देश के उत्तर पूर्वी राज्य त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने 2018 में दशकों से चली आ रही है कम्युनिस्ट पार्टी के राज को ध्वस्त करके त्रिपुरा में भगवा को फहराया था। अर्थात पहली बार त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बनी थी और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिप्लब देब विराजमान हुए थे। बता दें कि त्रिपुरा के 2018 विधानसभा चुनावों में भाजपा ने लेफ्ट और कांग्रेस को पूरी तरह से रौंद दिया था।
साल 2018 से अभी तक त्रिपुरा में बिप्लब देब और बीजेपी का वर्चस्व कायम है। इसका उदारहण आपको हाल ही में हुए त्रिपुरा के जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTAADC) चुनाव के नतीजों में देखने को मिलेगा। बता दें कि, पूर्व शाही परिवार के प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की पहल पर दो महीने पहले बने आदिवासी राजनीतिक दलों के एक गठबंधन ने त्रिपुरा के लगभग 70% हिस्से को कवर करते हुए चुनावों में जीत हासिल की है।
बीजेपी दूसरे नंबर पर थी। साथ ही कांग्रेस और वामपंथियों के खाते में शून्य आया था। हालांकि, BJP के लिए यह बड़ी बढ़त है क्योंकि TTAADAC के पिछले चुनाव में बीजेपी को कुछ हाथ नहीं लगा था और इस बार यह क्षेत्र जनजातीय होने के बावजूद बीजेपी को 9 सीट मिली है। साथ ही में बीजेपी दूसरे नंबर पर आई है।
और पढ़ें-वामपंथी देशभर में बीफ़ बिकवाना चाहते हैं, लेकिन लक्षद्वीप में सबको शराब पर बैन चाहिए
बीजेपी की इस जीत की वजह से राज्य के वामपंथियों के अंदर गुस्सा भरा हुआ है और अब वे अपने पारंपरिक तरीके, हिंसा का सहारा ले रहे हैं। बता दें कि, माणिक सरकार में वित्त मंत्री रहे भानुलाल साहा ने फेसबुक पोस्ट के जरिए हिंसा का एलान किया है।
ट्विटर पर त्रिपुरा सरकार के OSD संजय मिश्रा ने भानुलाल साहा के फेसबुक पोस्ट को अनुवाद करते हुए लिखा है कि, “साहा ने लिखा है सभी स्त्री,पुरुष,किशोर एवं वृद्ध बिना कोई भूल किए अपने हाथ में ये अस्त्र रखें और बाहर से आने वाले हमलावरों से मुकाबला करने के लिए साहस जुटाएं। आत्मरक्षा के लिए प्रतिरक्षा सामग्री यानी हथियार रखना अपराध नहीं हैं। बिना मुकाबले के जान माल की रक्षा असंभव है।”
संजय मिश्रा ने आगे लिखा है कि, “उन्होंने यह भी लिखा है कि, युवा तुम आग बनो, हज़ारों की संख्या में सभी युवा तैयार हो जाएं। गुंडे और शासक दल के गुंडों का साहस से प्रतिरोध करें। साथ में इलाके की जनता को इकठ्ठा करके उन्हें सक्रिय करिए और उनका नेत्तृत्व कीजिए।”
अगर यह बात भाजपा के किसी अदने से नेता ने भी कही होती तो राष्ट्रीय मीडिया में बवाल कट रहा होता। लेकिन बुद्धिजीवी होने का पैदायशी तमगा रखने वाले वाम नेताओं की हिंसात्मक बातों की चर्चा तक नहीं है। भानूलाल साहा त्रिपुरा की मानिक सरकार में वित्त मंत्री रहे हैं और चार बार के एमएलए हैं। pic.twitter.com/UfjdRWPjE4
— Sanjay Mishra हरि ॐ 🇮🇳 (@sanjayswadesh) June 1, 2021
भानुलाल साहा का यह पोस्ट वायरल होने के बाद त्रिपुरा की सियासत गरमा गई है। बीजेपी की राज्य इकाई के महासचिव पापिया दत्ता ने वामपंथ विधायक भानुलाल साहा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पापिया दत्ता ने कहा कि, “वामपंथी लोगों को हथियार उठाने के लिए उकसा कर राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। यह अवैध व भड़काऊ है और हम इस तरह की टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चाहते हैं।”
भाजपा नेता ने आगे कहा कि विपक्षी दल ऐसे समय में “हिंसा को भड़का रहे हैं जब राज्य में भाजपा- IPFT सरकार COVID-19 महामारी से लड़ रही है और अपने लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं देने के सभी प्रयास कर रही है।”
और पढ़ें-कट्टर वामपंथी, हिंदू और भाजपा विरोधी दिनेश मनसेरा को उत्तराखंड CM का बनाया मीडिया सलाहकार
भानुलाल साहा की सोशल मीडिया पोस्ट ने यह साफ कर दिया है कि, वामपंथियों के ऊपर से सत्ता का नशा अभी तक उतरा नहीं है। 25 साल राज करने के बाद आज वो राज्य की जनता को अपना पैंदा समझ रहे है और अपने राजनीतिक फायदे के लिए उन्हें हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। खैर, बिप्लब देब और बीजेपी इतनी लोकप्रिय है कि, वामपंथियों को अभी भी कई बार धूल चटाने में सक्षम है।