हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित आक्सीजन ऑडिट पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि, ‘जब कोरोना चरम पर था, तब दिल्ली सरकार ने जरूरत से 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड की। इससे 12 राज्यों की सप्लाई पर असर पड़ा।’
ऐसे में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार का बीच बचाव करने के लिए प्रेस वार्ता की, लेकिन उस दौरान उप मुख्यमंत्री ने कई झूठ बोल दिए जैसे कि, “यह रिपोर्ट फर्जी है और दिल्ली सरकार को ऐसे किसी रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
मनीष सिसोदिया ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, “एक तथाकथित रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि, दिल्ली में जब कोरोना का पीक था तो ऑक्सीजन की कमी नहीं थी और ऑक्सीजन की मांग 4 गुना बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई थी। BJP के नेता जिस तथाकथित रिपोर्ट के हवाले से अरविंद केजरीवाल को गाली दे रहे हैं, ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है। ये रिपोर्ट बीजेपी के ऑफिस में बैठकर बनाई गई है। अगर ऐसी कोई रिपोर्ट है तो बताएं कि कमेटी के किस-किस सदस्य के इसपर हस्ताक्षर हैं।”
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, “हमने ऑडिट कमेटी के कई सदस्यों से बात की, उनका कहना है कि उन्होंने किसी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर ही नहीं किए है। मैं बीजेपी नेताओं को चुनौती देता हूं कि वो रिपोर्ट लेकर आओ जिसे ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के सदस्यों ने मंजूरी दी हो।”
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने आक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट को बीजेपी की साजिश करार दिया। आपको बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट के आक्सीजन ऑडिट पैनल द्वारा बनाई गई रिपोर्ट सार्वजनिक है। यहां तक कि देश के कानूनी मामलों में रिपोर्टिंग करने वाले बार एंड बेंच और लाइव लॉ ने भी इसे साझा किया है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को नेशनल टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया था। जिसमें कुल 12 सदस्य थे। जिसमें दिल्ली में ऑक्सीजन के आवंटन से संबंधित मामलों के ऑडिट के लिए एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया की अगुआई में सब ग्रुप का गठन किया गया था।
ऐसे में नेशनल टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की, उस रिपोर्ट के सेक्शन 7 में दिल्ली सरकार द्वारा की गई डिमांड का जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, दिल्ली सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन की अपनी मांग को जरूरत से चार गुणा ज्यादा बताया गया।
आक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार के सहयोग से बनाई गई है अथवा यह रिपोर्ट सार्वजनिक करने से पहले दिल्ली सरकार को ईमेल करके जानकारी दी गई है।
दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल का अमानवीय चेहरा सभी के समक्ष है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल के ऊपर culpable homicide के IPC के सेक्शन 304 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।