नकली IAS ने कोलकाता नगर निकाय का प्रमुख बन 4 महीने तक नकली टीकाकरण अभियान चलाया, ममता सरकार की मदद के बिना यह संभव नहीं है

TMC नेताओं के साथ आरोपी की तस्वीरें हुई वायरल

फर्जी वैक्सीनेशन कैंप

कोलकाता शहर में राज्य सरकार की नाक के नीचे एक व्यक्ति फर्जी IAS अधिकारी बनकर कोरोना से बचाव के लिए तीन वैक्सीनेशन कैंप चलाकर करीब 2,000 लोगों को नकली वैक्सीन लगा देता है और प्रशासन को इस बात की जानकारी भी नहीं होती, जो कि एक आलोचनात्मक बात है।

वहीं अब इस फर्जी वैक्सीनेशन कैंप चलाने वाले शख्स की तस्वीरें TMC के बड़े नेताओं के साथ वायरल हो रही हैं, जो जाहिर करता है कि ये शख्स कोई साधारण फर्जीवाड़ा नहीं कर रहा था, बल्कि संभावनाएं हैं कि उसे बैक डोर से सत्ता का समर्थन भी प्राप्त हो। ऐसे में बीजेपी लगातार इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग कर रही है, जो कि सही भी है।

दरअसल, कोलकाता में फर्जी वैक्सीनेशन कैंप का फर्जीवाड़ा तब सामने आया, जब TMC की सांसद मिमी चक्रवर्ती को भी देबांजन देब नामक इस फरेबी शख्स ने कोवीशील्ड के नाम पर किसी अन्य बीमारी की वैक्सीन लगवा दी।

अब कोलकाता पुलिस की जांच में तो खुलासे हो ही रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर TMC नेताओं के साथ इस शख्स की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं। तस्वीरों को देखकर कहीं से भी ऐसा नहीं कहा जा सकता कि ये तस्वीरें किसी जल्दबाजी में या नेताओं की जानकारी के बिना ही ली गईं हो।

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देबांजन देब के ही Twitter अकाउंट पर ऐसी तस्वीरें मौजूद हैं जो कि TMC से उसकी घनिष्ठता को प्रतिबिंबित कर रही हैं। इस शख्स की तस्वीरें TMC के नेता और मंत्री सुब्रत मुखर्जी, कोलकाता नगर निगम अध्यक्ष फिरहाद हकीम जैसे TMC नेताओं के साथ वायरल हो रही हैं।

इतना ही नहीं अजीबो-गरीब बात यह है कि, इसी साल 26 जनवरी को कोलकाता के ही एक पुस्तकालय में लगाई गई गुरदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रतिमा के नीचे लगी नेम प्लेट में अन्य TMC नेताओं के नामों के साथ ही देबांजन का नाम भी है‌। वहीं उसकी कई TMC विधायकों के साथ भी उनकी फ़ोटो वायरल हो रही हैं, जिसमें हाल में विधायक बनी सोनारपुर की विधायक लवली मोइत्रा भी शामिल हैं।

ख़बरों के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इस शख्स ने मास्क और सेनिटाइजर का बिजनेस किया था, और मोटी रकम अंदर की थी। हालांकि, अभी पुलिस अपनी कथित जांच में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है लेकिन पुलिस का कहना है कि ये शख्स URBAN development नाम से एक NGO का संचालन कर रहा था। वहीं इस प्रकरण के बीच ही TMC नेताओं के साथ आरोपी की तस्वीरें वायरल होना TMC के लिए एक झटका है क्योंकि अब ये संदेह होने लगा है कि इस प्रकरण में कहीं न कहीं TMC के ही कुछ सदस्य भी शामिल थे।

ये शख्स पिछले चार महीनों से वैक्सीनेशन कैंप के नाम पर लोगों को फर्जी वैक्सीन के इंजेक्शन लगा रहा था, और पकड़ा भी तब गया, जब लोकसभा सांसद इसकी चपेट में आईं। ख़बरें हैं कि उनकी तबियत भी हाल फिलहाल में बिगड़ गई है। दूसरी ओर बीजेपी की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की जांच केवल केन्द्रीय जांच एजेंसी से ही करवाई जाए। ऐसे में यदि इस ओर कोई कदम उठता है तो ये TMC के लिए ही मुसीबत बन सकता है, क्योंकि इस प्रकरण में कई TMC नेताओं के शामिल होने की संभावना भी है।

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