भारत की बड़ी जीत: 2008 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर US में सुनवाई शुरू

यह भारत के लिए एक बड़ी जीत होगी !

तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण Date final

Patrika

मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण मामले की तारीख तय

साल 2008 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण मामले की तारीख तय हो गई हैं। बता दें कि तहव्वुर राणा मुंबई हमलों के बाद अमेरिका में जाकर रह रहा है। ऐसे में Los Angeles में एक फेडरल कोर्ट ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के मामले में तारीख तय की है। इस मामले की पहली सुनवाई गुरुवार को की जाएगी।

भारत सरकार के अनुरोध पर प्रत्यर्पण की सुनवाई Los Angeles कोर्ट के जज जैकलीन चूलजियान करेंगी। इस मामले का नाम “संयुक्त राज्य अमेरिका बनाम तहव्वुर हुसैन राणा” है। अथवा कार्यवाही का नाम “प्रत्यर्पण की सुनवाई” है।

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अदालत का रिकॉर्ड यह कहता हैं कि अमेरिकी सरकार ने इस सप्ताह दो बार अदालत के समक्ष सीलबंद भारतीय दस्तावेजों का एक सेट प्रस्तुत किया, नवीनतम बुधवार को किया गया था। अदालत के अनुरोध पर दस्तावेजों की सामग्री को सील कर दिया गया है। बता दें कि प्रत्यर्पण पर सुनवाई स्थानीय समयानुसार दिन में डेढ़ बजे और अंतरराष्ट्रीय समयानुसार शुक्रवार, 25 जून को रात दो बजे होगी।

बता दें कि आदलत ने अपने पक्ष में प्रत्यर्पण से संबंधी कई सारे प्रमाण और दस्तावेज पेश किए हैं।  26 नवंबर 2008 को मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए थे। उनमें 166 लोग मारे गए और 300 घायल हुए थे। मरने वालों में कुछ अमेरिकी नागरिक भी थे। यह हमला ताज होटल , नरीमन हाउस , शिवाजी टर्मिनल, लियोपोल्ड कैफे अथवा कामा एंड एल्बलेस हॉस्पिटल में हुआ था।

भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के अनुसार होगा प्रत्यर्पण

पाक मूल का कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के बचपन का दोस्त है। तहव्वुर राणा को शिकागो में 14 साल की सजा हुई थी, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने से सजा पूरी होने से पहले रिहा कर दिया गया। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी। इसके बाद 10 जून 2020 में उसे पुन: गिरफ्तार कर लिया गया था।

डेविड हेडली (60) को इस मामले में सरकारी गवाह बनाया गया था और वह इस समय हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है। वहीं दूसरी ओर तहव्वुर राणा ने भारत में अपने प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए तर्क दिया है कि शिकागो के एक अमेरिकी अदालत में उन्हें पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है।

इस पर अमेरिका का कहना है कि 59 वर्षीय तहव्वुर राणा का भारत में प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक है। भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, भारत सरकार ने तहव्वुर राणा के औपचारिक प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है और अमेरिका ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

आतंकवादी राणा प्रत्यर्पण भारत की बड़ी जीत

अमेरिकी सरकार ने दलील दी है कि भारत प्रत्यर्पण के लिए तहव्वुर राणा सभी मापदंडों को पूरा करता है। प्रत्यर्पण अनुरोध में संभावित कारण स्थापित करने के लिए भारत के पास पर्याप्त सबूत हैं तथा राणा ने भारत के अनुरोध को खारिज करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक बार फिर से इतिहास रचने जा रहे हैं। भोपाल गैस हादसा के मुख्य आरोपियों को कांग्रेस सरकार ने भारत से जाने दिया था और आज वहीं मोदी सरकार आतंकवादी तहव्वुर राणा को भारत में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यह भारत सरकार की ये बड़ी जीत है।

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