होने वाला है कोरोना की उत्पत्ति के राज़ का पर्दाफ़ाश, MI6, New Zealand और ऑस्ट्रेलिया कर रहे हैं जांच

चीन को जिसका डर था, अब वही होने जा रहा है!

कोरोना की जांच

वर्ष 2020 के दौरान चीन पूरी दुनिया से कोरोना की उत्पत्ति के बारे में कोई भी तथ्य छुपाने से बाज़ नहीं आया। हालांकि, अब उसकी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान बेशक WHO और लिबरल मीडिया के प्रोपेगैंडे के सहारे चीन कोरोना के राज़ से पर्दा न उठने देने में सफल रहा हो, लेकिन अब उसकी ये कोशिश किसी काम नहीं आने वाली। अमेरिकी खुफिया समुदाय के बाद अब UK की खुफिया एजेंसियाँ, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की सरकार मिलकर कोरोना की उत्पत्ति की जांच करने जा रहे हैं।

खबरों के मुताबिक, UK की खुफिया एजेंसियां यूरोप की अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर कोरोना की उत्पत्ति की जांच हेतु अमेरिका की सहायता कर रही हैं। इस जांच के केंद्र में है Wuhan की विवादित Wuhan Institute of Virology लैब, जहां से कोरोना वायरस के “लीक” होने की थ्योरी पर कुछ वौज्ञानिक भरोसा जता चुके हैं।

Wuhan लैब लीक थ्योरी के नाम से ही चीनी सरकार चिढ़ जाती है, और जांच करने की मांग करने वालों को “राजनीतिक एजेंडे” से ग्रसित बताती है। पिछले वर्ष चीनी सरकार ने कोरोना की उत्पत्ति की जांच की मांग कर रहे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आर्थिक युद्ध छेड़ने की घोषणा की थी।

ब्रिटिश खुफ़िया एजेंसी MI6 अमेरिका की तर्ज पर ही कोरोना की उत्पत्ति की जांच कर रही है। इसके अतिरिक्त, एक हालिया संयुक्त बयान में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री Jacinda Ardern और ऑस्ट्रेलिया के PM स्कॉट मॉरिसन चीन से कोरोना की जांच के लिए UN और बाकी संस्थाओं का सहयोग करने की अपील कर चुके हैं।दोनों नेताओं ने यह भी इच्छा जताई थी कि चीन जांच-अभियान में WHO का बेहतर ढंग से सहयोग करेगा।

बता दें कि WHO इससे पहले Wuhan Lab की एक “विवादित जांच” कर चुका है, जिसके बाद उसने चीनी सरकार को क्लीन-चिट प्रदान कर दी थी, लेकिन दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने उस रिपोर्ट पर काफी सवाल उठाए थे। इतना ही नहीं, बाद में यह भी सामने आया था कि जांच में शामिल कई वैज्ञानिक चीन और कम्युनिस्ट पार्टी के साथ बेहद नजदीकी संबंध साझा कर चुके थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार UK के खुफ़िया अधिकारी इस बात की आशंका जता चुके हैं कि कोरोना Wuhan की लैब से ही फैला हो सकता है। MI6 के पूर्व अध्यक्ष ने एक बयान देकर यह स्पष्ट किया है कि Covid-19 की शुरुआत वुहान लैब से होने के पूरे-पूरे अनुमान हैं। यहाँ तक कि UK से WHO के सलाहकार Jamie Metzl भी इस मुद्दे पर एक “स्वतंत्र और सार्वजनिक” जांच की मांग कर चुके हैं।

यह एक बड़ा बदलाव है। पिछले वर्ष तक अधिकतर पश्चिमी एजेंसियाँ इस थ्योरी को पूरी तरह नकार रही थीं। यहाँ तक कि इसी वर्ष अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना की जांच में शामिल स्टेट डिपार्टमेन्ट को अपना कार्यक्रम रोकने के लिए कह दिया था। हालांकि, अब लगता है कि जो बाइडन अपनी नींद से बाहर आ रहे हैं और उन्होंने 90 दिनों के अंदर-अंदर अपने खुफ़िया अधिकारियों से मामले की सच्चाई पता लगाने को कहा है।

ब्रिटिश सांसद कोरोना की जांच की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को लेकर खुश हैं। जिस प्रकार दुनियाभर की एजेंसियां और देश अब Wuhan लैब लीक थ्योरी को अपना समर्थन दे रहे हैं, उससे स्पष्ट होता है कि कोरोना की उत्पत्ति का राज़ जल्द ही दुनिया के सामने आ सकता है।

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