PM मोदी के भाषण को The Hindu ने किया Fact Check लेकिन खुद ही गलत तथ्य दिए

Fact Checkers के Fact की Checking

द हिंदू फैक्ट चेक

आज भारत उन गिने चुने देशों में शामिल है, जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन अपने देश में किया। कोरोना की वैक्सीन बनाने वाले देशों की बात करें तो, इसमें अमेरिका, रूस, ब्रिटन, चीन और भारत शामिल है। आज भारत वैश्विक शक्तियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। यह प्रत्येक भारतवासी के लिए गर्व की बात है पर भारत के अंदर ही एक वामपंथी अंग्रेज़ी अखबार ‘द हिंदू’ इस फेक्ट से खुश नहीं है कि भारत ने रिकॉर्ड टाइम में एक नहीं दो कोरोना वैक्सीन बना ली है और फिलहाल कई वैक्सीन भारतीय बाज़ार में आने के लिए कतार में खड़ी हैं।

दरअसल, बीते सोमवार को प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए अपनी बात रखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि आज से पहले भारत को वैक्सीन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ता था, परंतु आज भारत, देश में ही कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन करने में सक्षम है।

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चूंकि ‘द हिंदू’ को यह सच पसंद नहीं आया इसलिए उन्होंने PM मोदी के भाषण का फैक्ट चेक करके एक रिपोर्ट छापी। कमाल की बता यह है कि ‘द हिंदू’ का फैक्ट चेक गलत है। उदहारण के लिए बता दें, द हिंदू ने अपने फैक्ट चेक रिपोर्ट में लिखा है कि ‘भारत आजादी से पहले यानी 1802 में चेचक के लिए टीका बनाने लगा था’ फिर अपनी रिपोर्ट में उसने यह भी लिखा है कि भारत को चेचक से आजादी 1975 में मिली। यानी चेचक का पहला टीका 1802 में लगता है और चेचक खत्म होता है 1975 में, तो देश को चेचक से जंग जीतने में कुल 173 साल लग गए!

अब रही बात पोलियो की तो द हिंदू ने फैक्ट चेक में दावा किया है कि भारत पोलियो के टीका बनाने में आगे था अथवा ओरल पोलियो टीका के प्रभावकारिता में भारत सबसे अव्वल था। इसके बावजूद भी WHO के अनुसार, भारत में पोलियो टीकाकारण अभियान तब शुरू हुआ जब दुनिया के 60 प्रतिशत पोलियो से ग्राषित मरीज भारत में पाए जाने लगे थे। भारत का पोलियो टीकाकरण अभियान 1994 से शुरू हुआ था।

सबसे दुख की बात यह है कि पोलियो टीकाकरण अभियान शुरू होने के बावजूद भारत को करीब 20 साल से ज्यादा लग गए पोलियो को जड़ से मिटाने में। WHO ने साल 2014 में भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया था।

द हिंदू द्वारा छपे इस फैक्ट चेक में लिखा गया है कि भारत के पास कभी भी वैक्सीन की कमी नहीं थी। यह बात हर पैमाने पर आधारहीन है। भारत में हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण 2002 में शुरू हुआ था जबकि दुनिया में हेपेटाइटिस बी का टीका 1981 में आ चुका था। यानी भारत में इसके उपलब्ध होने में दो दशक से ज्यादा लग गए।

कुछ ऐसा ही लिखा हुआ है रोटावायरस वैक्सीन को लेकर। अमेरिका ने 2006 में रोटावायरस वैक्सीन बना ली थी और रही बात भारत की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने साल 2016 से रोटावायरस वैक्सीन का सामूहिक टीकाकरण अभियान चलाया था। PM मोदी के नेतृत्व में भारत रोटावायरस के विरुद्ध सामूहिक टीकाकरण करने वाला एशिया का पहला देश बना है।

आज का भारत पुराना भारत नहीं है! यह बात वामपंथी मीडिया को हजम नहीं हो रही है क्योंकि सालों से गांधी परिवार और कांग्रेस की चाटुकारिता करने वाले इन द हिंदू जैसे मीडिया घरानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफलता आंखों में तीर की तरह चुभती है। आज वे आधारहीन फैक्ट चेक करके प्रधानमंत्री की छवि को ठेस पहुंचाना चाहते है।

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