देश की स्थिति ये हो गई है कि यदि किसी अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति के साथ कुछ गलत होता है तो एक एजेंडा चलाया जाता है, लेकिन यदि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग कुछ आपत्तिजनक कृत्य करते हैं, तो उससे संबंधित रिपोर्ट भी छिप जाती हैं। अलीगढ़ में कुछ ऐसा ही हुआ है, जहां बारात निकलने पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भड़क जाते हैं। यही कारण है कि अब नूरपुर के हिन्दू समुदाय के लोग अपना घर बेचकर जाने पर मजबूर हो गए हैं। वो लोग जो हमेशा अल्पसंख्यक आबादी को कमजोर बता उसके पक्ष में उल जलूल दलीलें देते रहते हैं, इस मामले के सामने आने के बावजूद चुप्पी साधे बैठें हैं।
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट बताती है कि अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र के गांव नूरपुर के हिन्दू समुदाय के लोग अपने शादी के रीति रिवाज तक फॉलो नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह ये है कि जब हिन्दू समुदाय के लोग बारात निकालते हैं, तो मुस्लिम समुदाय को हद से ज्यादा दिक्कत होती है। इसके चलते हाल ही में शादी के दौरान मारपीट का एक वीडियो भी वायरल हुआ। इस पूरे प्रकरण के बाद अब हिन्दू समुदाय के लोग नूरपुर के इस इस इलाके का घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। इस क्षेत्र के 100 से ज्यादा घरों के लोगों ने अपने घर में बिकने का बोर्ड लगा दिया है।
इस मामले में विशेष समुदाय के 11 लोगों के खिलाफ पीड़ितों ने केस दर्ज कराया गया है। इससे जुड़ा एक और मामला 26 मई का है। नूरपुर गांव के एक निवासी अनुसूचित जाति के ओमप्रकाश की दो बिटिया की बारात चढ़ने से रोका गया और बारात का विरोध करते हुए बारातियों और गांव के हिंदुओं पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया गया था, जिसमें लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए। ख़बरें हैं कि बारात मुख्य मार्ग पर मस्जिद के पास से गुजर रही थी, और समुदाय विशेष के कुछ लोगों ने बारात चढ़ने का विरोध किया, हालांकि इसका कोई औचित्य नहीं था।
इस मामले में एक पीड़ित गौरी शंकर ने बताय, “जब भी हमारी बेटियों की बारात चढ़ती है तो यह लोग उसे निकलने के लिए रास्ता नहीं देते हैं। हमारे खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और शादियों की गाड़ी पर हमला करते हैं।” वहीं मुन्नी नाम की एक पीड़ित महिला ने बताया, “26 तारीख को बारात आई। नूरपुर गांव से एंट्री होने वाले रास्ते से ये लोग बारात नहीं निकलने देते हैं। हम लोग उनसे पहले से यहां बसे हुए हैं। ये लोग तो बाद में आएं हैं। अब बारात आती है तो ये लोग मार पिटाई करते हैं और लूटपाट करते हैं। पुलिस को सूचना दी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, जब ये नहीं रहने देंगे तो यहां रहकर क्या करेंगे।”
अलीगढ़ के नूरपुर का ये मामला इन विशेष समुदाय के लोगों की क्रूरता को प्रदर्शित करता है। देश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लिंचिंग मुद्दा बनाकर सरकारें गिराने की बात होती हैं, लेकिन इन्हीं विशेष समुदाय के लोगों की असहिष्णुता के मुद्दे पर चुप्पी साध ली जाती है।