विदेशी पैसा, NGO, आतंक और शैक्षणिक संस्थान : UP की धर्मांतरण गैंग एक बड़े इस्लामिक सिंडीकेट का हिस्सा है

धर्मांतरण, कट्टरपंथ और आतंक की आग में पूरे देश को जलाने की साजिश थी

यूपी धर्मांतरण Racket

(PC: Zee News)

यूपी एटीएस ने धर्मांतरण गिरोह का किया पर्दा फाश

यूपी एटीएस ने सोमवार को दिल्ली के जामिया नगर इलाके से मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया था। यह दोनों गरीब और अनपढ़ हिंदुओं को बरगलाकर और लालच देकर उनका धर्मांतरण करवाते थे। यूपी पुलिस के मुताबिक आरोपी सुनियोजित तरीके से एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं।

इसके लिए उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से फंडिंग मिलने की भी बात कही जा रही है। ऐसा लगता है कि यह धर्मांतरण रैकेट एक सुनियोजित अथवा सुसंगठित इस्लामिक कन्वर्जन सिंडिकेट से जुड़ा है।

जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में इनके खतरनाक मंसूबे सामने आए हैं। नोएडा सेक्टर-117 स्थित डेफ सोसाइटी में पढ़ने वाले मूक-बधिर विद्यार्थियों को आरोपियों ने मानव बम के रूप के इस्तेमाल करके भारत सहित पूरी दुनिया को दहलाने की साजिश रची थी। मुख्य रूप से यह फंडिंग पाकिस्तान और अरब देशों से की जा रही थी।

Islamic Dawah Centre (IDC) नामक संगठन चलाने वाले इन दो आरोपियों पर अन्य सहयोगियों के साथ मिल कर शादी, नौकरी और पैसे जैसे प्रलोभनों और मानसिक दबाव के माध्यम से लोगों का बड़े पैमाने पर इस्लाम में धर्मांतरण का आरोप लगाया गया है।

दोनों आरोपियों और उनके संगठन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 बी, 153ए, 153बी, 295 और 511 और यूपी धर्मांतरण निषेध अध्यादेश-2020 की धारा 3/5 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

हाल ही में यूपी के धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है

बता दें कि कानपुर के कल्याणपुर में एक दंपत्ति के मूक-बधिर बेटे का धर्म परिवर्तन कर उसे दक्षिण भारत भेज दिए जाने के बाद इस रैकेट का खुलासा हुआ। अब उत्तर प्रदेश पुलिस की ATS इस मामले की जाँच में जुट चुकी है और रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं।

तब से अब तक दोनों आरोपियों द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन के हजारों मामले सामने आ चुके हैं। कथित तौर पर दोनों ने धर्मांतरण की एवज में नौकरी और पैसे के झूठे वादे किए।

मोहम्मद उमर गौतम को हिंदू धर्म को त्यागने और इस्लाम धर्म अपना लेने से पूर्व श्याम प्रसाद सिंह गौतम के नाम से जाना जाता था। आतंकवाद निरोधी दस्ते ने कहा कि गौतम ने कथित तौर पर 1,000 से अधिक लोगों को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया था और उनमें से कई लोगों की शादी मुसलमानों से करवा दी थी ताकि उनकी घर वापसी को रोका जा सके।

इस्लाम अपनाने के तुरंत बाद, मोहम्मद उमर गौतम ने अपनी पत्नी और बाद में अपनी मां का भी धर्म परिवर्तित करवा दिया। उसके बाद वहां से, दूसरों को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए उसकी योजना शुरू हुई।

गौतम वाला मामला भी इसी से जुड़ा है

Zee News की रिपोर्ट के अनुसार धर्मांतरण कर श्याम प्रताप सिंह से डॉ. उमर गौतम बनने से उसके परिवार ने उससे संबंध खत्म कर लिए थे। उसकी पत्नी भी इससे बेहद आहत थी। मामले की जानकारी पर ससुर ने धर्म वापसी की शर्त पर उमर को ईंट भट्ठा व संपत्ति देने का प्रस्ताव रखा लेकिन उसने इसे भी ठुकरा दिया।  वह पत्नी का ब्रेनवॉश करता रहा, जिसके चार साल बाद पत्नी ने भी हिम्मत हार दी और वह उमर के साथ दिल्ली लौट कर राजेश्वरी से रजिया गौतम बन गई।

कई लोगों को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए नौकरी के अवसरों के साथ भी लुभाया गया था। गौतम ने अपने पीड़ितों को इस्लाम के दायरे में लाने के लिए हर संभव तरीके का इस्तेमाल किया।

