पंजाब में वैक्सीन से मुनाफा कमाने के बाद अब अमरिंदर सिंह की सरकार कोविड फतेह किट पर मुनाफा कमा रही है। निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेचे जाने के आरोप के बाद अब कोविड फतेह किट को लेकर विपक्ष ने कैप्टन सरकार पर हमला बोला है। विपक्ष ने कोविड फतेह किट को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए घोटाले का आरोप लगाया है।
बीजेपी के गौरव भाटिया ने बताया कि पंजाब में कुछ दिन पहले मुनाफाखोरी का वसूली मॉडल सामने आया है। उन्होंने कहा कि, “यहां पर वैक्सीन को निजी अस्पतालों को बेचा जा रहा है। अब 837 रुपये वाली किट को 1200 रुपये से अधिक कीमतों में बेची जा रही है। अप्रैल के पहले सप्ताह में सरकार ने पहला टेंडर निकाला था, जिसमें इस किट की कीमत 837 तय की गई थी, लेकिन दूसरे टेंडर में इसकी कीमत बढ़कर 1,226 रुपये कर दी गई और फिर तीसरे टेंडर में किट की कीमत 1,338 रुपये हो गई। आखिर सरकार जनता की गाढ़ी कमाई को इस तरह क्यों बर्बाद कर रही है, यह समझ से परे है। आपदा के समय भी कांग्रेस सरकार वसूली मुहिम चला रही है।“
20 अप्रैल को दूसरे टेंडर में इन्हीं किट की कीमत 837 रु से बढ़कर 1,226 रु हो जाती है।
तीसरा टेंडर में फिर से किट की कीमत बढ़ाकर 1,338 रु कर दिया जाता है।
ये जनता का रुपये था। आपदा के समय भी कांग्रेस की सरकार भ्रष्टाचार करती है, वसूली करती है।
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रिपोर्ट के अनुसार अमरिंदर सरकार पर आरोप लगा है कि सरकार ने हर 15 दिन में कोविड फतेह किट के दाम बढ़ाए हैं। कई बार नई-नई कंपनियों को टेंडर दिए गए। पिछले महीने पंजाब की कांग्रेस सरकार ने कोविड फतेह किट उन लोगों को मुफ्त देना शुरू किया था जो कोरोना वायरस से संक्रमण की चपेट में आ गए हों। इस किट में दवाएं, मास्क, सैनिटाइजर के साथ ही ऑक्सीमीटर जैसे कई सामान रहते हैं।
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आज तक की रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता वकील विशाल गर्ग ने कहा कि सबसे पहले टेंडर में संगम मेडिकल स्टोर ने सबसे कम 837.76 रुपये की कीमत पर टेंडर भरा। सरकार ने वही 3 अप्रैल 2021 को करीब सौ रुपये प्रति कोविड फतेह किट का अधिक भुगतान कर 940 रुपये प्रति कोविड फतेह किट के हिसाब से खरीदा।
20 अप्रैल को एक नया टेंडर लगाया गया जिसमें कोविड फतेह किट की कीमत 1226.40 रुपये लगाई गई और Grand way नाम की कंपनी को 50,000 किट का टेंडर दे दिया गया जबकि इस कंपनी के पास मेडिकल उपकरण बेचने का लाइसेंस भी नहीं है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि 7 मई को तीसरा टेंडर लगाया गया जिसमें 1.5 लाख फतेहकिट के लिए कीमत बढ़ाकर 1338 रुपये रखी गई। इस तरह जो किट पहले टेंडर में 837 रुपये में मिल रही थी उसके लिए तीसरे टेंडर में कीमत बढ़कर 1338 रुपये हो गई यानी प्रति किट करीब पांच सौ रुपये का इजाफा हो गया जबकि किट का सामान वही था।
बता दें कि पंजाब की सरकार वैक्सीन को बेच फायदा कमा रही है। पंजाब सरकार सस्ते दामों में केंद्र सरकार से COVAXIN खरीदकर उसे निजी अस्पतालों में महंगे दामों में बेच रही है। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में खरीदी गई एक लाख शीशियों में से राज्य सरकार ने राज्य भर के निजी अस्पतालों को कम से कम 20,000 शीशियों को 1,060 रुपये प्रति खुराक की दर से बेच दिया है।
बता दें कि पंजाब सरकार ने यह वैक्सीन राज्य कोटे के माध्यम से केंद्र सरकार से 400 रुपये में खरीदी थी। यानी पंजाब सरकार को 660 रुपये प्रति डोज का फायदा हो रहा है। 1060 रुपये में खरीदने के बाद अब निजी अस्पताल लोगों से कम से कम ₹1,560 प्रति शॉट वसूल रहे हैं यानी उनका भी 500 प्रति डोज की कमाई हो रही है और 400 रुपये की वैक्सीन के लिए राज्य की जनता 1,560 रुपये का भुगतान कर रही है।