मुस्लिम तुष्टिकरण के जरिए विपक्ष ने अपना मोदी विरोधी एजेंडा चलाने की अनेकों कोशिशें की हैं। लक्षद्वीप में नए सुधारों को लेकर विपक्षी दल मोर्चा खोल चुके हैं। ऐसे में फेक न्यूज भी फैलाई जा रही है, जिसका ताजा उदाहरण पीटीआई का एक ट्वीट है, जिसमें कहा गया कि लक्षद्वीप प्रशासन लक्षद्वीप के क़ानूनी अधिकार केरल से कर्नाटक हाईकोर्ट ट्रान्सफर करने की प्लानिंग कर चुका हैं। ऐसे में पीटीआई की ख़बर को लक्षद्वीप के कलेक्टर ने खारिज कर दिया है, जो दिखाता है का पीटीआई एक फेक न्यूज फैलाने की तैयारी में था, लेकिन उसका एजेंडा एक्सपोज हो गया है।
लक्षद्वीप को लेकर जब से कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं, तब से ही विपक्षी और वामपंथी मीडिया ने टारगेट कर रखा है। इन सभी का एक ही मकसद है कि किसी भी तरह से लक्षद्वीप के जरिए मोदी सरकार को आड़े हाथों लेना। ऐसे में पीटीआई ने एक Tweet में लिखा, “लक्षद्वीप प्रशासन नई नीतियों को लेकर वहां के लोगों द्वारा व्यापक विरोध का सामना कर रहा है। ऐसे में प्रशासन ने कानूनी अधिकार क्षेत्र केरल उच्च न्यायालय से कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा है।”
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Lakshadweep administration, which is facing widespread protests from islands' people over some of its policies, has mooted a proposal to shift its legal jurisdiction from Kerala High Court to Karnataka High Court: officials
— Press Trust of India (@PTI_News) June 20, 2021
गौरतलब है कि केरल में लेफ्ट सरकार है, वहीं कर्नाटक में बीजेपी की, ऐसे में पीटीआई ने फेक न्यूज के जरिए बीजेपी विरोध करना का था। इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक कंचन गुप्ता ने Tweet कर कहा, “लक्षद्वीप के कलेक्टर अक्सर अली ने बताया है कि ये कोर्ट के संबंध में जो बाते फैलाई गई हैं, वो सभी सच से परे हैं।” कंचन गुप्ता ने इस Tweet से विपक्षी दल और वामपंथी मीडिया का एजेंडा एक्सपोज कर दिया है।
This story by @PTI_News is "baseless and devoid of truth”, says S Asker Ali, Collector, Lakshadweep. https://t.co/bOsgInvJeK
— Kanchan Gupta (Hindu Bengali Refugee)🇮🇳 (@KanchanGupta) June 20, 2021
लक्षद्वीप को लेकर वहां के नए प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल ने कुछ बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें शराब बिक्री की बहाली से लेकर बीफ बैन तक के बिंदु हैं, ऐसे में मुस्लिम आबादी की अधिकता के कारण विपक्ष इन सभी बातों को मुद्दा बना रहा है। विपक्ष 96 प्रतिशत वाली लक्षद्वीप की मुस्लिम आबादी के जरिए राष्ट्रीय पर मुस्लिम समाज के तुष्टीकरण की नीति पर चल रहा है। कुछ इसी नीति पर देश का वामपंथी मीडिया भी चल रही है।
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ऐसे में पीटीआई लक्षद्वीप के मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई को लेकर फेक न्यूज फैला रहा था, लेकिन द्वीप के कलेक्टर ने सफाई देकर पूरा एजेंडा एक्सपोज कर दिया है।