उत्तर प्रदेश में दो दिनों में श्रीराम से जुड़े दो बेबुनियाद विवादों को हवा दी गई। पहले श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट पर जमीन की लेन-देन में घोटाले के फर्जी आरोप लगे, फिर गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का मामला सामने आया, जिसे मुस्लिम समुदाय के लड़कों ने ही आपसी विवाद के चलते पीटा था लेकिन इसमें जानबूझकर हिंदुओ को बदनाम करने के लिए आरोप गढ़े गए।
2 back to back fake news:
– a non existent Ram Mandir scam
– fake beating of a Muslim man and forced Jai Shri Ram chantsBoth had Shri Ram at the very core. And the speed at which both cases got exposed is just mind blowing.
The name of Shri Ram drives demons away till date.
— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) June 15, 2021
किन्तु ये दोनों फर्जी आरोप जंगल की आग की तरह तेजी से फैल गए और सोशल मीडिया के जरिये आम जनता में भ्रम पैदा करने की कोशिश हुई। हालांकि, जितनी तेजी से यह झूठ फैला, उतनी तेजी से ही योगी सरकार और जन्मभूमि ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने इसके विरुद्ध कार्रवाई भी कर दी। आरोपी को लगा कि हिंदुओं ने इस बुजुर्ग को पीटा और जय श्रीराम के नारे लगवाए।
संजय सिंह और सपा नेताओं ने राम मंदिर ट्रस्ट पर घोटाले के झूठे आरोप लगाए। हालांकि, पूरा मामला सामने आया तो पता चला कि जमीन मूलतः हरीश पाठक और कुसुम पाठक की थी, जिसे उन्होंने चार साल पहले सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को देने का एग्रीमेंट किया था। तब जमीन का दाम 2 करोड़ रुपये तय हुआ था, किन्तु पेमेंट नहीं हुई थी। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और जमीन की खरीद और बिक्री का व्यापार करने वाले कई लोग ऐसे एग्रीमेंट करते हैं।
जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फ़ैसला किया तो अयोध्या में जमीन के दाम 10 गुना बढ़ गए, जो अभी लगातार बढ़ ही रहे हैं। इसी जमीन को ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ में खरीदा, और दोनों खरीद की लेन-देन एक ही समय हुई, इसी कारण दोनों लेन-देन में बस 5 मिनट का अंतर दिखा। इसे ही कथितरूप से टिकट ब्लैक करने वाले AAP नेता संजय सिंह ने घोटाले का नाम दे दिया। राहुल गांधी, प्रियंका, अखिलेश यादव आदि ने भी इस झूठ को हवा दी।
दूसरा विवाद तो एक बुजुर्ग की पिटाई से जुड़ा मामला है, जिसे पीटा कुछ लड़कों ने था और अफवाह उड़ा दी गई कि उसे हिंदुओं ने पीटा और जय श्रीराम बोलने को कहा। इस मामले में भी कई कथित पत्रकारों, फैक्ट चेकर, मीडिया पोर्टल और ट्वीटर पर भी FIR दर्ज हुई है।
अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं, योगी सरकार को घेरने के लिए पूरे कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान अत्यधिक प्रोपेगेंडा फैलाया गया और अब राम के नाम पर झूठ फैलाया जा रहा है। अगर विपक्षी दलों ने यह दुष्टता नहीं की होती तो शायद राम मंदिर उत्तर प्रदेश चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं बनता, लेकिन मन्दिर निर्माण देखकर जिस प्रकार की छटपटाहट सपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी को हो रही है, उसे देखकर हिन्दू जनमानस पुनः राम के नाम पर एकजुट हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में अयोध्या का आध्यात्मिक के अतिरिक्त राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक महत्त्व भी है। योगी सरकार जिस तेजी से अयोध्या में राम मंदिर का विकास कर रही है, वह क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति देगा, जिसका उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा को लाभ भी मिलेगा। साथ ही विपक्ष अगर इसी प्रकार राम के नामपर झूठी अफवाह उड़ाता रहा तो यह बात भी भाजपा को ही लाभ पहुँचाएगी।