विश्व के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक मुकेश अम्बानी के आवास, एंटीलिया के बाहर स्कोर्पियो गाड़ी में विस्फोटक मिलने तथा केस की मुख्य कड़ी मनसुख हिरेन की रहस्यमयी मृत्यु होने के मामले में NIA द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। एंटीलिया केस और हिरेन हत्याकांड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार किया था। अब NIA ने उन्हें इस पूरे मामले का मुख्य षड्यंत्रकर्ता बताया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार “राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के साथ ही शर्मा को भी हिरेन की हत्या का मास्टरमाइंड बताया है। उन्हें वाझे का गुरु भी बताया जाता है। शर्मा मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के साथ भी काम कर चुके हैं। इसलिए इस मामले में कई अन्य लोग भी एनआईए के रडार पर हैं”।
एनआईए का कहना है कि एंटीलिया कांड से लेकर हिरेन की हत्या की साजिश वाझे और शर्मा ने मिलकर रची थी। बता दें कि पूरी साजिश मुकेश अम्बानी को डराकर उनसे वसूली करने के लिए हुई थी। लेकिन जब NIA मनसुख हिरेन तक पहुंच गई तो साजिशकर्ता घबरा गए और हिरेन की हत्या कर दी। जांच में पता चला कि जब जांच हिरेन तक पहुंची, तब 4 मार्च को उस समय कांदिवली क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर सुनील माने ने हिरेन को रात में फोन कर घोड़बंदर रोड पर बुलाया। इसके बाद उसकी हत्या की गई और फिर मुंब्रा के रेतीबंदर खाड़ी में फेंक दिया गया था। 5 मार्च को रेतीबंदर से ही हिरेन का शव बरामद हुआ। इसके बाद विधानसभा से लेकर मीडिया तक काफी शोर हुआ।
इसके बाद एक के बाद एक करने के वाझे, सुनील माने, विनायक शिंदे आदि मुंबई पुलिस के कई अफसरों की गिरफ्तारी हुई, और अंततः NIA मुख्य साजिशकर्ता प्रदीप शर्मा तक पहुंच गई।
स्कोर्पियो में बम रखने और हिरेन की हत्या के लिए प्रदीप शर्मा ने अपने विश्वसनीय लोगों को काम पर लगाया था और उन्हें इसके लिए मोटी रकम भी दी गई थी। NIA द्वारा विनायक शिंदे, संतोष शेलार और आनंद जाधव की गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार NIA ने बताया कि ये आरोपी शर्मा के खास लोग थे। उसके कहने पर ही इन्होंने हत्या को अंजाम दिया और शव को ठिकाने लगाया। एनआईए की ओर से विशेष कोर्ट में दलील दी गई है कि हिरेन की हत्या के बाद शर्मा और वाझे को फोन कर बताया गया था कि काम हो गया है।
मुंबई में पिछले दो महीनों में जैसे जैसे खुलासे हुए हैं उसे देखते हुए यह आश्चर्यजनक नहीं लगेगा यदि इस मामले में कई और बड़े नाम सामने आए। इसी मामले में एक शिवसेना नेता की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। साथ ही एक अन्य मामले में परमबीर सिंह ने गृहमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे और पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ उगाही की बात का ज़िक्र किया था। इस मामले में भी जांच चल रही है। साफ है कि मुम्बई में पुलिस और सरकार में शामिल कई लोग धन उगाही के मामले में संलिप्त हैं, अतः यह भी हो सकता है कि जांच एजेंसियां जल्द ही वसूली के किसी बड़े मैकेनिज्म का भी खुलासा करें।