मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष करने के बाद, ट्विटर ने टेके घुटने, भारतीय IT कानून को मानने को हुआ तैयार

यह सभी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक सबक है!

Twitter आईटी रूल्स

वो कहावत है न कि लातों के भूत बातों से कहां मानते हैं, अमेरिकी बिग टेक सोशल मीडिया कंपनी Twitter ने उसे सिद्ध कर दिया है। भारत सरकार के नए आईटी रूल्स के पालन के लिए मिले तीन महीने के समय के दौरान Twitter ने कुछ नहीं किया। वहीं जब मियाद खत्म हो गई तो अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर भारतीय वामपंथी पत्रकारों और संस्थानों की तरह छाती पीटने लगा, लेकिन भारत सरकार के सख्त रुख और दिल्ली हाईकोर्ट से मिली लताड़ के बाद Twitter के होश ठिकाने आ गए। कंपनी भारत के सभी नए आईटी रूल्स का पालन करने के लिए तैयार है। Twitter का इतने अड़ियल रवैए के बाद अचानक सरेंडर कर देना मोदी सरकार की कानून के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत के नए आईटी रूल्स प्रत्येक इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर लागू हो रहे हैं। Google, Facebook जैसी बड़ी कंपनियां मोदी सरकार के सामने घुटनों के बल आ गई हैं। ऐसे में मोदी सरकार के लिए चुनौती बनने की कोशिश कर रहे twitter ने क्रांतिकारी बनने की सोची और मुंह की खाई। कंपनी ने भारत सरकार से तीन महीने का अतिरिक्त समय मांगा। इसके बाद हाल ही मे ये मामला जब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा तो Twitter की सिट्टी-पिट्टी गुल हो गई और उसने अब भारत सरकार के सामने घुटने टेक कर तथाकथित अभिव्यक्ति की आजादी के आंदोलन की नौटंकी खत्म कर दी है।

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Twitter के प्रवक्ता की तरफ से इस मुद्दे पर साफ कहा गया है कि अब वो भारत सरकार के सभी नियम मानने को तैयार हैं। दिलचस्प बात ये भी है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने Twitter से साफ तौर पर कहा है कि यदि आईटी रूल्स में कोई त्रुटि नहीं है तो Twitter को उनका पालन करना ही होगा। इसके जवाब में Twitter के प्रवक्ता की तरफ से साफ कहा गया है कि वो भारत के नए आईटी रूल्स का पालन करने के लिए तत्पर है। कंपनी का कहना है कि उसने भारत में अपना एक विशेष अधिकारी सरकारी कानून के अनुसार नियुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा, “हम भारतीय कानून के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए कड़ाई से निर्देशित हैं। हम पारदर्शिता के सिद्धांतों का भी ख्याल रखते हैं।”

मोदी सरकार के कानूनों को वैध होने की स्थिति को बताते कोर्ट ने जब ये कह दिया कि नियमों का पालन करना ही होगा तो अचानक ही Twiiter के सारे सुर बदल गए हैं, जो कि भारत सरकार के लिए जीत की तरह ही है क्योंकि भारत सरकार इस मुद्दे पर Twitterको पिछले काफी वक़्त से लताड़ लगा रही थी। वहीं जब Twitter के खिलाफ केस में हाईकोर्ट में याचिका लग गई तो Twitter के हाथ पांव फूल गए।

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कांग्रेसी टूलकिट के कारण विवादों में चर रहा Twitter मोदी सरकार को भारतीय नियमों को न मानने की धमकी दे रहा था, लेकिन एक कानूनी नोटिस ने सारा पासा पलट दिया और एक बार फिर कांग्रेस के कारण मोदी सरकार से लोहा लेने वाले की करारी हार हुई है।

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