‘राहुल गांधी एक विफल नेता हैं’, असम के हताश कांग्रेस विधायक ने पार्टी से दिया इस्तीफा

बड़ी संख्या में कई विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं!

the Quint

नेतृत्व क्षमता में कमी के कारण आए दिन कांग्रेस को किसी नई मुसीबत का सामना करान पड़ता है। हाल फिलहाल में कांग्रेस अपने नेताओं को एकजुट न रख पाने के सबसे विकट संकट से गुजर रही है। इसी बीच नया झटका असम से लगा है जहां पार्टी के विधायक रूपज्योति कुर्मी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस बड़े क़दम के लिए उन्होंने राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता को जिम्मेदार बताया है। असम में पहले ही कांग्रेस अपने सबसे बुरे वक्त से गुजर रही है। ऐसे में उन्होंने आशंका जताई है कि अभी कई अन्य नेता भी कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं।

कांग्रेस में आए दिन कोई न कोई नेता उठ खड़ा होता है और राहुल गांधी पर निशाना साधकर पार्टी से किनारा कर लेता है। ताजा मामला असम से जुड़ा है जहां पार्टी को चाय बागान के क्षेत्र से आने वाले एक विधायक ने तगड़ा झटका दिया है। ख़बरों के मुताबिक कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, साथ ही कांग्रेस को भी अलविदा कह दिया है। इस मुद्दे पर उन्होंने सबसे ज्यादा राहुल गांधी पर हमला बोला है और कहा है कि “जब तक कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी के हाथ में है तब तक कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होने वाला है।”

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गौरतलब है कि रूपज्योति असम के चाय बागान इलाके के मारिअनी क्षेत्र से विधायक थे। चार बार के विधायक रह चुके रूपज्योति कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे रूपम कुर्मी के बेटे हैं। उन्होंने  साफ कहा है कि वो जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष और सोनिया गांधी को सौंपने के साथ ही रूपज्योति ने कहा, “कांग्रेस आलाकमान युवाओं को नहीं सुनना चाहते हैं, इसलिए सभी राज्यों में पार्टी की स्थिति बिगड़ती जा रही है।” दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने अपने इस्तीफे के साथ ही ये भी कहा है कि पार्टी के अन्य कई नेता भी नाराज हैं और वो भी इस्तीफा दे सकतें हैं।

अपने वक्तव्य में सीधे राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए रूपज्योति ने कहा, “राहुल गांधी नेतृत्व करने में असमर्थ हैं, अगर वह कांग्रेस की कमान संभालते हैं तो पार्टी आगे नहीं बढ़ेगी।” उन्होंने कहा, “इस बार असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास जीतने का अच्छा मौका था। इस बारे में आलाकमान को भी अवगत कराया था, लेकिन पार्टी ने एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करके सब खराब कर दिया। आलाकमान अभी तक बुजुर्ग नेताओं को ही प्राथमिकता देता रहा है। युवाओं की बात वह नहीं सुनना चाहते हैं।”

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दिलचस्प बात ये भी है कि कांग्रेस को पहले ही अपने विधायकों की निष्ठा पर विश्वास नहीं था। यही कारण था कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के पहले कांग्रेस ने अपने और एआईयूडीएफ के कुछ प्रत्याशियों को कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान में रिजॉर्ट पॉलिटिक्स के लिए भेज दिया था। कांग्रेस का वो डर अब हकीकत में बदलता जा रहा है, जिसका हालिया उदाहरण रूपज्योति कुर्मी ही हैं।

कांग्रेस फिलहाल पंजाब, राजस्थान, केरल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में नेतृत्व को लेकर जूझ रही है। वहीं अब विधायक की बगावत के बाद ये माना जा रहा है कि असम में कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा टूट कर बीजेपी के साथ जा सकता है। रूपज्योति के दावा यदि सच साबित होता है तो कांग्रेस असम की राजनीति में हाशिए पर चली जाएगी।

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