वैक्सीन डिप्लोमेसी के बाद, अब मोदी सरकार CoWIN की सफलता को 50 देशों के साथ साझा करेगी

विकसित देशों की टीकाकरण प्रक्रिया से कई गुना बेहतर है भारत की CoWIN strategy

CoWin एप

COWin एप की मांग दुनिया भर में बढ़ गई है 

कल भारत ने कोरोनावायरस टीकाकरण अभियान में अमेरिका को भी पिछे छोड़ दिया। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व अथवा COWin एप के बदलौत संभव हुआ है। ऐसे में CoWin एप की मांग दुनिया भर में बढ़ गई है।

आज 50 से अधिक देश CoWIN एप को टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपनाना चाहते हैं। ऐसे में चीन द्वारा निर्मित महामारी से लड़ने में अन्य देशों की मदद करने की अपनी नीति को जारी रखते हुए, भारत ने अब CoWin एप को 50 देशों के साथ साझा करने का निर्णय लिया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के CEO R.S शर्मा ने कहा है कि, “सरकार CoWin एप का एक ओपन सोर्स संस्करण तैयार करेगी ताकि अन्य देश इसे मुफ्त में इस्तेमाल कर सकें। यह एप्लिकेशन वैश्विक स्तर पर जाने के लिए तैयार है और 50 से अधिक देशों ने प्रौद्योगिकी को अपनाने में रुचि व्यक्त की है।”

R.S शर्मा ने ट्वीट करके लिखा कि “मध्य एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के 50 से अधिक देश इस #प्रौद्योगिकी में रुचि रखते हैं। @PMOIndia ने हमें किसी भी इच्छुक देश के लिए CoWIN का एक ओपन-सोर्स संस्करण मुफ्त में बनाने का निर्देश दिया है।”

शर्मा ने इस महीने की शुरुआत में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि, “प्लेटफॉर्म पर हर लेनदेन API(एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के माध्यम से किया जाता है और कल दोपहर 12:04 बजे, हमने एक सेकंड में 30,000 हिट्स हिट किए। हमें एक मिनट में 1.38 मिलियन API कॉल मिलीं। भविष्य में हमें प्लेटफॉर्म पर आने वाले सभी भार को पूरा करने में सक्षम होना होगा।”

उन्होंने कहा, “भारत एक डिजिटल क्रांति के कगार पर है, हमने पहले ही डिजिटल इंडिया मुहिम की शुरुआत कर चुके हैं। CoWin सभी प्रकार के टीकाकरण के लिए एक अच्छा मंच हो सकता है।”

और पढ़ें-Cowin सफ़ल रहा,

कई देशों ने एप की सराहना की है

बता दें कि, जिन देशों ने अपने कोविड टीकाकरण कार्यक्रम चलाने के लिए CoWIN तकनीक के बारे में जानने में रुचि व्यक्त की है, उनमें वियतनाम, पेरू, मैक्सिको, इराक, डोमिनिकन गणराज्य, पनामा, यूक्रेन, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और युगांडा शामिल हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की संयुक्त पहल में, एक वर्चुअल को-विन ग्लोबल कॉन्क्लेव 30 जून को आयोजित किया जाएगा, जिसमें दुनिया भर के देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ भाग लेंगे।

विशेष रूप से जब 18 से 45 वर्ष के बीच के लोगों के टीकाकरण की बात आती है, तो CoWIN प्लेटफॉर्म ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है कि टीकाकरण केंद्रों में भीड़भाड़ न हो, और केवल जिन्होंने अपने लिए अपॉइंटमेंट बुक किया है, वे ही केंद्र तक पहुंचें।

देश भर में अराजकता को रोकने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि, नागरिक टीकों के लिए इधर-उधर न भटकें और वे अपने मन चाहे केंद्र पर टिका लगवा सके। इसके लिए मोदी सरकार की सराहना की जानी चाहिए। भारत का टीकाकरण अभियान अनुशासित और डिजिटल है।

यह विकसित देशों द्वारा अपनाई जा रही टीकाकरण की प्रक्रिया के सामने सबसे आधुनिक है। इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि दुनिया भर के देश भारत से टीकाकरण की कला सीखना चाहते हैं।

अगर कोई एक देश था जिसने वास्तव में दुनिया को वुहान वायरस महामारी से लड़ने में मदद की है, तो वह भारत है, जिसने अपने कर्तव्य की रेखा को लांघ कर वसुधैव कुटुम्बकं की मिसाल कायम की है। चाहे वह HCQ की आपूर्ति की बात हो या वैक्सीन मैत्री की या फिर CoWin एप की। भारत एकलौता देश है, जिसने यह सुनिश्चित किया कि टीके सबसे छोटे और सबसे गरीब देशों तक पहुंचे और वहां के नागरिक वुहान वायरस से निजात पाए।

Exit mobile version