भारत में म्यांमार से आए रोहिंग्या घुसपैठिए कितने खतरनाक है, ये किसी से छुपा नहीं है, परंतु जिस प्रकार से ये भारत में आतंकवाद और महिला तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं, ये अब दिन प्रतिदिन चिंताजनक बनता जा रहा है। जहां एक ओर कुछ राज्य अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के कारण इन्हें जाने देते हैं, तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य भी हैं , जहां न केवल रोहिंग्या घुसपैठियों पर डंडा चलाया जाता है, बल्कि उन्हें उनके कर्मों के लिए तुरंत सजा भी दी जाती है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध रूप से भारत में बांग्लादेशियों की घुसपैठ कराने के मामले में 4 रोहिंग्या घुसपैठियों को हिरासत में लिया है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह को लेकर लंबे समय से सूचना मिल रही थी, जिसके बाद उन्होंने निगरानी रखना शुरू कर दिया और उन्हें मेरठ में रहने वाले हाफिज शफीक नाम के व्यक्ति और उसके साथियों का पता चला। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के बाद इन्हें कोर्ट में पेश कर अपनी रिमांड में ले लिया है और अब पूछताछ की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार के अनुसार, “हाफिज शफीक मेरठ में एक गिरोह चला रहा था, जो भारत में लाए गए रोहिंग्याओं के आधार, वोटर आईडी, पासपोर्ट आदि बनवाते थे। इन्होंने कई महिला रोहिंग्या की तस्करी कर विदेशों में भी पहुँचाया है। हाफिज शफीक सहित 4 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है”।
अभी चारों आरोपियों की पहचान हाफिज शफीक, अजीजुर्रहमान, मुफीजुर्रहमान और मोहम्मद इस्माइल के तौर पर हुई हैं। इनमें से अजीरुर्रहमान और मुफीजुर्रहमान म्यांमार के रखाइन प्रांत के हैं। हफीज, म्यांमार के मुशीदम का निवासी है और इस्माइल म्यांमार के टमरू का रहने वाला है। ये लोग मेरठ के अलीपुर गांव में रहते थे। चारों पर आरोप है कि ये रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को भारत की सीमा में अवैध रूप से लाते थे। इसके अलावा ये फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर घुसपैठियों को संस्थानों में नौकरी दिलाते थे। साथ ही उनकी आमदनी के बड़े हिस्से को बतौर वसूली लेते थे।
पुलिस का कहना है कि ये गिरोह भारत में जिन लोगों की एंट्री करवाता था उनमें से कई विभिन्न प्रकार की आपराधिक एवं देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। पड़ताल में पता चला है कि इन लोगों ने न केवल घुसपैठियों के फर्जी दस्तावेज बनवाए, बल्कि ये लोग रोहिंग्या महिलाओं की तस्करी में भी शामिल थे। इसके लिए इन्हीं फर्जी दस्तावेजों को प्रयोग में लाया जाता था।
पुलिस ने इनके पास से 3 आधार कार्ड, 3 मोबाइल फोन, बर्मा का 1 पहचान पत्र, एक फर्जी आधार, 2 पासपोर्ट की फोटोकॉपी, 1 लैपटॉप, 1 पेनड्राइव, कुछ विदेशी मुद्रा और अन्य रोहिंग्या प्रवासियों के लिए बनवाए गए भारतीय पासपोर्टों में वोटर आईडी व भारतीय जन्म प्रमाण पत्र भी बरामद किए गए है। चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इन्हें कोर्ट में पेश करके रिमांड में भेज दिया गया है। पता लगाया जा रहा है कि इनके साथ और कौन-कौन इस काम में संलिप्त हैं।
अब कल्पना कीजिए, जब इतनी चालाकी से ये घुसपैठिए उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में काम कर रहे हैं, जहां प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है, तो सोचिए उन राज्यों का क्या हाल होगा, जहां इन घुसपैठियों को पूरी छूट है, जैसे उदाहरण के लिए बंगाल? ऐसे में उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा इन घुसपैठियों के इस रैकेट का भंडाफोड़ किया जाना न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि आवश्यक भी।