पाकिस्तानी पत्रकार को दिग्विजय सिंह ने दिया आश्वासन- सत्ता में आते ही Article 370 दोबारा लागू करेंगे

कांग्रेस और पाकिस्तान- एक ही सिक्के के दो पहलू

अनुच्छेद 370 दिग्विजय सिंह

(PC: Indian Express)

कुछ कांग्रेसी नेता ऐसे हैं जो बैठे-बिठाए पाकिस्तान से प्रेम और कश्मीर मुद्दे पर ऊल-जलूल बयानबाजी कर अपनी और पार्टी, दोनों की कब्र खोदने का काम करते हैं, और ऐसे नेताओं में दिग्विजय सिंह का नाम शीर्ष पर आता है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के मुद्दे पर पहले ही कांग्रेस पिछले दो सालों से अपनी भद्द पिटवाती आ रही है। अब उसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए क्लब हाउस नामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तानी पत्रकारों से बातचीत में दिग्विजय सिंह ये ऐलान कर दिया कि यदि कांग्रेस पार्टी केंद्र की सत्ता में आती है तो वो अनुच्छेद-370 के फ़ैसले की जांच कर पुनः इसे लागू करेगी। उनका ये बयान कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गया है क्योंकि बीजेपी कांग्रेस पर तीखे प्रहार कर कांग्रेस पर पाकिस्तानी एजेंडा चलाने का आरोप लगा रही है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर कांग्रेस अपना एजेंडा तो चलाती है, लेकिन उसके नेता इनका इस्तेमाल भी ठीक से नहीं कर पाते हैं, और पार्टी के लिए मुसीबतों को न्योता दे देते हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी कुछ ऐसा ही किया है।‌ वो देश-विदेश के पत्रकारों से क्लब हाउस के ऑडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बातचीत कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार शाहजेब जिल्लानी से कह दिया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर अनुच्छेद-370 की बहाली पर काम करेगी।

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दिग्विजय ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के खात्मे को दुखद बताते हुए इसे धर्म-निरपेक्षता के खिलाफ हुआ फैसला करार दिया है। उन्होंने कहा, मुस्लिम बहुल राज्य में एक हिंदू राजा था। दोनों ने साथ काम किया। दरअसल, कश्मीर में सरकारी सेवाओं में कश्मीरी पंडितों को आरक्षण दिया गया था। इसलिए Article 370 को रद्द करना और जम्मूकश्मीर का राज्य का दर्जा कम करना अत्यंत दुखद निर्णय है। हमें निश्चित रूप से इस मुद्दे पर फिर से विचार करना होगा। फैसले पर विचार करने की बात कर दिग्विजय ने कांग्रेस की आधिकारिक लाइन की पुनः पुष्टि कर दी है कि कांग्रेस अनुच्छेद-370 के पक्ष में ही है।

वहीं धार्मिक कट्टरता, सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता को लेकर दिग्विजय सिंह ने फिर रटी-रटाई बातें दोहराईं हैं। उन्होंने कहा, मैं मानता हूं कि जो चीज समाज के लिए खतरनाक है, वह है धार्मिक कट्टरवाद। चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख किसी से भी जुड़ा हो। धार्मिक कट्टरवाद नफरत की ओर ले जाता है, और नफरत से हिंसा होती है। एक दूसरे की परंपराओं की पालना को लेकर उन्होंने कहा, हर समाज और धार्मिक समूह को यह समझना होगा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी परंपरा और विश्वास का पालन करने का अधिकार है। किसी को भी अपनी आस्था, भावनाएं या धर्म किसी पर थोपने का अधिकार नहीं है।

 

दिग्विजय सिंह ने अपने बड़बोलेपन के कारण जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के तहत फिर कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। बीजेपी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर हमलावर होते हुए पार्टी का स्टैंड पूछ रही हैं। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर इस बातचीत को राहुल गांधी की देश विरोधी टूलकिट से जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि टूलकिट के तहत पहले ही दिग्विजय सिंह की पाकिस्तानी पत्रकारों से बातचीत की प्लानिंग हो चुकी होगी।

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वहीं इस मौके पर बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने कहा, कांग्रेस का पहला प्यार पाकिस्तान है। दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी का संदेश पाकिस्तान तक पहुंचा दिया है। कांग्रेस कश्मीर को हथियाने में पाकिस्तान की मदद करेगी। इसके इतर बीजेपी के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने  कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा, क्लब हाउस चैट में राहुल गांधी के वरिष् सहयोगी दिग्विजय सिंह एक पाकिस्तानी पत्रकार से कहते हैं कि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है तो वे आर्टिकल 370 को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे, सच में? यही तो पाकिस्तान चाहता है।

इस मुद्दे पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से लेकर केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह को घेर रहे हैं, और कांग्रेस एक बार फिर अनुच्छेद-370 के मुद्दे पर बैक फुट में चली गई है। ये पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान के हित की बात करते हुए कांग्रेस का कोई नेता अपने ही बनाए जाल में फंस गया हो। दिग्विजय सिंह से लेकर मणिशंकर अय्यर, जयराम रमेश सभी जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के हित की बात कर पार्टी को बुरी स्थिति में ले जा चुके हैं। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं की गलतियों के चलते रसातल में जा रही है।

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