महाराष्ट्र की राजनीति में गहमा गहमी का माहौल चल रहा है। महाविकास आघाड़ी सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। खबरें आ रही हैं कि शिवसेना को किनारे कर, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बना सकते हैं। ऐसे में शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बीजेपी का दामन वापस से थाम लेने ( गठबंधन ) के लिए नसीहत दी है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र में ठाणे विधायक प्रताप सरनाईक ने लिखा है कि, “मेरा मानना है कि अगर आप (मुख्यमंत्री) पीएम मोदी के करीब आते हैं तो और बेहतर होगा”। उन्होंने आगे कहा कि“अगर हम एक और बार साथ आए तो ये पार्टी और कार्यकर्ताओं के लिए बहुत फायदेमंद होगा”।
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प्रताप सरनाईक ने अपने पत्र में लिखा है कि, ऐसा लगता है कि महा विकास अघाड़ी का मुख्य मकसद बस NCP और कांग्रेस को बड़ा करना है। पत्र में आगे एनसीपी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए विधायक प्रताप ने लिखा, उनके (NCP-कांग्रेस) विधायकों का काम फटाफट हो जाता है, जबकि हमारा मुख्यमंत्री होने के बाद भी काम अटका रह जाता है।
पत्र में आगे ठाणे के विधायक सरनाईक ने आगे लिखा है कि, कांग्रेस बीएमसी नगर निगम चुनाव अकेले लड़ना चाहती है। एनसीपी अपना अलग समीकरण बना रही है, ऐसे में अगर शिवसेना वापस बीजेपी के साथ जाती है, तो यह उसके लिए अच्छा होगा।
वहीं राज्य परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने कहा, “सिर्फ सरनाईक ही नहीं, शिवसेना के कई नेता तीन-पक्षीय गठबंधन से नाराज हैं। अकेले में वे अपने दिल की बात कहते हैं। यह पहला पत्र है… लेकिन ऐसे और भी कई असंतुष्ट शिवसेना नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाएंगे”।
शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक द्वारा लिखे गए एक पत्र के रविवार को वायरल होने के बाद, राज्य बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गठबंधन पर विचार किया, तो पार्टी नेतृत्व भी इस पर विचार करेंगी।
पाटिल ने आगे कहा कि, “यह एक अवैज्ञानिक गठबंधन (शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा) है। बालासाहेब ठाकरे ने जीवन भर कांग्रेस और NCP से लड़ाई लड़ी और अब शिवसेना ने उन्हीं पार्टियों के साथ सत्ता के लोभ में आकर गठबंधन कर लिया है।”
अगर हम महाराष्ट्र की राजनीतिक समीकरण के ताजा स्थति को देखे तो, एनसीपी और कांग्रेस महाविकास आघाड़ी सरकार को तोड़कर अपनी गठबंधन की सरकार बना सकती है। कांग्रेस ने तो पहले ही बीएमसी नगर निगम चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास बीजेपी से वापस जुड़ने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है।