर उभरा है। भारत की क्षमता हाल के कोरोना महामारी के दौरान देखने को मिली है। इसके अलावा भी भारत अफ्रीकन यूनियन, दक्षिणी अमेरिका जैसे क्षेत्रों में फार्मास्युटिकल उत्पादों का प्रमुख निर्यातक है। भारत बायोटेक, Biocon जैसी बड़ी कंपनियों के अलावा कई छोटे स्टार्टअप भी  ही जिन्होंने अपने आप को वैश्विक फार्मास्युटिकल सेक्टर में स्थापित किया है, जिसके कारण ही भारत दुनिया का फार्मा हब बन गया है।

इसी क्रम में भारत की एक स्टार्टअप कंपनी Tzar Labs ने एक महत्वपूर्ण खोज की है जिससे कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव हो सकता है। कंपनी का दावा है कि उन्होंने कैंसर का पता लगाने के लिए एक नई जांच का अविष्कार किया है। सेलुलर बायोलॉजी के क्षेत्र में हुए इस शोध के बाद कंपनी ने ब्लड टेस्ट के जरिये, कैंसर की उपस्थिति, अनुपस्थिति अथवा संभावना का पता लगाने का दावा किया है।

कंपनी का दावा है कि उनका HrC टेस्ट कैंसर की उपस्थिति के साथ ही उसके स्टेज के बारे में भी पता लगाया जा सकता है। हर साल दुनियाभर में लाखों लोग कैंसर से मरते हैं। इनमें से कई मामले ऐसे होते हैं, जिनमें रोगी को कैंसर की जानकारी होने में इतनी देर हो जाती है कि तब तक कैंसर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका होता है। बहुत से लोग इलाज के अभाव में नहीं मरते, बल्कि देर से शुरू हुए इलाज के कारण मरते हैं। ऐसे में Tzar लैब की खोज इस बीमारी की सबसे बड़ी समस्या, समय रहते कैंसर को पहचानने की कठिनाई का समाधान कर सकती है।

कंपनी की ओर से जारी बयान में कंपनी के CEO आशीष त्रिपाठी ने कहा, “हम एक सामान्य ब्लड टेस्ट के जरिये, सभी प्रकार के कैंसर को शुरुआत में ही पहचान सकते हैं, यहाँ तक कि ट्यूमर बनने से भी पहले। यह विश्व का कैंसर के मामले में पहला prognostic test (बीमारी शुरू होने के पूर्व में जानकारी देने वाला परीक्षण) है। “

आशीष त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया “हम न सिर्फ आपको यह बता सकते हैं कि आपको कैंसर है या नहीं बल्कि आपका HrC मार्क सुरक्षित जोन में होने पर हम कैंसर होने के भावी संभावना को निश्चयपूर्वक नकार सकते हैं।”

यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक ऐसी कोई भी खोज नहीं हुई है ऐसे में कंपनी अरबों रुपये के बाजार की एकमात्र दावेदार बनकर उभर सकती है। साथ ही यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत की छवि को और मजबूत करेगी।

मुंबई स्थित कंपनी के इस आविष्कार से हर साल भारत में कैंसर से होने वाली मौतों को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। National Institute of Cancer Prevention and Research के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल 11 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं और 9 लाख लोगों की मृत्यु होती है।

एक अनुमान के मुताबिक, भारत का फार्मास्युटिकल मार्केट 2030 तक 130 बिलियन डॉलर का हो जाएगा, किन्तु इस खोज की सफलता इसे और बड़ा बना सकती है, क्योंकि अकेले कैंसर में ही कई सौ बिलियन डॉलर खर्च होते हैं। हर साल वैश्विक स्तर पर 10 मिलियन से अधिक लोगों मौत इस बीमारी से हो जाती है। ऐसे में यह खोज न सिर्फ मानवता के लिए ही वरदान बनेगी बल्कि भारत की आर्थिक तरक्की में भी महत्वपूर्ण सहयोग देगी।

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