आपको याद होगा मेहुल चौकसी की गिरफ्तारी में उसकी महिला मित्र की भूमिका की चर्चा मीडिया में लगातार बनी हुई थी। बाद में मेहुल की पत्नी ने बताया कि जिस महिला की तस्वीर मीडिया में मेहुल की मित्र के रूप में चलाई जा रही है वह महिला कोई और है। यह रहस्य है कि जिस महिला के साथ मेहुल को डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था, वह महिला थी कौन। इसे लेकर Sunday Guardian में एक लेख छपा है, जिसे कई मीडिया आउटलेट्स ने कवर किया है। महिला का नाम (Barbara Jarabik) बारबरा जराबिक बताया जा रहा है जो मूलतः हंगरी की है।
Sunday Guardian के अनुसार बारबरा जराबिक, जो मेहुल के साथ डोमिनिका गई थी वह भारतीय खुफिया एजेंसी की एजेंट थी। यह आरोप मेहुल के वकील ने लगाया है। मेहुल के वकील का कहना है कि मेहुल को एंटीगुआ एंड बर्बुडा से 23 मई को अगवा किया गया था और उसे वहाँ से डोमिनिका ले जाया गया था।
मेहुल भारत में घोटाले के बाद एंटीगुआ एंड बारबुडा देश भाग गया था। उसने यहाँ के नागरिकता के आसान नियमों के कारण पहले ही यहाँ की नागरिकता ले ली थी और जैसे ही भारत में जांच एजेंसियों का शिकंजा उसपर कसना शुरू हुआ, वह भारत से भाग गया।
इसके बाद भारत सरकार उसकी वापसी के लिए एंटीगुआ में केस लड़ती रही।
चौकसी को यह अनुमान हो गया था कि वह केस हार जाएगा और उसे जल्द ही एंटीगुआ से भारत भेज दिया जाएगा। जब भारतीय अधिकारियों का एक दल सबूतों की अंतिम श्रृंखला के साथ एंटीगुआ पहुंचा तो मेहुल यह समझ गया था कि जल्द ही कोर्ट में ये सबूत पेश किए जाएंगे और उसके बाद कुछ ही दिनों में कोर्ट उसको भारत को सौंपने का निर्णय सुना देगी। उसने बचने के लिए एंटीगुआ छोड़, डोमिनिका भागने की साजिश रची।
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मीडिया रिपोर्ट की माने तो मेहुल की इस साजिश में उसकी नई महिला मित्र, बारबरा जराबिक भी शामिल थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मेहुल से यही गलती हुई कि उसने भागने का प्लान ही ऐसी महिला के साथ बनाया जो पहले से भारतीय एजेंसियों के लिए काम कर रही थी।
मेहुल बारबरा जराबिक से कुछ ही दिनों पूर्व मिला था, वह सुबह और शाम को टहलने के समय उसे पार्क में मिली थी। मेहुल उसके प्यार में पड़ गया और 23 मई को उसके फ्लैट पर उससे मिला, यहाँ से दोनों ने डोमिनिका जाने की तैयारी की और 25 को डोमिनिका में पहुंच गए, लेकिन डोमिनिका पहुंचते ही मेहुल गिरफ्तार हो गया।
अब यहाँ दो संभावनाएं हैं। मेहुल के वकील का कहना है कि, उसे जबरन अगवा करके डोमिनिका ले जाया गया। जबकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बारबरा जराबिक, जो भारत की एजेंट थी, उसने चालाकी से मेहुल का भरोसा जीता और उसे अपने साथ डोमिनिका ले गई।
वहाँ पहले से भारतीय एजेंसी और डोमिनिका की एजेंसी की बातचीत तय थी और उन्होंने मेहुल को पकड़ लिया। जो भी सच हो यह तय है कि, मेहुल को गिरफ्तार करवाने में बारबरा जराबिक का हाथ था। अगर मेहुल बारबरा पर भरोसा करके उसके साथ न गया होता और कोई अलग प्लान बनाता तो शायद वह भागकर इंग्लैंड पहुंच सकता था, जहाँ से उसे वापस लाना भारत सरकार के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता।
अभी मेहुल बुरी तरह फंस गया है। एंटीगुआ की अदालत में उसकी पराजय सुनिश्चित है, एंटीगुआ से भागकर उसने वहाँ भी अपनी छवि खराब कर ली है और डोमिनिका में अवैध प्रवेश के मामले में भी वह फंस चुका है।
इस बीच बारबरा जराबिक का कोई पता नहीं चल रहा है, Sunday Guardian के अनुसार उसके सभी सोशल मीडिया एकाउंट बन्द हो गए हैं, इंटरनेट पर उसकी एक तस्वीर के अलावा उसकी कोई जानकारी या तस्वीर नहीं मिल रही। बारबरा के अनुसार मेहुल से मिलने से पूर्व वह जिस कंपनी में काम करती थी, वहाँ उसके बारे में कोई नहीं जानता।
यहाँ तक कि, उस कंपनी के लोगों का कहना है कि बारबरा नाम का कोई कर्मचारी उनके यहाँ कभी काम ही नहीं करता था। हालांकि भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने बारबरा जराबिक के साथ किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है। अब आप पर निर्भर है कि आप क्या सोचते हैं क्योंकि वास्तव में सारे जवाब बारबरा के पास हैं, और उसका कोई अता पता नहीं है।
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