‘वह श्री राम विरोधी और भ्रष्टाचारी है’, AAP प्रवक्ता ने अपनी ही पार्टी के नेता संजय सिंह को किया बेनकाब

AAP प्रवक्ता रत्नेश मिश्रा ने पूरे एजेंडे को किया एक्सपोज!

संजय सिंह

संस्कृत में एक कहावत है, ‘अति विनयम् धूर्त लक्षणमः’… यानी वो शख्स जो ज्यादा विनम्रता का ढोंग करें, असल में सबसे चलाक होता है। आम आदमी पार्टी और उसके तमाम नेताओं की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। उत्तर प्रदेश में राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते भेजे गए संजय सिंह के पास करने को कुछ नहीं था तो उन्होंने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण और जमीन की खरीद में भ्रष्टाचार का शिगूफा छोड़ दिया। उनकी चौतरफ़ा आलोचनाएं तो हो ही रही हैं, लेकिन इसी बीच आप के यूथ ब्रिगेड के प्रवक्ता ने संजय सिंह को ढोंगी धोखेबाज करार देते हुए उन्हें राम विरोधी तक कह दिया है। इस मामले में ये भी खुलासा हुआ है कि राम मंदिर के निर्माण और भ्रष्टाचार के एजेंडे की पटकथा दिल्ली में बैठकर रची गई थी।

दरअसल, अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर राम विरोधियों में काफ़ी रोष है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए ली गई आस-पास की जमीन की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ दिया है। उनके इस एजेंडे की पोल आप के ही प्रदेश यूथ ब्रिगेड के प्रवक्ता रत्नेश मिश्रा ने ख़ोली और बताया कि “असल में संजय सिंह कितने बड़े राम विरोधी हैं।” उन्होंने बताया है कि “कैसे भगवान राम के मंदिर निर्माण को रुकवाने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए भ्रष्टाचार का दुष्प्रचार फैलाने की संजय सिंह ने तैयारी की थी।” उन्होंने ये भी कहा कि “संजय सिंह खुद पार्टी का फंड नोचकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।”

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आप यूथ ब्रिगेड के प्रवक्ता रत्नेश मिश्रा ने कहा कि संजय सिंह ने जानबूझकर उन्हें दिल्ली बुलाया था। उन्होंने कहा, “गोंडा का निवासी होने की वजह से मुझे दिल्ली से अयोध्या में संतों को ट्रस्ट एवं बीजेपी के विरुद्ध तैयार करने को बोला गया। अयोध्या पहुंच कर मुझे ऐसा लगा कि संजय सिंह पाप कर रहे हैं, क्योंकि ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीदने के हर पहलू पर मैंने चर्चा की है, जो सही है।” रत्नेश ने कहा कि संजय सिंह पर राम मंदिर में भ्रष्टाचार का एजेंडा चलाकर राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं।

राम मंदिर निर्माण में भ्रष्टाचार की बात करने वाले सांसद संजय सिंह पर ही भ्रष्टाचार और पार्टी फंड में चोरी का आरोप लगाते हुए आप नेता रत्नेश ने कहा, “संजय सिंह पार्टी का फंड खाते हैं एवं पार्टी का पैसा चुराकर सुलतानपुर में आलीशान मकान बनवाया। पार्टी फंड का पैसा चुराने वाले चोर द्वारा राम मंदिर पर सवाल उठाने से मैं आहत हूं। माननीय मुख्मंत्री अरविंद केजरीवाल जी का सच्चा सिपाही हूं और सदेव रहूंगा। मैं संजय सिंह को पार्टी से निकालने की मांग करूंगा।”

राम जन्मभूमि के स्थान पर मंदिर बनने को लेकर संजय सिंह ने जिस तरह का ओछा दांव चला है उससे हर कोई हैरान है। रत्नेश ने कहा, “मुझसे ज्यादा आम आदमी पार्टी में किसी ने ही राम मंदिर के लिए कुर्बानी दी होगी, क्योंकि मेरे पिता रमेश चंद्र मिश्र का निधन अयोध्या में हुई कार सेवा के दौरान हुआ था।” ये और बात है कि आम आदमी पार्टी का अस्तित्व भी उस समय नहीं था, तब से राम मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलन चलाए जा रहे थे, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि हिन्दू समुदाय के अनेकों लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए अपना तन-मन-धन सबकुछ समर्पित किया है।

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इसके विपरीत राम मंदिर निर्माण में जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर संजय सिंह ने जो भ्रष्टाचार के बेबुनियाद आरोप लगाए, वो तो कुछ ही क्षणों में हवा हो गए, लेकिन इससे ये जरूर साबित हो गया कि असल में संजय सिंह और आम आदमी पार्टी का चरित्र भी राम विरोधी ही है। हम सभी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए इफ्तार पार्टी में जालीदार टोपी पहने देखा है, लेकिन हाल के राम मंदिर निर्माण में बेबुनियाद आरोप लगाकर संजय सिंह ने अपना और आम आदमी पार्टी का असल राम और सनातन विरोधी चरित्र उजागर कर दिया है।

वहीं आप के ही प्रदेश यूथ ब्रिगेड के प्रवक्ता रत्नेश मिश्रा ने तो इस पूरे एजेंडे का झूठ ही एक्सपोज कर दिया है। ये साबित हो गया है कि इस पूरी पटकथा के रचयिता, निर्देशक और अभिनेता स्वयं संजय सिंह ही है, जिनका राम विरोध राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण पराकाष्ठा को पार कर चुका है।

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