झारखंड में सरकार से मान्यता प्राप्त NGO नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म और दुर्व्यवहार का केंद्र बन गया है!

झारखंड सरकार की छत्रछाया में धड़ले से हो रहा था यह सब!

झारखंड  में NGO के नाम पर धर्म परिवर्तन होना तो आम बात है, लेकिन अब मामला धर्म परिवर्तन से कहीं आगे निकल चुका है। झारखंड सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त NGO Mother Teresa Welfare Trust (MTWT) में नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़-छाड़ और दुष्कर्म जैसी वारदातें  सामने आईं हैं।

हाल ही में खबर आई थी कि NGO के बाल गृह से दो लड़कियां लापता हैं। मामले की शिकायत बाल गृह के निदेशक हरपाल सिंह थापड़ ने की थी। मामले की जांच करने के बाद मालूम चला की बाल गृह का निदेशक थापड़ ही लकड़ियों के साथ दुष्कर्म करता था और इससे तंग आकर दो लकड़ियां बाल गृह छोड़ कर भाग गई थी। इसके बाद बाल गृह की लड़कियों को दूसरे बाल कल्याण आश्रम में स्थानांतरित किया गया था।

हिंदुस्तान टाइम्स की  रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों लकड़ियों ने कैमरे के समाने आकार पुलीस से कहा था कि NGO के अंदर उनके साथ शारीरिक और मानसिक शोषण हुआ है।

पुलिस ने कहा कि विवरण भयावह हैं। जांच में पाया गया है कि हरपाल सिंह थापड़, जो कि बाल गृह के निदेशक हैं, उन्होंने वार्डन की 19 वर्षीय बेटी के साथ कथित रूप से शारीरिक संबंध बनाए थे और वह अन्य लोगों के साथ मिलकर भी उसके साथ नियमित रूप से शोषण किया करता था।

जमशेदपुर के वरिष्ठ अधीक्षक डॉक्टर एम तमिल वनन ने कहा कि, “राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त NGO, Mother Teresa Welfare Trust (MTWT) द्वारा संचालित एक बाल गृह में दो नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण की जांच में पाया गया है कि पिछले चार साल में वहां कई लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है।

इस मामले में 16 जून को पुलिस ने फरार दो महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्हें मध्य प्रदेश के सिंगरोली जिले से गिरफ्तार किया गया है।

Mother Teresa Welfare Trust (MTWT)  से लगातार बाल उत्पीड़न के मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने NGO के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया है।

बता दें कि राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी के नेता अंकित आनंद NGO के विरोध में उतर गए हैं। उन्हीं के विरोध का नतीजा है कि आज जिला प्रशासन ने NGO के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया है और साथ में कार्यवाही में गति देखने को मिल रही है।

बाल गृह में रह रही लकड़ियों ने आरोप लगाया है कि बाल गृह के निदेशक हरपाल सिंह थापड़, सरकार और अन्य जगहों से मिल रहे फंड को अपने निजी खाता में ट्रांसफर करके, उसको अपने निजी कार्य के लिए इस्तेमाल करते थे।

साल 2019 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार दुबारा बनी थी, उसके बाद से केंद्र सरकार ने ऐसे NGO के संचालन पर रोक लगा दिया था, अथवा उनका लाइसेंस रद्द कर दिया था। ऐसे कुल 14,500 NGO के लाइसेंस को रद्द किया गया था, परंतु Mother Teresa Welfare Trust (MTWT)  जैसे NGO राज्य सरकार के छत्रछाया में धड़ले से अपने काले करतूतों को अंजाम देते हैं।

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