सुप्रिया श्रीनेत, रागिनी नायक और संजय निरुपम- कैसे कांग्रेस नेताओं ने टीवी डिबेट्स को देखने लायक नहीं छोड़ा है

इन्हीं बड़बोले नेताओं के कारण कांग्रेस का सूरज 'डूबा' है!

कांग्रेस प्रवक्ता

पिछले हफ्ते, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आज तक पर एक लाइव डिबेट के दौरान भाजपा नेता संबित पात्रा को “नाली का कीड़ा” कहा था। हालांकि, यह पहली घटना नहीं थी कि कांग्रेस के नेताओं ने लाइव टीवी पर इस तरह की टिप्पणी की हो, चाहे वह बीजेपी नेता के लिए या टीवी एंकर के लिए ही क्यों न हो। कुछ कांग्रेस नेताओं ने तो शारीरिक हमला भी करने की कोशिश की है। कांग्रेस नेताओं ने टीवी डिबेट को देखने लायक नहीं छोड़ा है।

हाल ही में, @moronhumour नाम के एक ट्विटर यूजर ने ऐसे ही उदाहरणों की थ्रेड बनाई है जब कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने अपने विरोधियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने में कोई हिचक नहीं दिखाई है।

संबित पत्रा को नाली का कीड़ा कहने वाली कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व ET Now की पत्रकार सुप्रिया श्रीनेत का ही इससे पहले इसी तरह से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का रिकॉर्ड रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता श्रीनेत की पिछली बहसों को सुना जाये तो यह स्पष्ट हो जायेगा कि वह कितनी कम सहनशील है और जब भी उनके विपक्षी उनके बयानों का खंडन करने की कोशिश करते हैं तो वो अक्सर जवाब के आभाव में “non sensical” और “shut up”जैसी अपमानजनक टिपण्णी करती हैं।

श्रीनेत के अलावा, कांग्रेस के कई अन्य प्रवक्ता हैं, जो टीवी बहस के दौरान अपने विरोधियों के लिए असंसदीय भाषा का उपयोग करते हैं। रागिनी नायक उनमें से एक हैं, जो विपक्षी प्रवक्ताओं के खिलाफ इसी तरह के भाषा का प्रयोग करती हैं।

आजतक पर एक टीवी डिबेट में रागिनी नायक ने भाजपा के गौरव भाटिया के लिए “सड़कछाप”, “तोतला आदमी”, “थाली का बैंगन”, “बदतमीज़ आदमी” और अन्य कई शब्दों का इस्तेमाल किया था। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि रागिनी नायक DUSU अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुकी है।

कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक को टेलीविजन पर बहस के दौरान अपना आपा खोने की आदत है। 2018 में रागिनी नायक ने इंडिया टीवी पर एक समाचार शो के दौरान गौरव भाटिया को “तेरा बाप चोर है” कहा था।

एक अन्य कांग्रेसी नेता जो टीवी डिबेट में अपने भाषण में असभ्य होने के लिए जानी जाती हैं, वह हैं अलका लांबा। अलका जो पहले AAP की सदस्य थीं उन्होंने भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया के माता-पिता पर अनुचित टिप्पणी कर अपमान किया था। कांग्रेस प्रवक्ता अलका ने इस साल की शुरुआत में इंडिया टीवी पर एक डिबेट में कहा था, “बदतमीज़ इनका बाप होगा, बदतमीज़ इनकी मां होगी।

जब भी अलका लांबा किसी प्रश्न पर निरुतर हो जाती या किसी प्रश्न पर तार्किक खंडन नहीं मिलता है तो अलका अपने विरोधियों का मजाक उड़ाने की कोशिश करती है। न्यूज 18 पर एक बहस के दौरान, लांबा ने भाजपा प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान का मजाक उड़ाते हुए कहा था “गुरु प्रकाश में नहीं, गुरु अंधाकर में हैं।” इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कांग्रेस नेता किस हद तक गिर कर राष्ट्रीय टेलीविजन पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं।

कांग्रेस के कुछ प्रवक्ता वाद-विवाद के दौरान उनसे पूछे गए सवालों से इतने बौखला जाते हैं कि वो शो के एंकर को गाली देने से भी नहीं हिचकिचाते। कांग्रेस पार्टी के दिवंगत राजीव त्यागी ने 2018 में एक टीवी डिबेट के दौरान पत्रकार अमीश देवगन को “भड़वा” और “दलाल” कहा था।

स्वर्गीय राजीव त्यागी एक बार बहस के दौरान अपनी बात रखने के लिए सीएनएन आईबीएन7 के एंकर सुमित अवस्थी पर हमला करने के लिए भी उठ खड़े हुए थे।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए न्यूज 24 चैनल पर लाइव डिबेट के दौरान बीजेपी नेता पर एक गिलास पानी फेंक दिया था।

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कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ताओं ने अभद्रता की सीमा लांघते हुए प्रधानमंत्री को ओसामा बिन लादेन व अन्य नामों से पुकार चुके हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक बार इंडिया टीवी पर पीएम मोदी को मसूद अजहर, ओसामा बिन लादेन, दाऊद इब्राहिम और आईएसआई के रूप में वर्णित किया था।

इसी तरह राजीव देसाई, जो कांग्रेस पार्टी के प्रति सहानुभूति रखने के लिए जाने जाते हैं उन्होंने टाइम्स नाउ पर बहस करते हुए भाजपा नेता नूपुर शर्मा को “मूर्ख”, “पागल” और “बबलहेड” कहकर गाली दी थी।

ऐसा लगता है कि विपक्ष के प्रवक्ता के नाम घुमा-फिराकर टीवी पर बहस में उलझे कांग्रेसी नेताओं का शौक है। रिपब्लिक टीवी पर एक डिबेट शो में, कांग्रेस की सुजाता पॉल ने संबित पात्रा को “दया पत्र” जैसे नामों से पुकारना शुरू कर दिया था।

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता संजय निरुपम केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ सेक्सिस्ट और अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर चुके हैं। उन्होंने 2012 में एक बहस में कहा था, “आप तो टीवी पे ठुमके लगाती थी, आज चुनावी विश्लेषक बन गई।“

कांग्रेस नेता और प्रवक्ता जब अपनी बातों के खिलाफ अपने तर्कों को बचाने में असफल रहते हैं तो ये टीवी एंकरों के धमकाने से भी पीछे नहीं हटते। कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह ने एक बार 2 वरिष्ठ एंकरों- स्वर्गीय रोहित सरदाना और माणिक गुप्ता- को धमकी दी थी कि वे उनकी बात माने और अपनी नौकरी बचाए या प्रतिशोध का सामना करे। ऐसा लगता है कि चाहे कुछ भी हो जाये कांग्रेस लोकसभा में शुन्य सीटों पर ही क्यों न आ जाये, लेकिन इस पार्टी के नेताओं के अंदर भरा Elitism कभी समाप्त नहीं होने वाला है। अगर यह कहा जाये कि कांग्रेस नेताओं ने टीवी डिबेट को देखने लायक नहीं छोड़ा है तो यह गलत  नहीं है।

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