वामपंथियों ने Twitter के सहारे लोनी घटना पर Fake News फैलाई, अब योगी सरकार उन्हें दिन में तारे दिखा रही है

ज़ुबैर, राणा अयूब सहित 7 अन्य के विरुद्ध योगी सरकार का Action

वामपंथियों Fake news

वामपंथियों की शायद सबसे बड़ी ताकत अब उनकी सबसे बड़ी कमजोरी में परिवर्तित हो रही है। वामपंथी अपने प्रखर प्रशासन और ठंडे दिमाग के लिए जाने जाते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी अधीरता उनसे ऐसे ऐसे काम करा रही है कि वे पूरी दुनिया में हंसी के पात्र बन रहे हैं।

हाल ही में, गाजियाबाद के निकट लोनी में हुई एक स्थानीय झड़प को लेकर जिस प्रकार से वामपंथियों ने रायता फैलाया है, उसको लेकर योगी सरकार ने न केवल जमकर क्लास लगाई है, बल्कि डिजिटल स्ट्राइक कर उन्हें दिन में ही तारे दिखा दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्विटर के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।

दरअसल, गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई के मामले को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हुई थी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने ट्विटर के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इस मामले में ट्विटर इंडिया, ऑल्ट न्यूज के फ़र्जी फैक्ट चैकर ज़ुबैर, राणा अयूब सहित 6 अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है। ट्विटर पर आरोप है कि इस तरह के वीडियो पर अनेक चेतावनी के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

दरअसल मूल घटना में अब्दुल समद नामक एक व्यक्ति की लोनी में परवेश गुज्जर, आदिल, रशीद समेत कई लड़कों ने बुरी तरह पिटाई कर दी। लेकिन इस मामले को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग दिया गया, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी से लेकर मोहम्मद ज़ुबैर, राहुल गांधी, स्वरा भास्कर इत्यादि ने जानबूझकर सांप्रदायिक रंग दिया और हिंदुओं को बदनाम करने का प्रयास किया।

शायद इसीलिए राहुल गांधी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी वामपंथियों को जवाब देते हुए ट्वीट किया, “प्रभु श्री राम की पहली सीख है-‘सत्य बोलना’ जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।”

उत्तर प्रदेश की डिजिटल स्ट्राइक का आलम यह है कि अपने आप को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मसीहा कहने वाले कथित ‘फैक्ट चैकर’ बिना लड़े दुम दबाके भाग खड़े हो रहे हैं।

हम मज़ाक नहीं कर रहे हैं, अपने आप को बचाने के लिए मोहम्मद ज़ुबैर ने ट्वीट किया, “मैंने अपने पुराने वीडियो डिलीट कर दिए हैं, क्योंकि वे कथित तौर पर मेरे और अन्य पत्रकारों एवं पुलिस प्रशासन के पास उपलब्ध वीडियो से मेल नहीं कहा खा रहे हैं” –

सच कहें तो ट्विटर ने इस बार अपने ही विनाश को निमंत्रण दिया है। जिस प्रकार से उसने वामपंथियों को अपने अतिउत्साह में फेक न्यूज पे फेक न्यूज फैलाने के लिए मंच दिया है, उससे वह केंद्र सरकार का ही काम आसान करता जा रहा है, और युद्ध में जैसा दुश्मन चाहे, वैसी राह कभी नहीं चलनी चाहिए। परंतु वही राह चलके वामपंथी अपना ही विनाश निश्चित कर रहे हैं।

Exit mobile version