राहुल गांधी को “सब मोदी चोर हैं” बोलना उतना ही भारी पड़ेगा जितना “RSS” के खिलाफ झूठ फैलाना पड़ा था

राहुल गांधी को एक बार फिर माफी मांगनी पड़ेगी, ये तय है!

राज्यसभा जांच समिति

‘सारे मोदी चोर’ कहना राहुल गाँधी को पड़ा महंगा

राहुल गांधी का विवादों से गहरा नाता रहा है, लेकिन लगता है इस बार उनकी शामत आने वाली है। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान जनाब ने नरेंद्र मोदी का नाम नीरव मोदी, ललित मोदी इत्यादि से जोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन इस प्रयास में जो बखेड़ा जनाब ने खड़ा किया, उसके पीछे अभी भी उन्हें अपनी सफाई देनी पड़ रही है। हाल ही में, काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात के सूरत में जिलाध्यक्ष के समक्ष एक अदालत में पेश होना पड़ा। मामला 2019 में ‘सारे मोदी चोर’ वाले बयान पर था। इस विषय पर कल राहुल गांधी ने अपना बयान दर्ज कराया।

2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक में नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए तत्कालीन कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पूछा था कि सभी चोर के उपनाम मोदी क्यों है? सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों लगा होता है?”

इसी विषय पर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के मोदी चोर बयान पर यह मामला दर्ज करवाया था। अब मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह सामने आया है कि राहुल गांधी ने अदालत को बताया कि उन्होंने चुनाव के दौरान मोदी चोर राजनीतिक कटाक्ष किया था। उन्होंने यह बात किसी समाज के लिए नहीं कही थी।

साथ ही कहा कि, इस मामले में अब उन्हें ज्यादा कुछ याद नहीं है। लेकिन अदालत के रुख को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी की खैर नहीं। अब ‘सारे मोदी चोर’ मामले में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।

राहुल बाबा के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है

पूर्णेश ने राहुल के ‘सारे मोदी चोर’ वाले बयान से आहात होकर अप्रैल 2019 में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज करवाया था, जो आपराधिक मानहानि से संबंधित है। राहुल अपने विवादित बयानों को लेकर देश भर की विभिन्न अदालतों में मानहानि के कई मामलों का सामना कर रहे हैं।

इससे पहले भी राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और RSS को लेकर बिना किसी ठोस प्रमाण के विवादित बयान दिए हैं। इसको लेकर वे कोर्ट से न सिर्फ फटकार खा चुके हैं, बल्कि उन्हे माफी भी माँगनी पड़ी है, फिर चाहे वो RSS को महात्मा गांधी की हत्या के लिए दोषी ठहराना हो, या फिर राफेल की खरीददारी के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पर लांछन लगाना हो।

अब ऐसे में राहुल गांधी यदि अपने आरोप सिद्ध करने में नाकाम रहे, तो एक बार वे सार्वजनिक स्तर पर बेइज्जत होंगे, और उन्हे फिर माफी माँगनी होगी। हालांकि उनकी हरकतों से देखकर लगता नहीं है कि इस बार वे माफी भी मांगेंगे।

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