पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव परिणाम के बाद TMC से भाजपा में गए कई नेतोओं के सुर फिर से बदलने लगे हैं। सोनाली गुहा और दीपेंदु विश्वास के बाद पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी ने भी अब बीजेपी की नीतियों के विरोध के साथ TMC में अपने “घर वापसी” के संकेत दें रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले जनवरी में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए राजीव बनर्जी ने सिर्फ बीजेपी की नीतियों का विरोध ही नहीं किया है, बल्कि मंगलवार को हुई बीजेपी की महत्वपूर्ण बैठक में भी शामिल नहीं हुए।
दरअसल, यह बैठक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुलाई थी, परन्तु राजीव बनर्जी ने TMC में वापसी के संकेत देते हुए बैठक में नहीं पहुंचे। साथ ही उन्होंने कहा कि, “पश्चिम बंगाल की TMC सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की धमकी को लोग पसंद नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और बंगाल के लोगों के साथ खड़ा रहना चाहिए, जो कोविड और यास से तबाह हो गए हैं।” यहाँ यह समझना है कि पश्चिम बंगाल बीजेपी राज्य में TMC के गुंडों द्वारा फैलाये जा रहे हिंसा को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कर रही है, परन्तु अब इस कदम को राजीव बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों को धमकी बताते हुए ऐसा न करने को कहा है। स्पष्ट है कि वह नहीं चाहते TMC के हाथ से सत्ता जाये। इसका अर्थ यह हुआ कि वह फिर से TMC में जाने का प्लान बना रहे हैं।
बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजीव बनर्जी ने चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर पर बीजेपी का झंडा थामा था और अब वह बीजेपी की नीतियों का विरोध कर रहे हैं।
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विधानसभा चुनाव से पहले BJP में शामिल हुई तृणमूल कांग्रेस की पूर्व विधायक सोनाली गुहा का भी यही हाल हुआ है। बीजेपी के हार जाने से अब वे वापस TMC में जाना चाहती है और इसके लिए उन्होंने ममता बनर्जी को एक भावुक पत्र भी लिखा है। अब भी समय है कि विधानसभा चुनावों से पहले TMC से भाग कर बीजेपी में आये नेताओं पर रत्ती पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। विधानसभा चुनावों से पहले जब ऐसा लग रहा था कि इस बार के चुनावों में बीजेपी ममता बनर्जी को हराने में कामयाब रहेगी तो कई नेता हार के डर से, और सत्ताधारी पार्टी में रहने के लिए TMC छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। परन्तु अब TMC की प्रचंड जीत के बाद इन नेताओं की हालत धोबी के कुत्ते की तरह हो चुकी है। यही कारण है कि ये वापस सत्ता का फायदा उठाने के लिए TMC में जाना चाहते हैं।