ब्रिटेन का मशहूर मीडिया संगठन BBC यानि British Broadcasting Corporation एक बार फिर से विवादों के घेरे में आ गया है। वैसे तो बीबीसी का विवादों से पुराना नाता रहा है, लेकिन हालिया विवाद के कारण तो बीबीसी के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, अब बीबीसी राजकुमारी डायना के “Interview of the Century” के कारण चर्चा में आया है। इस इंटरव्यू से जुड़े अब कई धमाकेदार खुलासे हुए हैं, जिसके बाद लोगों का बीबीसी पर से बचा-कुचा विश्वास भी खत्म होने को आ गया है।
बता दें कि बीबीसी की ओर से पत्रकार Martin Bashir ने वर्ष 1995 में राजकुमारी डायना का इंटरव्यू लिया था। अब लगभग 26 सालों बाद यह खुलासा हुआ है कि Bashir ने इस इंटरव्यू के लिए डायना के भाई पर नकली दस्तावेजों के आधार पर अनैतिक दबाव बनाया था। इस विवादित इंटरव्यू की जांच के नतीजे सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ है, जिसके बाद कुछ दिनों पहले ही बीबीसी से इस्तीफ़ा देने वाले Martin Bashir ने अपने उस इंटरव्यू के लिए माफी मांगी है। उनके एक बयान के अनुसार “उनका मकसद कभी भी डायना को नुकसान पहुँचाने का नहीं था। हमें विश्वास नहीं हो रहा हमसे क्या हुआ है।”
माना जाता है कि इस इंटरव्यू के बाद राजकुमारी डायना की मानसिक स्थिति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा था। नए खुलासों के बाद राजकुमार Charles William ने बीबीसी की कड़ी निंदा की है। William के अनुसार “उस इंटरव्यू के कारण बीबीसी सदमें में चली गयी थी। अपने आखिरी दिनों में अकेलेपन, डर और घबराहट ने उन्हें अपनी गिरफ्त में कर लिया था। Wales के राजकुमार के साथ उनके रिश्तों पर भी इस इंटरव्यू का काफी बुरा प्रभाव पड़ा था।” William का यह बयान दिखाता है कि स्वयं रॉयल फ़ैमिली भी BBC के इस नए कांड के सामने आने के बाद इस मीडिया संगठन से खासा नाराज़ चल रही है।
अब इस इंटरव्यू-कांड के सामने आने के बाद ब्रिटेन की Boris Johnson सरकार बीबीसी को कड़ा सबक सिखाने के मूड में आ गयी है। ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अपने बयानों से यह संकेत दिया है कि कार्रवाई के तहत बीबीसी के वित्तपोषण में कमी करने का फैसला लिया जा सकता है। अगले साल BBC का रॉयल चार्टर रिलीज़ होना है और उसके तहत ये नए बदलाव लागू किए जा सकते हैं। प्रीति पटेल ने यह भी कहा कि “इन खुलासों के बाद BBC को कड़े सबक सीखने ही होंगे। संगठन में बदलाव, इसके ढांचे में, प्रशासन और जवाबदेही के नियमों में परिवर्तन करना होगा।”
बीबीसी ने भी नए खुलासों के बाद सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है और एक आंतरिक जांच बैठाने का फैसला किया है। हालांकि, इतना तय है कि अब बीबीसी पर उसकी सरकारी फंडिंग कम किए जाने का दबाव बढ़ गया है। जिस प्रकार प्रीति पटेल ने BBC के नाम एक धमकी जारी की है, उससे बीबीसी को एक बड़ा झटका मिला है। BBC अब UK और दुनियाभर के लोगों के बीच न्यूज़ का कोई खास और विश्वसनीय स्रोत नहीं बचा है और ऐसे में जॉनसन सरकार के लिए BBC को कुतरना मुश्किल नहीं होगा।
जॉनसन सरकार पिछले कुछ समय से BBC पर कार्रवाई करने की इच्छाशक्ति दिखा चुकी है। इसी वर्ष जनवरी में जॉनसन सरकार द्वारा Richard Sharp को BBC के अगले चेयरमैन के तौर पर चुना गया था, जो पूर्व में एक investment firm में ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक के बॉस भी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि ये अपने पद पर आने के बाद BBC के लिबरल एजेंडे की धज्जियां उड़ाने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। शायद यही कारण है कि ब्रिटेन की लेबर पार्टी ने इनकी नियुक्ति के समय Richard Sharp का भरपूर विरोध किया था।
हालांकि, अब चूंकि BBC के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए Boris Johnson सरकार के पास रॉयल फ़ैमिली का भी समर्थन हासिल है, तो ऐसे में UK सरकार को BBC की हेकड़ी को ठिकाने लगाने में किसी खास परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।