केंद्र सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर तलवारें खींची हुई है। अब केंद्र सरकार ने एक दस्तावेज़ जारी कर विपक्ष के एक-एक आरोप का जवाब दिया है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी के बावजूद इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रही है, जो भारत की विरासत को बड़ा नुकसान पहुंचा रही है। दूसरी ओर केंद्र सरकार इसे आज के समय की ज़रूरत बताकर विपक्ष के आरोपों को निराधार बता रही है। केंद्र की ओर से इस मामले की कमान हरदीप सिंह पुरी के हाथों में है, जिन्होंने एक बार फिर विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है।
विपक्ष बार-बार यह दावा करता रहा है कि इस परियोजना की कुल लागत 20 हज़ार करोड़ की है, जबकि पुरी ने अब इन दावों की पोल खोली है। केंद्रीय मंत्री की ओर से कहा गया कि “नए संसद भवन की लागत 862 करोड़ रुपये है और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू की लागत 477 करोड़ रुपये है। कुल मिलाकर ये लागत 1300 करोड़ रुपये की है।”
दूसरी ओर PM के नए आवास को लेकर भी मोदी सरकार और विपक्ष के बीच भीषण जंग देखने को मिल रही है। विपक्ष के आरोपों के मुताबिक, PM का आवास 13,450 करोड़ रुपये में बन रहा है। हरदीप सिंह पुरी ने बयान जारी कर बताया कि “अभी फिलहाल 10 अन्य इमारतें बन रही है और PM आवास के लिए तो अभी टेंडर भी जारी नहीं किया गया है।”
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विपक्ष का यह भी आरोप है कि सरकार के लिए वैक्सीनेशन और कोरोना प्राथमिकता ना होकर यह सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ही प्राथमिकता है। इसपर भी हरदीप सिंह पुरी ने विपक्ष को जवाब दिया है और कहा है कि इन अलग-अलग चीजों के लिए सरकार ने अलग-अलग बजट बनाया हुआ है। हरदीप के बयान के मुताबिक, “पिछले साल के मुकाबले इस बार केंद्रीय बजट में 137 फीसदी की बढ़ोतरी की गई। वहीं कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए अलग से 35000 करोड़ का आवंटन किया गया है।”
हरदीप इससे पहले आक्रामक रुख दिखाते हुए कांग्रेस पर खुद अपने राज्यों में ऐसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राजस्थान में उसकी सरकार 266 करोड़ रुपये की लागत से विधायकों के लिए 160 आलीशान घरों का निर्माण करा रही है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने आरोप लगाया कि विधायकों के लिए आलीशान घरों के निर्माण के लिए राजस्थान सरकार ने भवन उपनियमों का उल्लंघन किया है।
विपक्ष बार-बार इस परियोजना के मुद्दे को उठाकर केंद्र पर लोगों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगा रहा है। हालांकि, यह बात भी सच ही है कि कोरोना को देखते हुए सरकार के सभी विभाग तो अपना काम नहीं छोड़ सकते। सरकार के जिस अंग को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम सौंपा गया है, उसे जल्द से जल्द निपटा लेने में ही भलाई है। सरकार को विपक्ष के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देकर अपनी इस परियोजना को जल्द से जल्द आगे बढ़ाना चाहिए।