भारत का Fintech सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, कुछ वर्षों में ये पारम्परिक बैंकों को भी पीछे छोड़ सकता है

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(PC freepressjournal)

पिछले कुछ वर्षों में भारत Fintech ‘फाइनेंसियल टेक’ के मामले में वैश्विक शक्ति बनकर उभरा है। देश की Fintech को अपनाने की दर दुनिया में सबसे अधिक है और यह सेक्टर इ-कॉमर्स के बाद निवेश पाने के मामले में दूसरे नंबर पर है। भारत के पास Fintech स्टार्टअप के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इको सिस्टम है, जिसमें हर महीने कई बिलियन डॉलर का व्यापार हो रहा है।

Invest india की वेबसाइट के अनुसार “2019 में हुई 65 बिलियन डॉलर की डिजिटल पेमेंट 2023 तक 20 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ने की संभावना है। कुल ट्रांसेक्शनकी कीमत 65 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 तक 140 बिलियन डॉलर होने वाली है। भारत ने Fintech मार्केट में निवेश के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। भारत इस सेक्टर में एशिया में सबसे अधिक निवेश पाने वाला देश है, यहां 2019 के प्रथम चतुर्थांश में कुल निवेश 286 मिलियन डॉलर रहा जबकि इसी दौरान चीन में निवेश 192.1 मिलियन डॉलर रहा।

भारत में इन्वेस्टमेंट सर्विस, ऑनलाइन लोन सर्विस, ऋण, भुगतान आदि से जुड़े कई सारे एप्लीकेशन हर महीने लांच हो रहे हैं। इसके दो प्रमुख कारण हैं, पहला भारत सरकार द्वारा स्वच्छ लेन-देन सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया डिजिटलीकरण और दूसरा कारण भारत में बैंकिंग सुविधाओं का पिछड़ापन है। भारत के सरकारी बैंकों की कार्यशैली कैसी है यह सर्वविदित है। उनकी कार्यशैली के कारण ही लोगों की बैंकिंग सेक्टर में रूचि नहीं है। यही कारण है कि लोग पारम्परिक बैंकिंग सेक्टर की ओर जाने से बेहतर Fintech के जरिये लेनदेन करने को समझते हैं।

इसके साथ ही भारत सरकार ने जनधन योजना लागू करके अधिकांश लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ दिया है। आज लगभग हर भारतीय के पास अपना बैंक खाता है। अतः लेन-देन को ऑनलाइन माध्यम से करके लोगों की अकर्मण्य सरकारी बैंकों पर निर्भरता कम की जा रही है, जिससे Fintech को बढ़ावा मिल रहा है। आज Zerodha, Groww, जैसे एप्लीकेशन के जरिये लोग स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकते हैं।

इस सेक्टर के विकास से बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर का विकेन्द्रीकरण भी हुआ है। पहले जहां अधिकांश आर्थिक गतिविधियां, बड़े बैंक और फाइनेंस कंपनी मुंबई से अपना कार्य संचालित करती थीं, वहीं अब दूसरे शहरों में भी स्टार्टअप तैयार हो रहे हैं। बेंगलुरु इस मामले में मुंबई का विकल्प बनकर उभरा है। Zerodha, फ्लिपकार्ट, फोनपे जैसी बड़ी कंपनीयों ने बेंगलुरु में अपना हेडऑफिस बनाया है। गुरुग्राम भी ऐसी कंपनियों के लिए एक नए हब के रूप में उभरा है।

इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन के व्यापक फैलाव से आज Fintech भारत में बैंकिंग का विकल्प बन गया है। यह अच्छा है क्योंकि वर्षों से मुंबई ही भारत की आर्थिक क्रियाकलाप का केंद्र रही थी। अब दूसरे शहरों तक ऑनलाइन फाइनेंस सुविधाओं के विस्तार से भारत के अन्य शहरों का आर्थिक विकास होगा। भारत के बैंकिंग सेक्टर ने जो काम नहीं किया है वह Fintech सेक्टर कर सकता है। वह यह है कि दुनिया के आर्थिक क्रियाकलाप को भारत के फाइनेंशियल सेक्टर के जरिये संचालन करना। भारत के ऑनलाइन फाइनेंशियल सेक्टर का जैसे-जैसे विस्तार होगा और भारत की बड़ी कंपनियां बड़े पैमाने पर इससे जुड़ेंगी, वैसे-वैसे वैश्विक स्तर पर भी भारतीय फाइनेंस सेवाओं का विस्तार होगा। भारत दुनिया की फैक्ट्री बनने की क्षमता रखता है, और यह कार्य जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा वैसे-वैसे भारतीय फाइनेंस सेक्टर के पास अवसर होगा की वह अपना विस्तार न सिर्फ भारत में बल्कि यूरोप, आसिआन और अमेरिकी महाद्वीप में भी करें.

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