इस देशव्यापी धर्मांतरण रैकेट के भंडाफोड़ के बाद अधिक से अधिक पीड़ित परिवार अपने दर्द को साझा करने के लिए सामने आ रहे हैं।दर्शन सक्सेना की मां ने ANI को दिए एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि उनका बेटा 2018 से लापता है और उन्हें संदेह है कि उसका भी धर्म परिवर्तन किया गया है।

उन्होंने बताया कि, “True caller ऐप पर उसका नाम रेहान के रूप में आता है। उस समय, हमने धार्मिक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी।”

इसी तरह मनु यादव नाम की एक पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि उन्हें पाकिस्तान से उनके बेटे के मोबाइल नंबर पर धमकी भरा कॉल आया था कि वह अपने बेटे के धर्म परिवर्तन में बाधा न डालें।

यूपी में कैसे धर्मांतरण रैकेट धर्म परिवर्तन करवाता है? पढ़िए

वहीँ नुरुल हुदा, इंग्लिश मीडियम से पहले जुड़ी रहीं एक महिला टीचर, ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि साल 2020 में 20-25 मौलानाओं के साथ मोहम्मद उमर गौतम स्कूल आया था। महिला टीचर ने यह भी बताया कि स्कूल आए मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करवाने के लिए उनपर दबाव बनाया था।

इस गैंग ने यूपी के कानपुर के मूक-बधिर आदित्य गुप्ता का भी धर्मांतरण कराया था, जिसे इन्होंने अब्दुल कादिर बना दिया। आदित्य मार्च के महीने में घर से लापता हो गया था, जो 20 जून को रहस्यमय हालात में घर वापस लौट आया था। परिवार को घर में उसके धर्मांतरण के बारे में जानकारी अब्दुल कादिर नाम के कन्वर्जन सर्टिफिकेट से हुई थी।

उमर गौतम लखनऊ से संचालित हो रही एक और संस्था का पदाधिकारी भी है। वह लखनऊ की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन का वाइस प्रेसिडेंट है। उमर गौतम अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन लखनऊ में मलिहाबाद के रहमानखेड़ा में स्कूल चला रहा है। दसवीं तक सीबीएसई बोर्ड के इस स्कूल में 500 बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का भी दावा किया जाता है।

इस मामले में गिरफ्तार एक अन्य आरोपी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर में इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) का अध्यक्ष है।

जहांगीर ने कथित तौर पर सामूहिक धर्मांतरण के लिए IDC का केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया और नए धर्मान्तरित लोगों के लिए वार्षिक मण्डली की व्यवस्था की। महिलाओं, बच्चों, आर्थिक रूप से कमजोर और अन्य कमजोर वर्गों को इस्लाम में परिवर्तित कराया गया।

जांच एजेंसी के हाथ लगे है कई सबूत

बता दें कि डासना देवी मंदिर के प्रमुख महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए काशिफ और विपुल से पूछताछ के दौरान जहांगीर और गौतम के नाम सवालों के घेरे में आए थे।

नोएडा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में सामने आया है कि गिरोह में शामिल लोग मूक-बधिर विद्यार्थियों व महिलाओं को अपना शिकार बनाते थे, खासतौर से चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिये संचालित संस्थान के विद्यार्थियों को। नोएडा डेफ सोसाइटी का संचालन भी चैरिटी के जरिये मिले धन से ही होता है।

वह यूपी में हिंदू ही नहीं बल्कि ईसाई, जैन और सिख परिवारों के बच्चों का भी बड़ी संख्या में धर्मांतरण करा चुका है। मूक-बधिर बच्चे उनके खास निशाने पर होते थे। इन बच्चों को अलग तकनीक से पढ़ाने के लिए धर्मांतरण गिरोह ने अपने टीचर प्लांट कर रखे थे। ये टीचर ही धर्मांतरण की बुनियाद खड़ी करते थे।

जानिए किसे ये टारगेट करते है और क्यों?

मूकबधिर विद्यार्थियों को इसलिए निशाना बनाया जाता, क्योंकि वह न तो सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं। एक बार झांसे में आने के बाद इनमें अपने धर्म के प्रति दुर्भावना, घृणा पैदा कर एवं इस्लाम धर्म के प्रति विश्वास पैदा कर उनका धर्मांतरण आसानी से कराया जा सकता है।

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खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक 100 से अधिक बैंक खाते रडार पर हैं। इनमें से करीब तीन दर्जन खातों को खंगाला गया है। इसके साथ ही कई आतंकी संगठनों से भी फंडिंग हो रही है। यह रकम कट्टरपंथी संगठनों को भेजी जा रही है। इस खेल में कई बड़े लोगों के जुड़े होने का अंदेशा भी है।

अवैध धर्मांतरण मामले में जांच एजेंसियों को यूपी में धर्मांतरण गिरोह के आतंकी संगठनों से मिले होने के प्रमाण मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं। सीएम योगी ने एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दे़श की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटें।

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