असम CM हिमंता ने अल्पसंख्यक समुदाय से “अनुरोध” किया है, “बच्चे कम पैदा करो”

राजनेता जो बात करने से बचते हैं, CM हिमंता को वो कहने में देर नहीं लगी

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को गुरुवार को मुख्यमंत्री पद संभाते हुए पूरे एक महीना हो गया। इस एक महीने में ही सरमा को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाने लगा है, जो असंभव लगने वाले काम को भी संभव कर सकते है। इसी कड़ी में अपने कार्यकाल का एक महीना पूरा होने के मौके पर उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय यानी मुसलमानों से, गरीबी कम करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए “सभ्य परिवार नियोजन नीति” अपनाने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के 30 दिन पूरे होने के अवसर पर कहा कि, समुदाय में सभी हितैषीयो को आगे आना चाहिए और समुदाय में गरीबी को कम करने में सरकार का समर्थन करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने गरीबी का कारण मुख्य रूप से जनसंख्या में निरंतर वृद्धि बताया है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि, “सरकार सभी गरीब लोगों की संरक्षक है, लेकिन उसे जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे से निपटने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के समर्थन की जरूरत है जो गरीबी, अशिक्षा और उचित परिवार नियोजन की कमी का मूल कारण है।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “उनकी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को शिक्षित करने की ओर काम करेगी ताकि इस समस्या यानी जनसंख्या वृद्धि की समस्या से प्रभावी रूप से निपटा जा सके।” इतना ही नहीं हिमांता बिस्वा सरमा ने अपने बेबाक अंदाज में एक चीज़ और साफ कर दी कि सरकार मंदिर, सतरा और वन भूमि पर अतिक्रमण कतई बर्दाश नहीं करेगी।

बता दें कि हाल ही में असम सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 275 बीघा जमीन पर बने अवैध निर्माण को हटा दिया था। इसके अतिरिक्त दरंग जिले में एक शिव मंदिर की 180 बीघा भूमि पर से बांग्लादेशियों का अवैध कब्जा हटवाया था। मुख्यमंत्री हिमंता का जनसंख्या नियंत्रण का तीर बिल्कुल सही निशाने पर जा लगा है।

इसका आंकलन हम AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बौखलाहट से कर सकते है। ओवैसी ने ट्विटर पर चार ट्वीट का थ्रेड साझा करते हुए लिखा, “असम के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से जनसंख्या नियंत्रण की बात शुरू की है। यह हिन्दुत्व बोल रहा है, जो गरीब और शोषित लोगों पर आरोप लगा रहा है।”

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री सरमा ने अपने कार्यकाल के एक महीने में ही कुछ ऐसी उपलबधिया हासिल कर ली है, जो उत्तर-पूर्व के कई मुख्यमंत्री दशकों से नहीं कर पाए। जैसे कि- ULFA आतंकी संगठन ने सरमा सरकार के समाने अपने हथियार रख दिए। असम में जहां 40 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी है, वहां असम सरकार गौ संरक्षण विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत करने वाली है।

यही नहीं सोनवाल सरकार में जब हिमंता बिस्वा सरमा शिक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने राज्य के सारे मदरसों को बंद कर उन्हें सरकारी स्कूल में तब्दील कर दिया था।

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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिनका ध्यान अल्पसंख्यक जनसंख्या नियंत्रण की ओर केंद्रित है। सरमा की यह पहल केंद्र सरकार और देश के बाकी राज्यों के लिए संदेश बन सकती है।

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