भारत में बना नया रिकॉर्ड, एक दिन में हुए 8 मिलियन टीकाकरण, 50% से अधिक सफलता BJP शासित राज्यों से मिली है

PM मोदी के नेतृत्व में हुआ संभव!

वैक्सीनेशन रिकॉर्ड

कल से केंद्र सरकार के नेतृत्व वाले “सभी के लिए निःशुल्क” टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई और पहले ही दिन वैक्सीनेशन के कई रिकॉर्ड बन गए। इस नए चरण के पहले दिन ही रिकॉर्ड 8.5 मिलियन यानी 85 लाख डोज covid वैक्सीन लगायी गयी। यानी एक बार फिर से यह साबित हो गया कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अन्य सरकारों से कितनी सक्षम है। इस रिकॉर्ड में भी 50 प्रतिशत से अधिक योगदान उन्हीं राज्यों का है, जहाँ बीजेपी की सरकार है। इसका अर्थ यह हुआ कि भारत के इस कोरोना से लड़ाई में सबसे बड़े बाधक कांग्रेस, NCP, CPM, TMC और AAP जैसी पार्टियां है। इन पार्टियों की सरकारे जिन राज्यों में भी है वहां वैक्सीनेशन प्रक्रिया की रफ्तार बहुत कम है।

85 लाख लोगों को एक ही दिन में  वैक्सीन लगाये जाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, “आज का रिकॉर्ड तोड़ वैक्सीनेशन की संख्या प्रसन्न करने वाली है। कोविड -19 से लड़ने के लिए वैक्सीन हमारा सबसे मजबूत हथियार है।“ पूरे देश में अब तक 28 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है।

बता दें कि पिछला वैक्सीनेशन रिकॉर्ड अप्रैल के शुरुआत में 4.3 मिलियन खुराक पर हासिल किया गया था। तब भी वैक्सीनेशन केंद्र के ही हाथों में था जिसके बाद राज्यों के आग्रह पर मई से वैक्सीनेशन राज्यों के हाथ में सौंप दिया गया था, परन्तु उसके बाद वैक्सीनेशन ड्राइव धीमा पड़ने लगा था।

देश में सोमवार को हांगकांग, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, कुवैत, नार्वे और फिनलैंड जैसे देश की जनसँख्या से अधिक और इजराइल और स्विटजरलैंड की आबादी के लगभग लोगों को एक ही दिन में वैक्सीन लगाई गई है।

कल बने वैक्सीनेशन रिकॉर्ड में 50 प्रतिशत से अधिक योगदान बीजेपी शासित राज्यों का ही था। सोमवार को मध्य प्रदेश और कर्नाटक ने क्रमशः 15 लाख और 11 लाख वैक्सीन डोज लगायी गयी। यूपी में 7.16 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई। उसके बाद नम्बर गुजरात, हरियाणा और बिहार का था। कल दिल्ली में मात्र 76,216 डोज वैक्सीन लगायी गयी।

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7 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देश में किए गए टीकाकरण अभियान पर मीडिया और विपक्ष के प्रचार को फटकार लगाई थी। उसी दिन पीएम मोदी ने अपने संबोधन में घोषणा की कि केंद्र ही अब वैक्सीनेशन ड्राइव को अपने हाथों में लेगा। राज्यों में वैक्सीन पर पॉलिटिक्स को देखते हुए केंद्र सरकार को नीति में बदलाव करना पड़ा।

नयी नीति के अनुसार, केंद्र 75% टीकों की खरीद कर राज्यों को उपलब्ध कराएगी जिसका इस्तेमाल वे 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए कर सकते हैं। शेष 25% वैक्सीन निजी अस्पतालों को खरीदने के लिए उपलब्ध होगा तथा निजी अस्पताल अधिकतम 150 रुपये चार्ज कर सकेंगे। मोदी सरकार की यह संशोधित कोरोनावायरस टीकाकरण नीति कल यानी 21 जून से लागू हो गई। जब से मई के बाद राज्यों को वैक्सीनेशन का जिम्मा सौंपा गया था, तब से ही दिल्ली, पश्चिम बंगाल, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्य वैक्सीन लगाने पर ध्यान कम और केंद्र के खिलाफ अभियान चलाने में ध्यान ज्यादा देते थे।

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इस कारण वैक्सीनेशन कार्यक्रम धीमा पड़ने लगा था और कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन कम होने के कारण एक और wave भी देखने को मिल सकती थी। इसी कारण केंद्र सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव को अपने हाथों में ले लिया जिसका असर हमें पहले ही दिन देखने को मिला। हालाँकि, अब भी बीजेपी शासित राज्य ही इस लड़ाई में बेहतर परिणाम देते दिख रहे हैं और टॉप 5 में जगह बनाये हुए हैं वहीँ दूसरी और पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सरकारे इस लड़ाई में देश को पीछे धकेलने में लगी हुईं हैं। अगर देश को कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में जीत हासिल करनी है तो सभी राज्यों को साथ आना होगा। पिछले 24 घंटों में, भारत में 53,256 नए मामले सामने आए, जो 24 मार्च के बाद सबसे कम है।

इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने कहा था कि भारत में जुलाई और अगस्त महीने में प्रति दिन कोविड -19 टीकों की एक करोड़ डोज उपलब्ध हो सकती है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को जुलाई में कोविशील्ड की 100 मिलियन खुराक और शायद अगस्त से अधिक उत्पादन की उम्मीद है। इस स्थिति में 8 मिलियन के इस रिकॉर्ड के और बेहतर होने की पूर्ण सम्भावना है।

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