भारत के मस्जिद- मदरसों से आए दिन बाल एवं महिला उत्पीड़न की घटना सामने आते रहती है। इसी कड़ी से जुड़ी एक और खबर सामने आई है, दिल्ली के एक 48 वर्षीय मौलवी ने मस्जिद में एक नाबालिग लड़की(12) के साथ बलात्कार किया है। हालांकि, अब दिल्ली पुलिस ने मौलवी के ऊपर FIR दर्ज, उसे गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने मौलवी को 14 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रखने की अनुमति दे दी है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि, “शिकायत मिलने के बाद हमने FIR दर्ज की और आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 [बलात्कार] और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है और हमारा लक्ष्य शीघ्र न्याय दिलाने के लिए जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करना है।”
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पुलिस अधिकारी ने मामले को विस्तार में बताते हुए आगे कहा कि, लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि यह घटना उस समय हुई जब वह रविवार रात करीब 10 बजे मस्जिद के अंदर पानी लेने गई थी। पीड़ित लड़की ने आगे बताया कि उसे आरोपी ने जबरन रोका, फिर उसके बाद बलात्कार किया। घर लौटने पर लड़की ने अपने माता-पिता को सूचित किया और उन्होंने स्थानीय पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी दी।
रिपोर्ट्स के अनुसार आरोपी मौलवी गाजियाबाद के लोनी इलाके में रहता था। दिल्ली पुलिस की टीम ने लोनी इलाके के दरबार मोहल्ला में रेड मारकर मौलाना को पकड़ा है। जांच में सामने आया कि मौलाना का नाम इल्यास है और वो राजस्थान के भरतपुर का निवासी है। वह लोनी में किराए के मकान में रहता था। पुलिस ने पूछताछ के बाद मौलाना इल्यास को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक इल्यास राजस्थान का रहने वाला है, जिसकी उम्र 48 साल है। वह बहुत पढ़ा लिखा नहीं है। कई मस्जिदों में इमाम का काम करता है। वह शादीशुदा है और उसके 4 बच्चे हैं।
आपको बता दें कि फिलहाल भारत में दो ही ऐसे राज्य है जो मदरसा के आधुनिकीकरण और उसके अंदर चल रहे इस्लामिस्ट गतिविधियों पर रोक लगाने की तैयारी कर चुके है। यह दो राज्य है- उत्तर प्रदेश और असम। बता दें कि उत्तर प्रदेश ने साल 2021 में मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 479 करोड़ रुपए आवंटित किए है। वहीं असम सरकार ने आदेश दिया था कि, 1 अप्रैल 2021 से राज्य में सभी सरकारी मदरसों को बंद किया जाएगा और ऐसे 620 से अधिक मदरसों को अब आम स्कूलों में बदल दिया जाएगा।
ऐसे में आवश्यकता है कि, अन्य सरकारें भी ऐसे कदम उठाए जिससे इस तरह के मामलों पर रोक लगाई जा सके।