वामपंथी चाहते थे आप विश्वास करें योगी को CM पद से हटाया जा रहा है, पर ऐसा कुछ नहीं होने वाला

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जब अंग्रेज भारत आये थे तो उन्होंने फूट डालो और राज करो की रणनीति अपनाई थी। उसी तरह आज के दौर में जिस तरह से बीजेपी मजबूत हुई है उसे देखते हुए कांग्रेस और लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम के पत्रकार बीजेपी में फूट डालने की अक्सर कोशिश करते हैं।  कभी प्रधानमंत्री मोदी और RSS तो कभी मोदी और गडकरी। अब उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक है इसी कारण अब लेफ्ट लिबरल यह झूठ फैला रहा हैं कि प्रधानमंत्री मोदी UP के CM योगी आदित्यनाथ से नाराज है और योगी को CM पद से हटाया जा सकता है। चुनाव से पहले कई तरह के कयास लगाए जा रहे है और आने वाले दिनों में भी ऐसा ही होता रहेगा, लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं है।

दरअसल, योगी आदित्यनाथ और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के बीच संभावित दरार को लेकर पिछले कई दिनों से साजिश की बातें जोर-शोर से चल रही हैं। पिछले दिनों UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म दिन था, परन्तु प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें बधाई नहीं दी गयी थी।

इस तरह की अफवाहें शनिवार को ही तेज हो गईं, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को उनके जन्मदिन पर यूपी के मुख्यमंत्री को सार्वजनिक बधाई देते नहीं देखा गया। वामपंथियों और उत्तर प्रदेश में भाजपा की हार की उम्मीद करने वालों को बीजेपी में दरार की खबर फ़ैलाने का एक मौका मिल गया।

इसके बाद लेफ्ट ब्रिगेड ने यह झूठ फैलाया कि प्रधानमंत्री योगी से नाराज है। साथ ही यह भी कहा गया कि कैबिनेट में भारी फेरबदल हो सकता है जिसमें योगी आदित्यनाथ को हटाया भी जा सकता है।

भाजपा ने उत्तर प्रदेश में नेतृत्व में बदलाव की संभावना को दृढ़ता से खारिज कर दिया है और उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार कोविड -19 स्थिति से निपटने के लिए संकट में है। हालाँकि, कैबिनेट में बदलाव हो सकता है परंतु योगी आदित्यनाथ को नहीं हटाया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार पूर्व नौकरशाह एके शर्मा, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सलाहकारों में से एक माने जाते हैं, को यूपी सरकार में एक महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है।

मंगलवार की रात बीएल संतोष ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में सभी अफवाहों पर विराम लगाते हुए एक ट्वीट में कोविड -19 स्थिति के सीएम के “प्रभावी प्रबंधन” की प्रशंसा की। भाजपा के यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह ने वास्तव में मुख्यमंत्री योगी को हटाने की खबर को “किसी की कल्पना की उपज” करार दिया।

दोनों ने आखिरी दो दिन लखनऊ में बिताए और बंद कमरे में मीटिंग में हिस्सा लिया। तमाम संकेत इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पूरा समर्थन मिल रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने रविवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में एक बड़े कैबिनेट फेरबदल की अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि मुख्यमंत्री उचित समय पर कुछ मंत्री पद जो रिक्त है उन्हें भर सकते हैं।

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पार्टी के यूपी प्रभारी सिंह ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद यह टिप्पणी की, जिसे उन्होंने “व्यक्तिगत” बताया। मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसा कुछ नहीं है।

कुछ मंत्री पदों को भरने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में पूछे जाने पर, सिंह ने कहा कि कुछ सीटें खाली हैं लेकिन वे प्रमुख नहीं हैं।

यह स्पष्ट है कि आदित्यनाथ यूपी में भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे अच्छे विकल्प हैं, क्योंकि वह अपने शासन मॉडल, जमीन पर कड़ी मेहनत और साफ छवि के कारण बेहद लोकप्रिय हैं। इसी कारण वे लोगों के साथ साथ बीजेपी में भी उतने ही लोकप्रिय हैं।

योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री मोदी के पसंदीदा मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। यह सोचना कि भाजपा उनसे असहज होने लगी है, यह लेफ्ट ब्रिगेड की एक बचकाना थ्योरी है। यह निश्चित है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में पार्टी के चेहरे के रूप में योगी आदित्यनाथ के साथ आगे बढ़ रही है।

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