जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलने वाला
प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों को साधने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कामयाब हो गए हैं। बैठक में यह साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया गया था कि अनुच्छेद 370 वापस से बहाल नहीं किया जाएगा। अब रही बात जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की, तो उस पर भी केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि, यह पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर के नेताओं के आचरण पर निर्भर करता है।
कुल मिलाकर अगर हम इस बैठक के निष्कर्ष की बात करें तो- सबसे पहले परिसीमन(Delimitation) से जुड़ी प्रक्रिया होगी, उसके बाद चुनाव प्रक्रिया होगी, फिर अगर संभव हो, तो जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
इस बैठक की सबसे अहम और दिलचस्प बात यह निकलकर सामने आई कि, जम्मू कश्मीर के सारे नेता अपने सबसे अच्छे आचरण और बर्ताव में नजर आए। सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के समाने शांतिपूर्वक बैठकर, जम्मू कश्मीर में विकास और कश्मीरी पंडितों को वापस से राज्य में जगह देने की बात पर चर्चा की। बता दें कि, गुपकार ग्रुप के नेता और कांग्रेस पार्टी के नेता PM मोदी के समाने अनुशासित विद्याार्थियों की तरह पेश आए हैं।
Today’s meeting on Jammu and Kashmir was conducted in a very cordial environment. Everyone expressed their commitment to democracy and the constitution. It was stressed to strengthen the democratic process in Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/oa6ZYQVz9J
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) June 24, 2021
आपको बता दें कि, बैठक से पहले गुपकार ग्रुप के नेताओं ने आनाकानी दिखाई थी। PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने तो बैठक में पाकिस्तान को भी शामिल करने की नसीहत दी थी। वहीं जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने हाल ही PM मोदी के खिलाफ अनुच्छेद 370 को लेकर तीखी टिप्पणी की थी।
3 घंटे की बैठक के बाद, सभी नेताओं के सुर बदले हुए नजर आए। उमर अब्दुल्ला, इंडिया टुडे पर राजदीप सरदेसाई के साथ इंटरव्यू में बेहद नरम मिजाज में नजर आए। बता दें कि, इंटरव्यू के दौरान राजदीप सरदेसाई ने उमर अब्दुल्ला को कई बार उकसाने की कोशिश की, पर उमर ने अपना संयम नहीं खोया और उन्होंने कहा कि यह बैठक जम्मू कश्मीर के पक्ष से काफी सकारात्मक बैठक थी। PM और गृह मंत्री ने हमारी हर बात को ध्यान से सुना।
गुपकार ग्रुप और केंद्र के बीच हुई बैठक
इसके बाद राजदीप ने अनुच्छेद 370 के बारे में पूछा तो उमर अब्दुल्ला ने जवाब दिया कि, ‘अनुच्छेद 370 को बहाल करने की कोई गुंजाइश नहीं है।’ इस पर राजदीप सरदेसाई ने कहा कि, ‘जब आप पिछली बार यहां आए तो PM मोदी के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी, अब क्या बदल गया?’
बता दें कि यह बैठक पूरे तरह से केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की गईं शर्तों के मुताबिक हुई है। दिल्ली सरकार ने “carrot and stick” यानी दाम और दंड वाली रणनीति अपनाई है। जिसमें जम्मू-कश्मीर के नेताओं को अच्छा आचरण का उदाहरण पेश करना होगा, तब जाकर पूर्ण राज्य का दर्ज दिया जाएगा, अगर वो ऐसा नहीं करते है तो उन्हें दंड दिया जाएगा।
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बता दें कि बैठक खत्म होने के बाद महबूबा मुफ्ती अलग ही सुर में नजर आयी। उनके और बाकी के गुपकार नेताओं के बयान में जमीन असमान का फर्क है। वो इसलिए क्योंकि जम्मू कश्मीर में परिसीमन के लिए सभी दल तैयार है, सिवाए PDP के, क्योंकि उसका जनाधार घट रहा है। ऐसे में वह जमात ए इस्लामी तथा अलगाववादियों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित इस बैठक में एक बार फिर से केंद्र सरकार द्वारा बेहतरीन कूटनीति की मिसाल पेश की गई है। इस बैठक ने जम्मू कश्मीर के नेताओं और केंद्र सरकार को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है। ऐसे में यह खबर अलगाववादी नेताओं और पाकिस्तानी आतंकियों की नींद उड़ाने में सफल होगी।