तथाकथित राम मंदिर घोटाला: दैनिक भास्कर ने समाजवादी पार्टी के काले कारनामों की पोल खोल दी

जो राम को ही नहीं मानते, उनके राम प्रेम का ढोंग आया सामने!

तथाकथित राम मंदिर घोटाला : ‘समाजवादी’ साजिश

हाल ही में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने राम मंदिर प्रकरण पर जानबूझकर तिल का ताड़ बनाने का प्रयास किया था। हालांकि उसे ध्वस्त करने में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के संयोजक श्री चंपत राय को जरा भी समय नहीं लगा, परंतु जल्द ही दैनिक भास्कर ने राम मंदिर घोटाला के पीछे की ‘समाजवादी’ साजिश की भी पोल खोल दी।

इसे संयोग कहिए या फिर एक सोचे समझे राम मंदिर घोटाला षड्यन्त्र का हिस्सा, परंतु सुल्तान अंसारी और तेज नारायण पाण्डेय ‘पवन’ एक ही गुट का हिस्सा कैसे हो सकते हैं? विश्वास मानिए न मानिए, परंतु यही सच है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार,
“अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीनों में घोटाले को लेकर दैनिक भास्कर की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। मालूम चला कि जिस 100 बिस्वा (करीब 3 एकड़) जमीन को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, उसे 2011 में समाजवादी पार्टी के नेता सुल्तान अंसारी ने दो करोड़ रुपए में खरीदा था। सुल्तान ने ही इसे राम मंदिर ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपए में बेचा है।”

“ध्यान दीजिए : समाजवादी पार्टी के नेता सुल्तान अंसारी। अब तक सुल्तान अंसारी को केवल एक प्रॉपर्टी दलाल माना जा रहा था, पर अब ये सामने आया है कि वे भी समाजवादी पार्टी का ही हिस्सा थे।
इसी जांच पड़ताल में ये भी मालूम चला है कि ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ‘पवन’ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से सुल्तान के काफी अच्छे रिश्ते हैं। सुल्तान समाजवादी पार्टी से पार्षद का चुनाव भी लड़ चुके हैं।”

भास्कर ने जब इसके बारे में पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय से बात की तो उन्होंने कहा कि तथ्यों के आधार पर आरोप लगाया गया है, न की सुल्तान अंसारी के कहने पर। पांडेय ने कहा कि अब तक राम मंदिर जमीन को लेकर 50 से ज्यादा रजिस्ट्री हुई है। सबकी जांच होनी चाहिए। तब साफ हो जाएगा कि मेरा आरोप सही है या नहीं।

बता दें कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ‘पवन’ एवं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर घोटाला का आरोप लगाया है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जमीन खरीद में धांधली की है।

‘पवन’ पाण्डेय के अनुसार दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। यह जमीन सदर तहसील इलाके के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है।

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तथाकथित मंदिर घोटाला राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हैं

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के संयोजक चंपत राय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के आरोप राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हैं। उनके अनुसार, “अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के साथ ही यहाँ जमीन के भाव अचानक से बढ़ गए, क्योंकि कई इलाकों से लोग आकर यहाँ भूमि खरीदने लगे।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए भूमि खरीद रही है। जिस भूखंड को लेकर संजय सिंह से आरोप लगाया, उसे रेलवे लाइन के पास खरीदा गया है। ये एक प्रमुख स्थान है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट ने अब तक जितनी भी भूमि खरीदी है, उसे खुले बाजार की कीमत से कम पर ही लिया गया है। उस भूमि को बेचने वालों ने वर्षों पूर्व अनुबंध करा लिया था। मार्च 18, 2021 को इसका बैनामा हुआ। फिर ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया गया। राम मंदिर घोटाला आरोप भ्रामक, गुमराह करने वाला और राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हैं।

सच कहें तो वामपंथी अभी भी इस बात को नहीं पचा पा रहे हैं कि आखिर कैसे श्रीराम जन्मभूमि के लिए परिसर तैयार हो रहा है। इसीलिए वे किसी भी तरह इस पवित्र भूमि को कलंकित करना चाहते हैं, ताकि इसकी पवित्रता पर प्रश्न चिन्ह लग जाएँ लेकिन अपने अति उत्साह में इन वामपंथियों ने एक बार फिर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार दी है।

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