मुस्लिम समुदाय के कुछ शरारती तत्व हिंदुओं का रूप धारण कर हिन्दू-मुस्लिम विवाद भड़काने में लगे हैं

समाज के ऐसे दुश्मनों से देश को सावधान रहना होगा!

इस्लामिस्ट

जब मुंबई के ताज होटल पर आतंकियों ने हमला किया था तब आतंकियों ने कई ऐसी हरकतें की थीं जो आतंकी पहले नहीं करते थे। इन हरकतों में हाथों पर कलेवा बांधना भी था जिससे ऐसा लगे कि हमला करने वाले हिन्दू थे। वो तो हवलदार तुकाराम की बहादुरी थी जिन्होंने अपनी जान देकर भी एक आतंकी अजमल कसाब को जीवित पकड़ लिया था। उसके पकडे़ जाने से ही उन इस्लामिस्ट आतंकियों की सच्चाई और योजना का पता चल पाया था। अब पूरे भारत में इस्लामिस्ट शरारती तत्व इसी तरह से हिन्दू बन कर सामाजिक वैमनस्यता फ़ैलाने का काम कर रहे हैं। कभी कोई हिन्दू नाम के सहारे तो कभी भगवा कपड़ें, तिलक और कलेवा के सहारे। यही नहीं कई मामलों में तो ये स्वयं ही अपने समुदाय के लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे दंगा हो सके।

उदहारण के लिए हाल ही में एक स्थानीय झगड़े को लेकर इस्लामिस्ट ने तिल का ताड़ बनाया है। सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसके आधार पर आरोप लगाया गया कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक मुस्लिम व्यक्ति से जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ बुलवाया गया। ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस खबर को शेयर कर झूठ फैलाया, लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही निकली।

पुलिस ने परवेश गुज्जर, कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद नाम के आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया। यानी मुस्लिम व्यक्तियों ने ही अब्दुल समद नामक वृद्ध पर हमला किया, लेकिन जुबैर ने उसे सांप्रदायिक रंग दिया और ओरिजिनल वीडियो म्यूट कर यह झूठ फैलाया कि वृद्ध व्यक्ति से जय श्री राम बुलवाया गया। यानी जुबैर ने परवेश गुज्जर, आरिफ, आदिल और मुशाहिद को हिन्दू घोषित कर दिया।

इसी तरह पिछले महीने तेलंगाना के निर्मल जिले में मस्जिद की दीवारों पर दो मुसलमान लड़कों ने “जय श्री राम” का नारा लिख दिया था। उनका मकसद यह था कि निर्मल जिले में एक बार फिर से दंगा भड़काया जा सके। बता दें कि हाल ही में निर्मल जिले के भैंसा कस्बे में दंगे की घटना सामने आई थी। निर्मल जिले के डीएसपी किरण खरे ने मीडिया को मामले का सच बताते हुए कहा कि, “26 मई को पुलिस के पास शिकायत आई थी कि किसी ने क्षेत्र के मस्जिद की दीवारों पर जय श्री राम लिख दिया है। उसके बाद मामले की जांच में पुलिस जुट गई, जब मस्जिद के बाहर के CCTV फुटेज को खंगाला गया तो मालूम चला कि मस्जिद की दीवारों पर जय श्री राम लिखने वाले और कोई नहीं बल्कि क्षेत्र के ही दो मुस्लिम समुदाय के लड़के थे।”

देश भर में कई ऐसी घटनाएँ मिल जाएँगी जहाँ कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दू वेश धारण कर समाज में नफरत फैलाया जा रहा है। यही नहीं इन इस्लामिस्टों की हरकत इतनी बढ़ गयी है कि वे हिन्दू साधु का वेश बनाने और भगवा पहनने से पीछे नहीं हटते।

हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की हत्या तो आपको याद ही होगी। उनकी हत्या करने वाले इस्लामिस्टों ने भी भगवा ही पहन कर इस करतूत को अंजाम दिया था। आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन द्वारा पहने गए भगवा कपड़ें, लखनऊ के एक होटल के कमरे से बरामद किये गए थे। सीसीटीवी वीडियो में कमलेश तिवारी के दो हत्यारों को लखनऊ के उस होटल में चेक इन करते देखा जा सकता है, जहां से खून से सने भगवा के कपड़ें मिले थे।

इसी तरह कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस ने पुलवामा के एक निवासी को गिरफ्तार किया था, जिसे कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा विवादास्पद स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती को मारने का काम सौंपा गया था। पुलिस ने उसके पास से एक भगवा पोशाक, माला, चंदन टिक्का और एक बंदूक बरामद की है। यानी उसकी भी मंशा हिन्दू बन कर यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करने की थी।

भारत के कई कोने में मुसलमानों को भगवा कपड़ों में लोगों को बेवकूफ बनाते देखा जा सकता है और जब ये ही कुछ गलत काम करते हैं तो नाम हिन्दुओं का या साधुओं का लगता है। बीजेपी नेता तथागत रॉय द्वारा शेयर किये गए इस वीडियो से यह स्पष्ट हो जाता है।

https://twitter.com/tathagata2/status/1306472934362370048?s=20

एक और उदहारण में देखा जाये तो वर्ष 2019 में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के प्रयास के आरोप में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने इमरान नामक एक मुस्लिम व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इमरान ने अपने दोस्तों परवेज, लुकमान और इंशाअल्लाह के साथ मिलकर होली के दिन सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने की साजिश रची थी।

पूछताछ के दौरान इस्लामिस्ट इमरान ने स्वीकार किया है कि होली के दिन उसने दिल्ली के हर्ष विहार में जानबूझकर हिंदू और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए एक गाय का वध किया था।

इसी तरह लव जिहाद के मामलों में नाम बदल कर हिन्दू लड़कियों को निशाना बनाने की बात तो भारत के हर कोने में दिखाई देती है। इसी तरह सोशल मीडिया पर कई ऐसे केस मिल जायेंगे जहाँ इस्लामिस्ट युवक हिन्दू लड़के-लड़कियों के नाम पर अकाउंट बनाते हैं और सांप्रदायिक वैमनस्यता फ़ैलाने की पूरी कोशिश करते हैं। चाहे फेसबुक हो या ट्विटर या Instagram सभो प्लेटफार्म पर इसी तरह ही हरकत दिखाई पड़ती है।

ये उदहारण तो बस कुछ ही उदहारण है। देश भर में इसी तरह से न जाने कितनी घटनाएँ हुई होंगी। भारत विश्व का सबसे सहिष्णु देश हैं, परन्तु भारत में इस्लामिस्ट कट्टरपंथी तत्व लगातार हिंदुओं का वेश धारण कर सांप्रदायिक तनाव के बीज बो रहे हैं। ऐसे समाज के दुश्मनों से देश को सावधान रहना होगा। अब समय आ चुका है कि वास्तविकता तो को स्वीकार किया जाये क्योंकि अगर नहीं स्वीकार किया गया तो भविष्य अंधकारमय हो सकता है।

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