UP के बाराबंकी में मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश कर रहा था The Wire, पुलिस ने ठोका मुकदमा

पिछले 14 महीनों में UP में The Wire पर दर्ज हुई चौथी FIR!

The Wire बाराबंकी

(PC: Rebellion Voice)

The Wire का बाराबंकी मस्जिद को लेकर झूठ बेनकाब

फेक न्यूज़ फैलाने के लिए कुख्यात वामपंथी मीडिया पोर्टल “The Wire” एक बार फिर अपनी फेक न्यूज़ के कारण पुलिस के रेडार पर है। दरअसल, 23 जून को The Wire ने अपनी एक डॉक्युमेंट्री में यह दावा किया था कि UP के बाराबंकी में प्रशासन द्वारा ना सिर्फ एक मस्जिद को अवैध तरीके से गिराया गया बल्कि उसमे रखी कुरान और अन्य धार्मिक पुस्तकों को भी नदी में फेंक दिया गया था। इसके बाद अब बाराबंकी पुलिस प्रशासन ने इस पूरी खबर को झूठ करार देते हुए The Wire और उससे जुड़े तीन पत्रकारों पर FIR दर्ज कर ली है और उन पर राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने के आरोप लगाए हैं।

पुलिस ने एक-एक कर The Wire की झूठी रिपोर्टिंग के सभी तथ्यों की धज्जियां उड़ाई हैं। बाराबंकी पुलिस ने यह खुलासा किया है कि मस्जिद के ढांचे को प्रशासन द्वारा पहले ही अवैध करार दिया जा चुका था और मस्जिद के खिलाफ जो भी कार्रवाई हुई है वह कोर्ट के आदेश अनुसार ही हुई है। इसके साथ ही The Wire की रिपोर्ट में किए गए दावे के अनुसार कुरान और अन्य धार्मिक पुस्तकों को नदी में बहाने के आरोपों से भी पुलिस ने साफ इनकार किया है।

पुलिस से 3 कर्मचारियों पर की FIR

बाराबंकी के DM आदर्श सिंह के अनुसार डॉक्युमेंट्री में दिखाया गया कुछ कंटेन्ट झूठा और भ्रामक है और ऐसा लग रहा है मानो सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने के लिए जान-बूझकर तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है। उनके बयान के अनुसार “Video में दिखाया गया है कि पुलिस ने धार्मिक पुस्तकों को नदी-नाले में बहा दिया। यह पूरी तरह झूठ और बेबुनियाद है। यह समाज में घृणा फैलाने के लिए किया गया है। हमने Video को बनाने और इसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।”

सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह द्वारा दर्ज FIR में सिराजी अली, मोहम्मद अनीस और मुकुल चौहान नामक पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसके बाद The Wire के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताया है। अकेले उत्तर प्रदेश में पिछले 14 महीनों में The Wire पर 4 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं जो दर्शाता है कि यह वामपंथी पोर्टल फेक न्यूज़ फैलाने की अपनी पुरानी आदत से बाज़ नहीं आ रहा है। हालांकि, जिस प्रकार UP पुलिस इस पोर्टल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, उससे उम्मीद है कि जल्द ही इस फेक न्यूज़ फ़ैक्टरी पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

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