कानपुर कभी पूर्व का Manchester हुआ करता था, CM योगी के शासन में अब पाएगा अपनी खोयी हुई शान

फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण हाशिए पर जा चुका था कानपुर!

कानपुर टेक्सटाइल

कानपुर पुनः टेक्स्टाइल के क्षेत्र में प्रगति करने लगा है

उत्तर प्रदेश के जो शहर पहले व्यापारिक गौरव माने जाते थे, वो पिछली सरकारों के दौरान बर्बादी की तरफ जा चुके थे, लेकिन अब इन सभी का जीर्णोधार हो रहा है, और इनमें एक नाम कानपुर का भी है। टेक्सटाइल के क्षेत्र में पूर्व का मैनचेस्टर माना जाने वाला कानपुर फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण हाशिए पर जा चुका था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कानपुर पुनः टेक्स्टाइल के क्षेत्र में प्रगति करने लगा है।

टेक्सटाइल विभाग के अनुसार, कानपुर पुनः टेक्स्टाइल का हब बन रहा है, क्योंकि यूपी में टेक्सटाइल के क्षेत्र में करीब 8,715 करोड़ का निवेश आया है, जिसमें एक बड़ा हिस्सा कानपुर को मिला है।

कानपुर जिसे एक वक्त में पूर्व का मैनचेस्टर कहा जाता था, जहां बनने वाला कपड़ा न केवल देश बल्कि विदेशों में निर्यात किया जाता था, लेकिन 90 के दशक के बाद कानुपर की दुर्गति होने लगी, जिसकी एक बड़ी वजह लेफ्ट का आंदोलन और नीतियां थी। वहीं प्रदेश की सरकारों ने कभी इस शहर के लिए कुछ सोचा ही नहीं। बढ़ते अपराध और ढुलमुल रवैए के चलते टेक्स्टाइल उद्योग यहां लगभग दम ही तोड़ चुका था, लेकिन अब ये स्थिति बदल चुकी है।

टेक्सटाइल के क्षेत्र में प्रदेश में बड़ा निवेश देखने को मिला है, जिसका असर ये है कि कानपुर टेक्स्टाइल का हब बनने की ओर बढ़ चला है।

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टेक्सटाइल विभाग की मानें तो में उत्तर प्रदेश ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। बीते 4 वर्षों में इस सेक्टर में 66 कंपनियों ने 8715.16 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। दिलचस्प बात ये है कि इनमें से 12 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू हो गया है। इन फैक्ट्रियों के निर्माण में 645 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 2870 लोगों को रोजगार मिला है, जिसमें से सबसे ज्यादा लाभ कानपुर को हुआ है।

कानपुर में टेक्सटाइल निवेश

कानपुर में टेक्सटाइल निवेश की बात करें तो कानपुर प्लास्टिपैक लिमिटेड ने देहात में दो सौ करोड़ रुपए, आरपी पॉली पैक्स ने पाली बैग के उत्पादन के लिए रनिया में डेढ़ सौ करोड़ रुपए, GLKK इंडस्ट्री ने रूमा कानपुर में फैब्रिक उत्पादन के लिए 25 करोड़ रुपए का निवेश किया है। सृष्टि इंडस्ट्री ने निटिंग फैक्ट्री लगाई है। गैजेस अपैरल ने गारमेंट तथा अनिलिखा फैब्रिक ने होजरी क्लाथ फैक्टी कानपुर में लगाई है।

इसके अलावा कानपुर के अलावा राजलक्ष्मी काॅटन मिल्स ने 50 करोड़ का निवेश कर, नोयडा में रेडीमेड गारमेंट और कल्याणी इनरवियर ने गाजियाबाद में इनर गारमेंट की फैक्ट्री लगाई है। TT लिमिटेड ने 50 करोड़ का निवेश कर अमरोहा में गारमेंट और सनविन टेक्सटाइल ने बदायूं में लेस फैब्रिक्स की फैक्टी लगाई है। शुद्ध प्लस हैजीन प्रोडक्ट ने 80 करोड़ का निवेश कर गोरखपुर में सैनेटरी नैपकिन की फैक्टी लगाई है। इस फैक्ट्री में 500 लोगों को रोजगार मिला है।

ये सारे वो निवेश हैं जो न केवल उद्योगिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, साथ ही रोजगार के मुद्दे पर भी कानपुर के स्थानीय युवाओं को नए अवसर दे रहे हैं। ऐसा नहीं है कि ये सारे संस्थान रातों-रात ही खड़े हो गए हैं, इसके पीछे पिछले चार सालों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रशासन की एक बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश में पिछली सरकारों के दौरान अपराध और भ्रष्टाचार का तांडव मचा हुआ था, जिसका असर ये था कि उद्योगों का पलायन हो रहा था।

वहीं, पिछले 4 सालों में योगी सरकार के नेतृत्व में निवेश के अवसरों को बढ़ावा दिया गया है। इसका असर ये है कि कानपुर जैसा व्यापारिक शहर जो एक वक्त बर्बाद हो चुका था, वहां एक बार फिर टेक्स्टाइल उद्योग फल-फूल रहा है, और ये कानपुर की एतिहासिक विरासत के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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