योगगुरु बाबा रामदेव के एक बयान को तूल देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इतना आगे निकल गया है कि अब जो मीडिया संस्थान या पत्रकार इस मुद्दे से जुड़ी कवरेज कर रहे हैं, उन्हें भी IMA के कुछ डॉक्टरों द्वारा अपना शिकार बनाया जा रहा है। ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ और प्राइम टाइम शो के एंकर सुधीर चौधरी को कुछ ऐसी ही हीन भावना का सामना करना पड़ा है।
सुधीर के कोरोना पॉजिटिव होने पर IMA के कथित वरिष्ठ सदस्य और डॉक्टर जयेश लेले ने उनकी आयुर्वेद बनाम एलोपैथी की कवरेज पर उनका मजाक उड़ाया है, जो दिखाता है ये संगठन एक विकृत मानसिकता की सोच वाले लोगों का समूह बनकर रह गया है।
डॉक्टरों को इंसान, भगवान का दर्जा देता है, लेकिन योगगुरु स्वामी रामदेव के एक बयान के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इतना ज्यादा भड़का हुआ है कि आयुर्वेद के प्रति अपनी नफ़रत जाहिर करने में तनिक भी गुरेज नहीं कर रहा है। ये लोग उन पत्रकारों को भी आयुर्वेद का हितैषी मानते हुए उनके पॉजिटिव होने पर मजाक उड़ा रहे हैं, जिन्होंने आयुर्वेद बनाम एलोपैथी पर साधारण रिपोर्टिंग कर IMA के लोगों की हकीकत सामने रखी है।
डॉक्टर जिन्हें जान बचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन उनमें से ही एक कथित डॉक्टर यदि मरीज़ का मज़ाक उड़ाने लगे, तो उसके पेशेवर होने पर ही सवाल खड़े हो जाते हैं।
ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने हाल ही में एक फ़ोटो के जरिए बताया था कि वो कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में IMA के पदाधिकारी और कथित वरिष्ठ डॉक्टर जयेश लेले ने अपने एक ट्वीट में पहले की सुधीर की आयुर्वेद बनाम एलोपैथी की मीडिया कवरेज को लेकर तंज कसा है। साथ ही आज की स्थिति में उनके कोरोना संक्रमित होने पर उनका इलाज़ एलोपैथी से होने का संकेत देते हुए उनका भद्दा मजाक बनाया है। उनका ये रवैया उनकी संकुचित और कुंठित मानसिकता को प्रमाणित करता है जो कि बस निजी हितों तक सीमित है।
https://twitter.com/DrJayeshLele/status/1398992263464640524?s=19
IMA के अध्यक्ष डॉ जे ए जयलाल जहां ये कबूलते हैं कि वो मरीजों और हॉस्पिटल के स्टाफ को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते हैं, तो वहीं आए दिन इस एसोसिएशन के किसी-न-किसी सदस्य के मुंह से आयुर्वेद के प्रति घृणा के कारण लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने DNA की रिपोर्ट में एलोपैथी और आयुर्वेद दोनोें इलाज़ पद्धतियों पर एक विस्तृत जानकारी दी थी, जो कि किसी का पक्ष नहीं लेती। इसके विपरीत IMA लगातार ऐसे लोगों को निशाने पर ले रहा हैं जिन्हें राष्ट्रवादी माना जाता है।
सुधीर चौधरी का मज़ाक उड़ाने वाले जयेश लेले कुछ दिन पहले ही आज तक के शो हल्ला बोल मे रामदेव के साथ बहस में शामिल थे। इस दौरान उन्होंने अपनी ज़हालत का प्रदर्शन किया था। बेहूदगी से बात करने का तरीका और कुंठित मानसिकता उनके प्रत्येक शब्द में झलकती है, जो कि किसी साधारण डॉक्टर से भी मेल नहीं खाती है।
डॉक्टरों को उनकी पढ़ाई के दौरान मरीज का मजाक उड़ाना या उससे बहस करना नहीं बल्कि केवल उसका सर्वश्रेष्ठ इलाज़ करना सिखाया जाता है, लेकिन ये डॉक्टर लेले डॉक्टर कम किसी खास वर्ग के समर्थक और ट्रोलर ज्यादा प्रतीत हो रहे हैं।
ऐसे में आवश्यकता है कि इनके खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि इस प्रकरण पर यदि कोई एक्शन नहीं हुआ तो अन्य डॉक्टरों में भी कुतर्क की हिम्मत बढ़ेगी, जिससे भविष्य के चिकित्सा के क्षेत्र में नई चुनौतियां खड़ी हो सकतीं हैं।