पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका- इज़रायली तकनीक से भारत ने ड्रोन वॉरफेयर में की बढ़त हासिल

जम्मू में हुए ड्रोन हमले के बाद अब सरकार इजराइल से Anti-Drone System खरीद सकती है

SMASH 2000 PLUS

SMASH 2000 PLUS एन्टी ड्रोन सिस्टम 

जम्मू में वायुसेना स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद अब चर्चा है कि सरकार ऐसे हमले रोकने के लिए निकट भविष्य में इजराइल से एन्टी ड्रोन सिस्टम खरीदने वाली है। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार इजराइल के SMASH 2000 PLUS एन्टी ड्रोन सिस्टम को खरीदने पर विचार हो रहा है। भारतीय नौसेना पहले ही इसे खरीद रही है और रिपोर्ट की माने तो जल्द ही सरकार थलसेना और वायुसेना के लिए भी ऐसे एन्टी ड्रोन खरीदेगी।

SMASH 2000 PLUS सिस्टम कम ऊँचाई पर उड़ने वाले ड्रोन को आसानी से ट्रैक कर सकता है, जिन्हें राडार नहीं पकड़ पाते। साथ ही, यह एन्टी ड्रोनसिस्टम AK47 जैसी राइफल पर भी लगाया जा सकता है। यह तेजी से उड़ने वाले ड्रोन को भी आसानी से ट्रैक कर सकता है। हमास के आतंकी जब इजराइल में प्रवेश करने में नाकामयाब होने लगे तो उन्होंने इजराइल पर ड्रोन हमले शुरू किए। यही हाल पाकिस्तान का भी हुआ है।

भारत से सैन्य शक्ति में बहुत अधिक पिछड़ने तथा सीमा की कड़ी सुरक्षा के कारण आतंकियों की घुसपैठ करवाने में हो रही असफलता ने पाकिस्तान को भी हमास जैसे हमले के लिए प्रोत्साहित किया है। ऐसे में आने वाले समय में ऐसे ड्रोन हमले और होंगे, जिन्हें रोकने के लिए SMASH 2000 PLUS को खरीदना आवश्यक है।

मॉडर्न वारफेयर में ड्रोन का उपयोग कितना बढ़ गया है यह बात आर्मेनिया और अजरबैजान के युद्ध में सिद्ध हो गई। अजरबैजान की ड्रोन स्ट्राइक विशेषतः इजराइल निर्मित सुसाइड ड्रोन की मारक क्षमता ने आर्मेनिया की टैंक रेजिमेंट, रडार सभी को बहुत नुकसान पहुँचाया।

एन्टी ड्रोन सिस्टम की जरूरत क्यों है?

5 अगस्त 2019 में धारा 370 के हटने के बाद से अब तक 300 से अधिक ड्रोन सीमा के आस पास देखे गए। इन ड्रोन का इस्तेमाल करके हथियारों की स्मगलिंग होती है। BSF ने पहले ही इसको लेकर चिंता वक्त की है। अब इसी दौरान यह हमला होने से एन्टी ड्रोन सिस्टम की आपूर्ति सरकार की प्रथम प्राथमिकता हो गई है।

वर्तमान जरूरत को देखते हुए विदेशों से आपूर्ति ठीक है, लेकिन आने वाले समय में अनमैन्ड एरियल व्हिहिकल या ड्रोन का महत्त्व बढ़ने वाला है इसलिए भारत को अपनी स्वदेशी निर्माण की नीति को आगे बढ़ाना चाहिए। घातक और रुस्तम जैसे ड्रोन विकसित किए जाने चाहिए साथ ही आयरन डूम और SMASH 2000 PLUS जैसे सिस्टम भारत में ही विकसित किए जाने चाहिए।

वर्तमान जरूरत को देखते हुए विदेशों से आपूर्ति ठीक है, लेकिन आने वाले समय में अनमैन्ड एरियल व्हिहिकल या ड्रोन का महत्त्व बढ़ने वाला है इसलिए भारत को अपनी स्वदेशी निर्माण की नीति को आगे बढ़ाना चाहिए। घातक और रुस्तम जैसे ड्रोन विकसित किए जाने चाहिए साथ ही आयरन डूम और SMASH 2000 PLUS जैसे सिस्टम भारत में ही विकसित किए जाने चाहिए।

सरकार लाइट व्हेट एयरक्राफ्ट से लेकर तोप तक कई वस्तुओं का निर्माण कर रही है। हाल ही में, अग्नि प्राइम का परीक्षण हुआ है। ऐसे में ड्रोन, जो भविष्य की मांग बनेगा, उसे बनाने में भारत पीछे क्यों रहे। भारत सरकार को रक्षा क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देना चाहिए जिससे सेना का आधुनिकीकरण जल्द से जल्द पूरा हो सके।

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