कुछ ही महीनों पहले हमने सुना था कि कैसे SC/ST एक्ट के दुरुपयोग के कारण विष्णु नामक एक व्यक्ति को दो दशकों तक बिना कारण आजीवन कारावास झेलना पड़ा था। अब कुछ ऐसा ही मामला फिर से सामने आया है। यहाँ पर एक ब्राह्मण कन्या को एक अनुसूचित जाति के पुलिस अफसर ने इस कानून का दुरुपयोग करते हुए धमकी दी है कि यदि उसके शादी के प्रस्ताव को उस कन्या ने स्वीकार नहीं किया, तो वह SC/ST एक्ट एक्ट लगा उसके जीवन को नरक बना देगा।
वो कैसे? दरअसल हाल ही में नियो पॉलिटिको ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसके अनुसार एक ब्राह्मण कन्या का एक अनुसूचित जाति के पुलिसकर्मी द्वारा ऑनलाइन यौन शोषण की घटना सामने आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार,
“एक 25 वर्षीय ब्राह्मण कन्या ने सुल्तानपुर के निराला नगर के एक थानेदार पर छेड़खानी एवं यौन शोषण का आरोप लगाया है। सुल्तानपुर के SP को सौंपे गए शिकायत नामे में लड़की ने आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति का सब इंस्पेक्टर विकास कुमार उसपर संबंध डालने का दबाव बना रहा है। वह उसका दो महीने से पीछा कर रहा था और उसका फोन नंबर कहीं से अरेंज करा कर उस पर अपनी प्रेयसी बनने का दबाव डाल रहा था, क्योंकि उसकी अपनी पत्नी 6 माह से गर्भवती है।” इतना ही नहीं, विकास ने कन्या को धमकी भी दी कि यदि कन्या ने उसकी बात नहीं मानी तो वह उसे SC/ST एक्ट के झूठे मुकदमे के अंतर्गत बंद करवा देगा।
फिलहाल के लिए रिपोर्ट्स के अनुसार सुल्तानपुर के एसपी ने कन्या को कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है और जांच पड़ताल जारी है। लेकिन यदि ये बात शत प्रतिशत सत्य है, तो इससे पता चलता है कि जिस प्रकार से अनुसूचित जाति / जनजाति के कुछ लोग वर्तमान SC/ST एक्ट के अधिनियम का दुरुपयोग कर रहे हैं, वो समाज के लिए कितना हानिकारक एवं चिंताजनक है।
परंतु SC/ST एक्ट के वर्तमान अधिनियमों के पीछे इतना विवाद क्यों है? दरअसल मूल समस्या 2018 में उत्पन्न हुई। तब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बिना कारण होने वाली जेल पर रोक लगा दी, जिससे अनुसूचित जाति / जनजाति के लोगों को लगा कि उनके अधिकार छिन गए और उन्होंने खूब उत्पात मचाया, और उस उत्पात के दबाव में केंद्र सरकार ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। यानि अभी भी पहले की भांति कोई भी अनुसूचित जाति / जनजाति का व्यक्ति बिना बात के किसी भी व्यक्ति को अकारण ही SC/ST एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार करा सकता है, और सुल्तानपुर मामला इसी का उदाहरण है।