मुनव्वर राणा कवि हुआ करते थे, अब वह पेशेवर योगी आलोचक हैं लेकिन उनका विरोध में “खिसियाना” रोचक है!

योगी विरोध में मुनव्वर राणा ने अवैध धर्मांतरण को ठहराया सही!

मुनव्वर राणा योगी विरोध

मुनव्वर राणा एक समय अच्छे शायर हुआ करते थे, आजकल वो योगी की आलोचना से ही काम चलाते हैं लेकिन जनाब की आलोचना भी देखने लायक है। एक समय था, जब मुनव्वर राणा, राहत इन्दौरी, निदा फ़ाज़ली जैसे लोगों की गिनती उत्कृष्ट कवियों और शायरों में होती थी। लेकिन आज इन्हें लोग इनकी कला के लिए कम और इनके मोदी और योगी विरोध के लिए अधिक याद करते हैं।

हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो कट्टरपंथी मौलवियों को 1000 से अधिक मूक बधिर बच्चों के अवैध धर्मांतरण एवं कथित यौन शोषण के लिए हिरासत में लिया है। इसमें बाटला हाउस से संबंध रखने वाले, बागपत के पूर्व निवासी मोहम्मद उमर गौतम और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से उसके कथित संबंध भी सामने आए हैं।

हालांकि, पुलिस की इस उचित कार्रवाई पर मुनव्वर राणा काफी भड़के हुए हैं। नवभारत टाइम्स से साक्षात्कार में योगी के प्रति उनकी घृणा और विरोध स्पष्ट दिखाई देता है। मुनव्वर राणा के अनुसार, ATS को 1000 से ऊपर गिनती ही नहीं आती है, वरना वो इसे 4000 भी बना देते। उन्होंने पूछा कि जब धर्मांतरण का आँकड़ा 100 पहुँचा होगा, तब क्या ATS बैठ कर गाँजा पी रही थी?
मुनव्वर राणा के अनुसार,

“आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा हार जाएगी, लेकिन योगी आदित्यनाथ जीत जाएँगे। योगी को प्रधानमंत्री बनने की इतनी जल्दी है कि 1000 क्या, वो ये भी कह सकते हैं कि यूपी में 1 करोड़ हिन्दू धर्मांतरण कर के मुस्लिम बन गए हैं।बेचारे हिन्दू इतने कमजोर हो गए हैं कि वो कुछ पैसों के लालच के लिए मुस्लिम हो जाते हैं। कोरोना ने हिन्दू-मुस्लिम का फासला मिटा दिया था और दोनों ये समझ गए थे कि उन्हें मिलजुल कर रहना चाहिए और एक-दूसरे के काम आना चाहिए, लेकिन चुनाव के लिए ये सब ‘कहानी’ गढ़ी जा रही है।”

परंतु मुनव्वर राणा महोदय वहीं पर नहीं रुके। उन्होंने योगी विरोध में यहाँ तक धमकी दे डाली कि यदि मुख्तार अंसारी को कुछ भी हुआ, तो उसके लिए योगी आदित्यनाथ सबसे बड़े जिम्मेदार होंगे –

यहाँ पर मुनव्वर राणा की कुंठा स्पष्ट देखी जा सकती है। हालांकि अपने योगी विरोध में इस बार मुनव्वर राणा कुछ ज्यादा ही आगे निकल गए हैं, और यही अति आत्मविश्वास उन्हें बहुत भारी पड़ेगा।

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