पीएम मोदी ने एक संबोधन से विपक्षी और वामपंथी मीडिया के एजेंडे की हवा निकाल दी है

ये आवश्यक था!

पीएम मोदी वैक्सीनेशन फैसला

The Indian Express

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा जाता है कि जब-जब उनका संबोधन होता है तो विपक्ष के दुष्प्रचार की पोल खुलने के साथ ही मीडिया के एजेंडे धराशाई हो जाते हैं। एक बार फिर पीएम ने राष्ट्र के नाम दिए संबोधन में कुछ ऐसा ही किया है। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तीव्र करने के लिए सप्लाई चेन को केंद्रीकृत करने की नई पॉलिसी लाने के साथ ही पीएम ने 80 करोड़ लोगों के लिए पुनः मुफ्त राशन का भी एलान कर दिया है। पीएम मोदी ने फेक न्यूज फैलाने वाले लोगों से सावधान रहने और प्रबुद्ध लोगों से उन फेक न्यूज को एक्सपोज करने का आह्वान भी किया है। पीएम के इस संबोधन को गैर बीजेपी शासित राज्यों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इन सभी की वैक्सीनेशन प्रक्रिया में अनेकों झोल थे।

कोरोना काल में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को लेकर गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने अपनी नाकामी का एक विशेष उदाहरण प्रस्तुत किया है। इन सभी ने ही पहले खुद ही वैक्सीन ख़रीद कर लगाने की बात कही थी, लेकिन इनकी राजनीतिक नौटंकियों के कारण अब पीएम मोदी ने इसमें बदलाव कर दिया है। पीएम मोदी ने एलान किया है कि अब सभी राज्यों को कोरोना की वैक्सीन केंद्र के जरिए ही मिलेगी और वैक्सीन की खरीदारी केंद्र सरकार ही करेगी। सटीक शब्दों में कहा जाए तो मोदी सरकार ने इन राज्य सरकारों की नाकामी और लोगों की जान से खिलवाड़ होता देख नीतियों में बदलाव किया है।

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पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन प्रक्रिया के संबंध में कहा, “सरकार ने फैसला लिया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 फीसदी काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था आने वाले 2 सप्ताह में लागू की जाएगी। इन 2 सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइन के अनुसार आवश्यक तैयारी कर लेंगी। 21 जून से देश के हर राज्य में 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी।”

वैक्सीन निर्माता कंपनियों से होने वाली रस्साकसी के साथ ही स्टॉक को लेकर हो रही तकरार पर अब पीएम मोदी के एक कदम से ही ब्रेक लग जाएगा। उन्होंने कहा, “वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 फीसदी हिस्सा भारत सरकार खुद खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा।” इसके साथ ही पीएम ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल 25 प्रतिशत वैक्सीन भी कंपनियों से खरीद सकेंगे।‌

वहीं लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू के कारण प्रभावित होने वाले ग़रीब तबके को पीएम मोदी ने एक बार फिर राहत देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। इस स्‍कीम के तहत नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा।” कोरोना की दूसरी लहर में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए पीएम ने इसे शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी बताया है।

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कोरोना की दूसरी लहर में सभी ने अफवाहों का गर्म बाजार देखा है। ऐसे में पीएम मोदी ने कहा,“वैक्सीनेशन को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों से सतर्क रहने की जरूरत है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वो देश के लोगों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मैं भी आप सबसे, समाज के प्रबुद्ध लोगों से युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वैक्सीन को लेकर जागरूकता बढ़ाने में सहयोग करें।” पीएम मोदी ने अपने संबोधन में हाल के प्रत्येक मुद्दे को छुआ है, जो कि देश की इस वक्त की सबसे बड़ी आवश्कताओं में शामिल हैं।

वहीं वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को लेकर मोदी सरकार का ये फैसला सराहनीय और कांग्रेस शासित राज्यों के मुंह पर तमाचे की तरह है। पिछले काफी वक्त से गैर-बीजेपी शासित राज्यों से वैक्सीन की बर्बादी के साथ ही वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी होने की खबरें आ रही थीं, जिससे उन सरकारों की नाकामी सामने आने के साथ लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ होने का भी संदेश मिल रहा था। वैक्सीनेशन से ज्यादा इन लोगों का ध्यान राजनीति पर था,  ऐसे में अब पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन प्रक्रिया को केंद्रीकृत करके सारी राजनीतिक नौटंकियों को पूर्णकालिक विराम दे दिया है।

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