जैसा कि TFI ने 2 साल पहले बताया था, “हिन्दू दुल्हन” नुसरत जहां तो PK की “मज़हबी मुस्लिम” निकली

सिंदूर, मंगलसूत्र और फेरे, सब Live-In Relationship के लिए?

नुसरत जहां शादी

लोक सभा चुनावों के दौरान जीत हासिल कर सुर्ख़ियों में आई नुसरत जहां एक बार फिर ख़बरों में हैं। चुनाव के बाद धूम धड़ाके से निखिल जैन के साथ शादी रचाने और उसकी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने के बाद अब नुसरत जहां का कहना है कि उनकी और निखिल जैन की शादी भारतीय कानून के अनुसार वैध नहीं है।

लाल जोड़े में बिंदी सिंदूर के साथ उनकी शादी की तस्वीरे वायरल हुई थी परन्तु अब उनका कहना है कि वे लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी। हालाँकि लोकसभा वेबसाइट अभी भी टीएमसी सांसद नुसरत जहां की वैवाहिक स्थिति को ‘विवाहित’ के रूप में दिखाती है। उनके पति के रूप में ‘श्री निखिल जैन’ को दिखाया गया है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी के टिकट पर उनकी बशीरहाट संसदीय सीट से बड़े अंतर से जीत और उसके महीने भर के भीतर ही एक मारवाड़ी व्यापारी निखिल जैन के साथ तुर्की में शादी, लेकिन दो वर्ष पूर्व ही हमने यानि TFI ने यह कह दिया था कि यह शादी कुछ और नहीं बल्कि प्रशांत किशोर की TMC के हिन्दुकरण का प्रपंच है।

अब जिस तरह से विधानसभा चुनाव के बाद नुसरत जहां ने निखिल जैन से शादी को अवैध बता दिया है उससे हमारी भविष्यवाणी पूरी तरह से सच साबित हो चुकी है।

 

रिपोर्ट के अनुसार, नुसरत जहां पिछले 6 महीनों से अपने पति से अलग रह रही हैं। बताया जा रहा है कि वह इस समय प्रेग्‍नेंट हैं और उनके पति निखिल को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में कई तरह के सवाल पूछे जाने लगे। बीते पाँच दिनों से इस मुद्दे पर तमाम क़यास लगाए जा रहे थे कि नुसरत के गर्भ में पलने वाले बच्चे का पिता कौन है।

BBC के अनुसार बीजेपी नेता यश दासगुप्ता, जो बीते चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार थे, उनसे नुसरत की नज़दीकियां बढ़ने की भी ख़बरें आईं थी। बता दें कि नुसरत जहां ने निखिल जैन से 2019 में तुर्की में डेस्‍ट‍िनेशन वेडिंग की थी। उन्होंने अपनी शादी और उससे जुड़ी अफवाहों पर विराम लगाते हुए इस पूरे मामले पर बयान जारी किया है।

नुसरत जहां ने अब निखिल जैन से अपनी शादी को अमान्‍य बताते हुए कहा है कहा है, “तुर्की मैरेज रेग्‍युलेशन के अनुसार विदेशी धरती पर आयोजित होने के चलते ये सेरेमनी अमान्‍य है। इसके अलावा क्‍योंकि ये एक अंतरधार्मिक विवाह है, इसलिए इस शादी का भारत के ‘स्‍पेशल मैरेज एक्‍ट’ में मान्‍य होना जरूरी है, जो नहीं हुआ है। कानून के आधार पर ये शादी मान्‍य नहीं है, बल्कि एक लिव-इन-रिलेशनशिप है। ऐसे में तलाक लेने का सवाल ही नहीं उठता।”

हैरानी की बात यह है कि नुसरत ने संसद में शपथ के दौरान अपना नाम “नुसरत जहां रूही जैन” लिया था और साथ ही नुसरत जहां ने लोकसभा चुनाव फॉर्म में अपनी वैवाहिक स्थिति को विवाहित बताया था। अगर उन्होंने शादी नहीं की थी और उन्हें यह पता था कि यह शादी अमान्य है तो फिर उन्होंने सिर्फ संसद में ही झूठ नहीं बोला है बल्कि लोकसभा चुनाव फॉर्म में भी झूठी जानकारी दी है। इस तरह उन पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

