‘हमसे जुड़ें या सरकारी योजनाओं का लाभ खो दें,’ TMC नेता मुदस्सिर हुसैन ने ISF के मुसलमानों को किया मजबूर

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मुदस्सिर हुसैन

TMC नेता मुदस्सिर हुसैन ISF के कार्यकर्ताओं को धमका रहे हैं

पश्चिम बंगाल की राजनीति में सत्ताधारी पार्टी TMC ने चुनाव तो जीत लिया लेकिन उसके कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हिंसा और रक्तपात के खेल की इच्छा शायद अभी खत्म नहीं हुई। बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ जीत के बाद किस तरह से अत्याचार किया गया वो सभी ने देखा है, लेकिन अब TMC कार्यकर्ता इंडियन सेकुलर फ्रंट के कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाने की प्लानिंग कर चुके हैं।

इस संबंध में TMC के एक नेता और प्रधान मुदस्सिर हुसैन ने ISF के कार्यकर्ताओं को धमकाया कि वो जल्द से जल्द TMC में शामिल हो जाएं वरना उन्हें किसी भी सरकारी सुविधा का कोई लाभ नहीं मिलेगा। उनका ये बयान दिखाता है कि अब पार्टी अब पूर्णतः गुंडागर्दी पर उतर चुकी है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें TMC नेता मुदस्सिर हुसैन ISF के कार्यकर्ताओं को धमका रहे हैं। वे कहते हैं कि, “अन्य दलों के लिए काम करने वाले यदि 100 दिन की नौकरी योजना के तहत काम चाहते हैं तो उनको सत्ताधारी पार्टी के सामने आत्मसमर्पण करना होगा।”

गौरतलब है कि, मुदस्सिर हुसैन दक्षिण 24 परगना के भांगर की भोगली द्वितीय के प्रधान हैं और वो ही सरकरी योजनाओं में पक्षपात के साथ ही धमकाने का काम भी कर रहे हैं, जो कि अप्रत्याशित है।

मुदस्सिर हुसैन ISF के कार्यकर्ताओं को TMC में शामिल कराने के लिए उन्हें कार्रवाई का डर दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, “जिन कार्यकर्ताओं ने हमसे सभी सुविधाएँ लेने के बाद चुनाव के दौरान अन्य दलों के लिए काम किया था, उन पर तब तक विचार नहीं किया जाएगा जब तक वे हमारे सामने आत्मसमर्पण नहीं कर देते। चुनाव के दौरान ISF के लिए काम करने वालों को सत्ताधारी पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा दिखानी होगी।” यही नहीं मुदस्सिर हुसैन द्वारा वोट देने वालों को भी डराया गया है। उन्होंने कहा, “ISF को जितने लोगों ने वोट दिया था उन्हें हमारे सामने सरेंडर करना होगा, नहीं तो उन्हें 100 दिन की नौकरी पाने के लिए फुरफुरा जाना होगा।”

साफ है कि, TMC अब सत्ता का दुरुपयोग राजनीतिक हिंसा के अलावा अपने विस्तार के लिए भी करने वाली है। ममता बनर्जी के नेता सरकारी सुविधाओं से बाहर करने का डर दिखाकर बंगाल के न केवल ISF बल्कि वामदलों के कार्यकर्ताओं को भी अपना निशाना बना सकते हैं।

वहीं पार्टी का बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक मात्र हथियार केवल हिंसा ही है। आए दिन यहां से किसी न किसी बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या की खबरें आती हैं। यही कारण है कि यहां के हिन्दू परिवारों ने असम की ओर पलायन तक करना शुरू कर दिया है।

इसके इतर पार्टी अब अपने मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने के लिए न केवल मुस्लिम तुष्टिकरण का सहारा ले रही है, बल्कि बीजेपी की तरह ही ISF के मुस्लिम कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने पर उतर आई है।

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