नुसरत ने आगे कहा है, ‘हमारा अलगाव काफी पहले हो गया था, लेकिन मैंने इसके बारे में बात नहीं की क्‍योंकि मैं अपने प्राइवेट जीवन को प्राइवेट ही रखना चाहती थी। इसलिए मेरी किसी भी बात को हमारे सेपरेशन से जोड़कर कोई भी जज न करे। जिस शादी की बात हो रही है वह मान्‍य नहीं है और इसलिए कानून की नजर में ये शादी है ही नहीं।’

TFI ने जुलाई 2019 में ही कहा था कि चुनाव के पहले प्रशांत किशोर ने TMC के हिन्दुकरण की योजना बनाई है जिसकी शुरुआत नुसरत जहां से हुई। हमने लिखा था कि टीएमसी को चुनावी मोड में लाते हुए टीएमसी की नवनिर्वाचित सांसद और नवविवाहिता नुसरत से हिंदुत्व कार्ड खेला गया।

योजना के अनुसार नुसरत जहां ने लोक सभा में साड़ी, मंगलसूत्र और सिंदूर में शपथ ली, इतना ही नहीं नुसरत ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली और अपनी शपथ का अंत उन्होने जय हिन्द वंदे मातरम और जय बंगला बोलकर किया था। जब लोकसभा में सांसदों के शपथ ग्रहण के दौरान नुसरत जहां एक नवविवाहिता के रूप में सिंदूर व शृंगार सहित शपथ लेने आई, तो ये स्पष्ट हो गया कि प्रशांत किशोर पार्टी की छवि बदलने के लिए किस हद तक जा सकते हैं।

नुसरत जहां ने इसके अलावा कई हिन्दू त्योहारों, जैसे नवरात्रि, करवाचौथ इत्यादि में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान नुसरत जहां के खिलाफ फतवा भी जारी किया गया, परंतु इसका नुसरत जहां पर कोई प्रभाव नहीं दिखा। ममता बनर्जी की टीएमसी के एक सांसद द्वारा ऐसा करना आश्चर्यचकित करने वाला फैसला था।

नुसरत जहां ने हिन्दू रीति रिवाज से हुई इस शादी का इतना PR किया गया कि जैसे उन्होंने हिन्दू धर्म ही अपना लिया हो। इस PR के कारण उन्हें देश भर से शाबाशी मिली। टीएमसी का इतना जबर्दस्त हिंदुकरण प्रशांत किशोर का फेंका हुआ पासा हो सकता है।

लोक सभा में हिंदुत्व स्टंट के बाद नुसरत जहां ने इस्कॉन द्वारा आयोजित रथ यात्रा के एक कार्यक्रम में भी भाग लिया था जहाँ उनके पति निखिल जैन और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी भी मौजूद थी। इस स्टंट के बाद ही TFI ने यह चेतावनी दी थी कि, “जो भी हिन्दू नुसरत जहां के सुंदर मुखड़े पर सजी बिंदी को देखकर आनंदविभोर हो रहे हैं, वो थोड़ा सावधान हो जाएँ, प्रशांत किशोर जी समभावतः हरकत में आ गए हैं।”

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अब चुनावों में प्रचंड जीत के बाद इस दिखावे की कोई आवश्यकता नहीं है यही कारण है कि अब नुसरत जहां ने निखिल जैन से अपनी शादी को अवैध बता दिया है। सभी ने देखा था कि नुसरत जहां ने किस उत्साह के साथ शादी रचाई थी और उसकी तस्वीरे पोस्ट की थी। अब उनसे ही इंकार करते हुए, वह ये कह रही हैं कि यह लिव इन रिलेशनशिप था।

यही नहीं “सिंदूर खेला” के दौरान भी नुसरत की उनकी पति निखिल जैन के साथ तस्वीरे वायरल हुई थी जिसे दशमी के दिन मनाया जाता है। अब उतने धूम धड़ाके के साथ वह भी लाल जोड़े और सिंदूर के साथ लिव इन में जाने के दो ही कारण हो सकते है, या तो वह सब प्रपंच था या फिर नुसरत एक नया ट्रेंड शुरू करने की कोशिश में जुटी थी।

प्रशांत किशोर नुसरत जहां को तृणमूल की पोस्टर गर्ल के तौर पर पेश करना चाहते थे, जो धर्मनिरपेक्ष भी हो, और सनातन संस्कृति का सम्मान भी करे। लेकिन अब वास्तविकता सामने आ चुकी है।

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